बेंगलुरु: कोविड-19 बेड बुकिंग घोटाले में भाजपा विधायक सतीश रेड्डी का सहयोगी गिरफ़्तार

भाजपा विधायक सतीश रेड्डी का गिरफ़्तार सहयोगी बाबू बीते चार मई को दक्षिणी बेंगलुरु से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या और पार्टी के अन्य नेताओं तथा कार्यकर्ताओं के साथ बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका के उस कोविड-19 वार रूम में पहुंचा था, जहां सूर्या ने 16 मुस्लिम कर्मचारियों पर कथित कोविड-19 बेड घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.

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4 मई को कोविड-19 वार रूम में अन्य भाजपा नेताओं के साथ तेजस्वी सूर्या. (फोटो: यूट्यूब स्क्रीनग्रैब)

भाजपा विधायक सतीश रेड्डी का गिरफ़्तार सहयोगी बाबू बीते चार मई को दक्षिणी बेंगलुरु से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या और पार्टी के अन्य नेताओं तथा कार्यकर्ताओं के साथ बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका के उस कोविड-19 वार रूम में पहुंचा था, जहां सूर्या ने 16 मुस्लिम कर्मचारियों पर कथित कोविड-19 बेड घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.

4 मई को कोविड-19 वार रूम में अन्य भाजपा नेताओं के साथ तेजस्वी सूर्या. (फोटो: यूट्यूब स्क्रीनग्रैब)
4 मई को कोविड-19 वार रूम में अन्य भाजपा नेताओं के साथ तेजस्वी सूर्या. (फोटो: यूट्यूब स्क्रीनग्रैब)

नई दिल्ली: बेंगलुरु सिटी पुलिस के सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने कोविड-19 बेड बुकिंग घोटाले के संबंध में विधायक सतीश रेड्डी के सहयोगी को गिरफ्तार किया है.

फिलहाल पुलिस हिरासत में रखे गए बाबू (34 वर्ष) 4 मई को दक्षिणी बेंगलुरु से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या, बोम्मानहल्ली से विधायक सतीश रेड्डी, बसावनगुड़ी विधायक रवि सुब्रमण्या और चिकपेट से विधायक उदय गरुधाचर के साथ बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के उस कोविड-19 वार रूम में पहुंचे थे, जहां 16 मुस्लिम कर्मचारियों पर इस कथित घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.

बीते चार मई को भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया था कि देश और कर्नाटक में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे है, ऐसे समय में फर्जी नामों से बेंगलुरु शहर में कम से कम 4,065 बेड ‘अवरुद्ध’ कर दिए गए हैं. इन बिस्तरों को बिना लक्षणों वाले रोगियों के नाम पर रोक कर रखा गया है, जो कि घर पर आइसोलेशन में हैं.

उन्होंने आरोप लगाया था कि ऐसे लोगों ने धोखे से अस्पतालों में बेड पर कब्जा किया हुआ है. आरोप लगाते हुए तेजस्वी सूर्या ने मुस्लिम समुदाय के 16 लोगों का नाम लिया था और यह जानने की कोशिश की थी कि वे शहर में कोविड वार रूम को क्यों नियंत्रित कर रहे हैं?

बीते चार मई को इससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने और सूर्या द्वारा उनका नाम पढ़ने के बाद सुब्रमण्या ने बीबीएमपी अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘क्या आपने इन लोगों को मदरसे के लिए या निगम (बीबीएमपी) के लिए नियुक्त किया है?’

इस पर भाजपा विधायक सतीश रेड्डी को यह कहते हुए देखा गया था कि उन्हें काम पर रखने के पीछे एक इरादा था और ये लोग इसके पीछे हैं.

बहरहाल सतीश रेड्डी के सहयोगी बाबू को गिरफ़्तार करने के बाद बेंगलुरु पुलिस ने कहा कि उसे 24 मई को बेड को ब्लॉक (अवरुद्ध) करने और मरीजों को अधिक कीमत पर बेचने में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने बताया कि वह सामाजिक कार्यकर्ता नेत्रावती और रोहित कुमार के जरिये रैकेट चलाता था, जिन्हें कुछ समय पहले पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

द हिंदू के अनुसार, जहां नेत्रावती और रोहित को अपने वॉट्सऐप नेटवर्क के माध्यम से बेड के लिए ग्राहक मिलते थे तो बाबू बिस्तर की उपलब्धता के संबंध में जानकारियां जुटाता था.

पुलिस का दावा है कि बाबू लोगों की आर्थिक हालात को देखते हुए उनसे अलग-अलग कीमत वसूलता था. वहीं, वह नेत्रावती और रोहित को इसके लिए कमीशन देता था, जबकि वह मरीजों से एकत्र किए गए धन का बड़ा हिस्सा खुद रखता था.

भाजपा सांसद सूर्या की छापेमारी से कुछ दिन पहले भाजपा विधायक सतीश रेड्डी और उनके समर्थकों (जिसमें बाबू भी शामिल था) ने उसी वार रूम में आईएएस अधिकारी वी. यशवंत पर हमला किया था.

बेंगलुरु पुलिस ने कहा कि उन्होंने वॉर रूम के सीसीटीवी फुटेज की जांच की और स्टाफ सदस्यों और डॉक्टरों के बयान दर्ज किए, जिससे बाबू के अपराध का पता चला. बाबू के अलावा पुलिस पहले ही पांच अन्य लोगों को गिरफ्तार कर चुकी थी, जो नेत्रावती, रोहित, वेंकट सुब्बा राव, मंजूनाथ और पुनीत हैं.

4 मई को सूर्या ने कोविड वॉर रूम में काम कर रहे 16 मुसलमानों के नाम पढ़कर उनकी नियुक्ति पर सवाल खड़ा कर दिया था और हंगामा किया था.

उन्होंने आरोप लगाया था कि बेंगलुरु के अस्पतालों ने पैसे कमाने के लिए नकली नामों से बिस्तरों को ब्लॉक किया है, जबकि ऐसे समय में जब बिस्तरों की भारी कमी थी.

उन्होंने दावा किया था कि बेंगलुरु नगर निगम के अधिकारियों ने निजी नर्सिंग होम और अस्पतालों के साथ मिलकर बेड ब्लॉक कर दिया और उन्हें अत्यधिक शुल्क के लिए आवंटित किया.

एक साथ कई ट्वीट करते हुए कर्नाटक कांग्रेस नेता श्रीवत्स ने पूछा किया कि क्या अब तेजस्वी सूर्या आगे आकर इस गिरफ्तारी के बारे में बताएंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि सतीश के सहयोगी की गिरफ्तारी से अब सूर्या की साजिश का खुलासा हो गया है.

एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘कुछ दिन पहले तेजस्वी सूर्या के (अस्पताल में) छापेमारी के दौरान भाजपा विधायक सतीश रेड्डी और उनके समर्थकों ने उसी (कोविड-19) वॉर रूम में आईएएस अफसर यशवंत पर हमला किया था. आईएएस यशवंत ने विधायक के एजेंटों को रंगेहाथ पकड़ा था. सतीश के सहयोगी की गिरफ्तारी से तेजस्वी सूर्या की साजिश अब सामने आ गई है.’

मालूम हो कि बेंगलुरु में कथित बेड घोटाले के आरोपों को लेकर कर्नाटक में विपक्षी कांग्रेस ने राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा था और यह आरोप लगाते हुए पार्टी सांसद तेजस्वी सूर्या और एक पार्टी विधायक की गिरफ्तारी की मांग की थी कि वे शहर में कोविड-19 रोगियों के लिए अस्पताल के बिस्तरों को अवरुद्ध करने के घोटाले के पीछे हैं.

कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ट्वीट कर भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या की ‘असंवेदनशील’ और मामले को ‘सांप्रदायिक’ बनाने के लिए निंदा की थी.

उन्होंने कहा था, ‘कर्नाटक भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या की ओर से इस मुद्दे को सांप्रदायिक बनाना वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण और असंवेदनशील है. भोजन से लेकर मृत्यु तक भाजपा नेता कुछ समुदायों को निशाना बनाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं.’

हालांकि मामले को सांप्रदायिक रंग देने के सवाल पर इंडिया टुडे से बातचीत में तेजस्वी सूर्या ने कहा था, ‘मैंने कोई भी धार्मिक नाम नहीं लिया. मैंने कभी कोई सांप्रदायिक बयान नहीं दिया. सिर्फ कुछ नाम पढ़ने के बाद मैंने पूछा था कि इन लोगों को कैसे नौकरी पर रखा गया.’

(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)