पूर्वी उत्तर प्रदेश के गांव कोविड-19 की चपेट में, टीकाकरण की भी बुरी स्थिति

पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया और महराजगंज ज़िले के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए गए डोर-टू-डोर और संवेदीकरण अभियान के आंकड़े बताते हैं कि यहां बड़ी संख्या में खांसी, बुखार, सांस फूलने की बीमारी से लोगों की मौत हुई है.

/
A man sits next to his wife, who is suffering from fever as she receives treatment at a clinic set up by a local villager, amidst the spread of the coronavirus disease (COVID-19), in Parsaul village in Greater Noida, in the northern state of Uttar Pradesh, India, May 22, 2021. REUTERS/Adnan Abidi

पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया और महराजगंज ज़िले के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए गए डोर-टू-डोर और संवेदीकरण अभियान के आंकड़े बताते हैं कि यहां बड़ी संख्या में खांसी, बुखार, सांस फूलने की बीमारी से लोगों की मौत हुई है.

A man sits next to his wife, who is suffering from fever as she receives treatment at a clinic set up by a local villager, amidst the spread of the coronavirus disease (COVID-19), in Parsaul village in Greater Noida, in the northern state of Uttar Pradesh, India, May 22, 2021. REUTERS/Adnan Abidi
(फोटो: रॉयटर्स)

गोरखपुर: पिछले एक एक महीने से अधिक समय से पूर्वी उत्तर प्रदेश के गांवों में बड़ी संख्या में हो रहीं मौतें भले सरकारी रिकॉर्ड में कोरोना वायरस से हुई मौत के रूप में दर्ज नहीं हुई हों, लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए गए डोर-टू-डोर और संवेदीकरण अभियान के आंकड़े खुद साबित कर रहे हैं कि गांवों में लोगों की मौत प्राकृतिक नहीं, बल्कि इस महामारी से ही हुई हैं.

ये अभियान गांवों में कोविड टीकाकारण के खराब हालात की तरफ भी इशारा कर रहे हैं.

अप्रैल के दूसरे पखवाड़े से पूर्वी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में खांसी, बुखार, सांस फूलने की बीमारी से लोगों की मौत की खबरें आने लगी थीं. बाद में स्थानीय मीडिया में भी गांवों में लोगों की मौत की खबरें प्रकाशित हुईं.

तमाम गांवों से मई महीने के एक पखवाड़े में एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत की खबरें आई हैं.

गोरखपुर जिले के चौरीचौरा क्षेत्र के गौनर में एक पखवाड़े में 22, डुमरी खास में 20, राजधानी में 23 दिन में 55, पाली के चड़राव में 15, बड़हलगंज क्षेत्र के बैरिया खास में छह, ओझवली में 20, गोला क्षेत्र के पतरा गांव में 12 लोगों की मौत की खबर आई है.

इसी तरह कुशीनगर जिले के सेंदुुआर, खड्डा के रामपुर गोनहा, कसया क्षेत्र के खनखोरिया, फाजिलनगर क्षेत्र के सरैया महंत पट्टी, तमकुहीराज के अहिरौलीदान, कुबेरस्थान के साड़ी खुर्द आदि गांव में एक पखवारे में 10 से 20 लोगों की मौत की खबरें आई हैं.

देवरिया जिले के रुद्रपुर क्षेत्र के बैदा, नकईल, छपौली, गौरी बाजार के रैश्री, भलुअनी क्षेत्र के मौनगढ़वा आदि गांवों में बुखार, सांस फूलने से बड़ी संख्या में लोगों की मौत की खबरें आई हैं.

शुरू में स्वास्थ्य विभाग ने इन गांवों में मौतों कारण प्राकृतिक बताते हुए कहा था कि अधिक उम्र के लोगों की ही मौत हुई है, लेकिन जब कई गांवों में कैंप लगाकर लोगों की कोविड जांच के लिए नमूने लिए गए और डोर-टू-डोर सर्वे हुआ तो वहां बड़ी संख्या में लोग कोरोना के लक्षणों वाले और पॉजिटिव लोग मिले.

गोरखपुर जिले के गौनर गांव में 79 व्यक्तियों के नमूने लिए गए तो वहां आरटीपीसीआर की जांच में 24 व्यक्ति पॉजिटिव मिले. इसी तरह कुशीनगर जिले के अहिरौलीदान गांव में 102 नमूनों में 12 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई.

गोरखपुर जिले के सरदार नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. हरिओम पांडेय ने कहा, ‘गौनर गांव में सर्वे में 96 व्यक्तियों में बुखार, खांसी, सांस फूलने के लक्षण मिले, जिनमें से 78 ने जांच कराई. आरटीपीसीआर की रिपोर्ट में 24 लोगों के पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है.’

उन्होंने कहा कि अब हम गांव में एक सप्ताह तक कैंप कर 30 फीसदी आबादी का नमूना जांचना चाहते हैं, ताकि कोरोना मरीजों की पहचान हो सके और उनका इलाज किया जा सके.

गोरखपुर जिले के ब्रह्मपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डाॅ. ईश्वर लाल ने बताया कि राजधानी गांव में कैंप लगाया जा रहा है. दूसरे टोलों में एक सप्ताह तक हम जांच अभियान चलाएंगे. हाल के दिनों में तीन दर्जन गांवों में कैंप लगाया गया है. हर गांव में दो से पांच व्यक्ति पॉजिटिव मिल रहे हैं. अभी हमारे क्षेत्र में 50 एक्टिव केस हैं. पिछले डेढ़ महीने में 90 से अधिक पॉजिटिव केस आए थे.

कुशीनगर जिले के दुदही के प्रभारी एके पांडेय ने बताया कि हमारे क्षेत्र में एक्टिव केस 25 से अधिक हैं. गांवों में मौत की खबरें मिली हैं, लेकिन जांच न होने से कह नहीं सकते कि मौत का क्या कारण है.

गांवों में लोगों की मौत का कारण भले ही कोराना वायरस को न बताया गया हो, लेकिन डोर-टू-डोर सर्वे और संवेदीकरण अभियान की रिपोर्ट साफ तौर पर इशारा करती है कि गांव बुरी तरह से कोरोना की चपेट में हैं.

डोर-टू-डोर सर्वे में तीन जिलों में कोरोना लक्षण वाले 27,181 लोग मिले

संवाददाता के पास तीन जिलों की ऐसी रिपोर्ट है जो गांवों में कोराना के खतरनाक हालात और टीकाकरण की बेहद कमजोर स्थिति को बयां करते हैं.

इस रिपोर्ट के अनुसार, गोरखपुर, महराजगंज और देवरिया जिले के 1,446,269 घरों के सर्वे में कोराना लक्षण वाले 27,181 लोगों की पहचान की गई.

गोरखपुर जिले में किया गया सर्वे.
गोरखपुर जिले में किया गया सर्वे.

गोरखपुर जिले पांच से नौ मई तक के में डोर-टू-डोर सर्वे के अनुसार 560,831 घरों के निरीक्षण में बुखार, खांसी, सर्दी, सांस की दिक्कत, बुखार के साथ दस्त व स्वाद व गंध न पता चलने के लक्षण वाले 15,610 व्यक्तियों की पहचान हुई. इसमें बुखार के 9534, सर्दी, जुकाम व खांसी के 5,689, सांस की दिक्कत वाले 597, बुखार के साथ दस्त के 203 और बुखार के साथ स्वाद और गंध का पता न चलने वाले 517 व्यक्ति थे.

गोरखपुर जिले में कोविड-19 के अभी तक 56,595 से अधिक पॉजिटिव केस आए हैं. जिले में अभी 4590 एक्टिव केस हैं. पिछले वर्ष से अब तक 607 व्यक्तियों की कोविड संक्रमण से मौत हो चुकी है.

महराजगंज जिले में किया गया सर्वे.
महराजगंज जिले में किया गया सर्वे.

इसी तरह महराजगंज जिले में पांच मई से नौ मई तक चले डोर-टू-डोर सर्वे अभियान में कोरोना लक्षण वाले कुल 6,343 व्यक्ति चिह्नित किए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि इस सर्वे में 2,644 टीमों ने 4.28 लाख घरों पर दस्तक दी.

इस अभियान में बुखार वाले 5,254, सर्दी, जुकाम, खांसी के लक्षण वाले 2,895 और सांस फूलने वाले लक्षण के 254 लोग मिले. इसके अलावा बुखार के साथ दस्त वाले 165 तथा बुखार के साथ स्वाद या गंध का पता न चलने वाले 1,291 व्यक्तियों को चिह्नित किया गया.

महराजगंज जिले में अभी तक 11,909 से अधिक पॉजिटिव केस रिपोर्ट हो चुके हैं. जिले में अभी भी 1,293 एक्टिव केस हैं और 113 लोगों की मौत हो चुकी है.

Deoria Covid Report

देवरिया जिले में किया गया सर्वे.
देवरिया जिले में किया गया सर्वे.

देवरिया जिले में 18 और 19 मई को चले दो दिवसीय संवेदीकरण अभियान की रिपोर्ट कहती है कि दो दिन में जिले के 16 ब्लाक के 1,150 ग्राम पंचायतों के 447,903 घरों का सर्वे किया गया, जिसमें कोराना लक्षण वाले 5,228 व्यक्ति मिले. इनमें बुखार के 3,589, खर्दी, जुकाम व खांसी के 1,778, सांस लेने में दिक्कत वाले 151, बुखार के साथ दस्त से पीड़ित 103 और बुखार के साथ स्वाद व गंध का पता न चलने वाले लक्षण के 129 लोग मिले.

देवरिया जिले में अब तक 12,311 पॉजिटिव केस रिपोर्ट हुए हैं, जिसमें से 171 लोगों की मौत हो चुकी है. जिले में अभी भी 2476 एक्टिव केस है.

गांवों में टीकाकरण की दयनीय स्थिति

इन तीनों रिपोर्ट को देखने से पता चलता है कि गांवों में कोविड टीकाकरण की स्थिति अत्यंत दयनीय है.

देवरिया जिले की संवेदीकरण अभियान के रिपोर्ट के अनुसार, 16 ब्लाकों के 1,150 पंचायतों के 447,903 घरों में टीके की पहली डोज लेने वाले 16,973 लोग मिले, जबकि दूसरी डोज वाले 7,698 व्यक्ति मिले.

महराजगंज जिले में गांवों में कोविड टीकाकरण के हालात तो और भी बुरे हैं. डोर-टू-डोर सर्वे में 437,535 घरों में टीके की पहली डोज लेने वाले सिर्फ 658 और दूसरी डोज लेने वाले 132 व्यक्ति मिले.

गोरखपुर में जिले में डोर टू डोर सर्वे में 560,831 घरों का सर्वे हुआ, जिसमें टीके की पहली डोज लेने वाले 6,668 और दूसरी डोज लेने वाले 3350 लोग मिले.

(लेखक गोरखपुर न्यूज़लाइन वेबसाइट के संपादक हैं.)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq