चुनाव अधिकार संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, केरल सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल 12 या 60 प्रतिशत मंत्रियों ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि पांच या 25 प्रतिशत मंत्रियों ने अपने ख़िलाफ़ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
नई दिल्ली: चुनाव अधिकार संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, केरल की पिनराई विजयन सरकार के मंत्रिमंडल में 12 मंत्रियों ने अपने चुनावी हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की जानकारी दी है.
केरल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने 21 में से 20 मंत्रियों के स्व-घोषित हलफनामों का विश्लेषण किया है, जिनमें पिनराई विजयन भी शामिल हैं, जिन्होंने 20 मई को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर पूरी तरह और ठीक से स्कैन किया गया हलफनामा उपलब्ध नहीं होने के कारण माकपा नेता और मंत्री वी. शिवनकुट्टी के हलफनामे का विश्लेषण नहीं किया जा सका.
रिपोर्ट के अनुसार, 12 या 60 प्रतिशत मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि पांच या 25 प्रतिशत मंत्रियों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
विश्लेषण किए गए 20 मंत्रियों के हलफनामे में से 13 या 65 प्रतिशत ‘करोड़पति’ हैं और 20 मंत्रियों की औसत संपत्ति 2.55 करोड़ रुपये है.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सबसे अधिक घोषित कुल संपत्ति वाले मंत्री तनूर विधानसभा क्षेत्र के वी. अब्दुरहिमन हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति 17.17 करोड़ रुपये की बताई है. सबसे कम घोषित कुल संपत्ति वाले मंत्री चेरथला विधानसभा क्षेत्र के पी. प्रसाद हैं, जिनकी संपत्ति 14.18 लाख रुपये है.’
उसमें कहा गया है कि आठ या 40 प्रतिशत मंत्रियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा आठ से 12 के बीच घोषित की है, जबकि 12 मंत्रियों ने स्नातक स्तर या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता घोषित की है.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कुल 13 (65 प्रतिशत) मंत्रियों ने अपनी आयु 41-60 वर्ष के बीच घोषित की है, जबकि सात (35 प्रतिशत) मंत्रियों ने अपनी आयु 61-80 वर्ष के बीच घोषित की है और 20 मंत्रियों में से तीन महिलाएं हैं.’
मालूम हो कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन सहित 21 मंत्रियों ने बीते 20 मई को शपथ ली थी.
गौरतलब है कि 77 वर्षीय विजयन ने छह अप्रैल को विधानसभा चुनाव में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) को लगातार दूसरी बार जिताकर इतिहास रचा था. राज्य के इतिहास में 40 साल बाद ऐसा हुआ है कि किसी मोर्चे को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए विधानसभा चुनाव में जीत मिली है. गठबंधन ने 140 में से 99 सीटों पर जीत हासिल की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)