भारत बायोटेक की ओर से कहा गया है कि वह डब्ल्यूएचओ की आपात इस्तेमाल सूची में कोवैक्सीन के सूचीबद्ध होने को लेकर आश्वस्त है. हाल में कुछ ख़बरें आई थीं कि जिन भारतीयों ने कोवैक्सीन की खुराक ली हैं, उन्हें विदेश यात्रा करने में परेशानी आ रही है, क्योंकि इस टीके को मान्यता नहीं मिली है.
नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि भारत बायोटेक को अपने कोवैक्सीन टीके को आपात इस्तेमाल के लिए सूचीबद्ध कराने को लेकर और अधिक जानकारी देनी होगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर जारी एक दस्तावेज में कहा गया है कि भारत बायोटेक ने 19 अप्रैल को रुचि की अभिव्यक्ति (EOI-Expression of Interest) संबंधी दस्तावेज पेश किया था. इस संबंध में और अधिक जानकारी की जरूरत है.
दस्तावेज के अनुसार, मई-जून 2021 में इस संबंध में एक बैठक आयोजित होने की उम्मीद है.
एजेंसी ने कहा कि यदि मूल्यांकन के लिए प्रस्तुत किया गया उत्पाद सूचीबद्ध करने के मानदंडों पर खरा उतरता है तो डब्ल्यूएचओ व्यापक रूप से इसके परिणाम प्रकाशित करेगा.
आपातकालीन उपयोग सूचीकरण प्रक्रिया की अवधि वैक्सीन निर्माता द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़ों की गुणवत्ता और डब्ल्यूएचओ के मानदंडों को पूरा करने वाले आंकड़ों पर निर्भर करती है.
इस बीच हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने सरकार को बताया है कि वह कोवैक्सीन टीके को आपात इस्तेमाल के लिए सूचीबद्ध कराने को लेकर 90 प्रतिशत दस्तावेज पहले ही डब्ल्यूएचओ के पास जमा करा चुकी है. शेष दस्तावेज जून तक जमा कराए जाने की उम्मीद है.
उन्होंने बताया कि एक अलग घटनाक्रम में बीबीआईएल अमेरिका में छोटे पैमाने पर कोवैक्सीन के तीसरे चरण के चिकित्सीय परीक्षण के लिए अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएएफडीए) के साथ वार्ता के अंतिम दौर में है.
सूत्रों ने बताया कि कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ से आपात इस्तेमाल के लिए सूचीबद्ध (ईयूएल) होने के मुद्दे पर चर्चा के लिए बीबीआईएल के शीर्ष अधिकारियों और स्वास्थ्य मंत्रालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बैठक हुई.
उल्लेखनीय है कि डल्ब्यूएचओ द्वारा ईयूएल उत्पाद की सुरक्षा और प्रभाव को प्रतिबिंबित करती है. पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा उत्पादित कोविशील्ड नाम के टीके को विश्व निकाय ने आपात इस्तेमाल अनुमति सूची में सूचीबद्ध किया है.
कोविड-19 टीके के समान वितरण की वैश्विक पहल ‘कोवैक्सीन’ में टीके को शामिल कराने के लिए भी डब्ल्यूएचओ की मान्यता की जरूरत है.
सूत्रों ने बताया, ‘बीबीआईएल डब्ल्यूएचओ की आपात इस्तेमाल सूची में कोवैक्सीन के सूचीबद्ध होने को लेकर आश्वस्त है और इसमें विदेश मंत्रालय हरसंभव सहायता करेगा.’
इस बीच भारत बायोटेक की ओर से कहा गया है कि 60 से अधिक देशों में कोवैक्सीन के लिए विनियामक अनुमोदन प्रक्रिया में हैं. 13 देशों में आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल गई है. डब्ल्यूएचओ को आपातकालीन उपयोग के लिए आवेदन भेज दिया गया है जिसका नियामक अनुमोदन जुलाई-सितंबर 2021 तक मिलने की उम्मीद है.
Regulatory approvals for COVAXIN are in process in over 60 countries. Emergency Use Authorisations have been obtained in 13 countries with more to follow. Application for Emergency Use Listing submitted to WHO-Geneva, regulatory approvals are expected Jul-Sept 2021: BharatBiotech pic.twitter.com/qahrw2MGyi
— ANI (@ANI) May 25, 2021
सूत्रों ने बताया कि बीबीआईएल ब्राजील और हंगरी में कोवैक्सीन की नियामकीय मंजूरी हेतु जरूरी दस्तावेजों को जमा कराने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में है.
सूत्र ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि दोनों देश द्विपक्षीय स्तर पर गहन चर्चा कर रहे हैं.
उन्होंने बताया, ‘बीबीआईएल इन देशों के नियामकों के नियमित संपर्क में है. उन्हें अपने डोजियर पर भरोसा है, क्योंकि उनके पास लंबे अवधि के आंकड़े हैं, जो एंटीबॉडी के छह महीने बाद और आठ महीने बाद भी बने रहने की जानकारी देते हैं.’
उन्होंने बताया, बीबीआईएल ने बैठक में स्पष्ट किया कि सभी नियामकीय मंजूरी पूर्व तारीख और बाद के लिए प्रभावी होगी.
उन्होंने बताया कि किसी भी देश ने ‘टीका पासपोर्ट’ लागू नहीं किया है और दुनिया के विभिन्न देशों की मंजूरी की अपनी व्यवस्था है, अधिकतर मामलों में यात्रा के दौरान आरटी-पीसीआर जांच में कोविड-19 निगेटिव होने के प्रमाण-पत्र की जरूरत है.
गौरतलब है कि सीरम इंस्टिट्यूट का कोविशील्ड और भारत बायोटेक का कोवैक्सीन देश में कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण का हिस्सा है और कुछ खबरें आई थीं कि जिन भारतीयों ने कोवैक्सीन की खुराक ली हैं उन्हें विदेश यात्रा करने में परेशानी आ रही है, क्योंकि इस टीके को मान्यता नहीं मिली है.
उन्होंने बताया कि बीबीआईएल की ईयूएल को लेकर सरकार के साथ हुई बैठक में कंपनी के प्रबंध निदेशक वी. कृष्णा मोहन और उनके सहयोगियों के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)