प्रदर्शन के समय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर क्षतिपूर्ति वसूलने का क़ानून हरियाणा में लागू

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य में इस क़ानून के क्रियान्वयन से लोगों की दुकानों, मकानों, सरकारी कार्यालयों, वाहनों, बसों या किसी अन्य संपत्ति को किसी आंदोलन की आड़ में पहुंचाए गए नुकसान की प्रदर्शनकारियों से भरपाई की जाएगी. इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली का प्रावधान करने वाला विधेयक पारित किया जा चुका है.

Chandigarh: Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar addresses a press conference, in Chandigarh, Thursday, Sept 13, 2018. (PTI Photo)(PTI9_13_2018_000093B)
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर. (फोटो: पीटीआई)

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य में इस क़ानून के क्रियान्वयन से लोगों की दुकानों, मकानों, सरकारी कार्यालयों, वाहनों, बसों या किसी अन्य संपत्ति को किसी आंदोलन की आड़ में पहुंचाए गए नुकसान की प्रदर्शनकारियों से भरपाई की जाएगी. इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली का प्रावधान करने वाला विधेयक पारित किया जा चुका है.

Chandigarh: Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar addresses a press conference, in Chandigarh, Thursday, Sept 13, 2018. (PTI Photo)(PTI9_13_2018_000093B)
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर. (फोटो: पीटीआई)

चंडीगढ़: प्रशासन को संपत्ति का नुकसान पहुंचाने वाले हिंसक प्रदर्शकारियों से ही मुआवजा वसूलने की अनुमति देने वाला कानून हरियाणा में प्रभाव में आ गया है.

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने बुधवार को कहा कि इस माह के प्रारंभ में राज्य सरकार ने यह कानून अधिसूचित किया था.

एक बयान के अनुसार उन्होंने कहा, ‘राज्य में इस कानून के क्रियान्वयन से लोगों की दुकानों, मकानों, सरकारी कार्यालयों, वाहनों, बसों या किसी अन्य संपत्ति को किसी आंदोलन की आड़ में पहुंचाए गए नुकसान की प्रदर्शनकारियों से भरपाई की जाएगी.’

राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने पिछले ही महीने हरियाणा जन व्यवस्था अशांति संपत्ति क्षतिपूर्ति विधेयक, 2021 को अपनी मंजूरी दी थी. इस साल मार्च में विधानसभा ने यह विधेयक पारित किया था.

यह कानून प्रशासन को सरकार एवं निजी संपत्तियों को पहुंचाए गए नुकसान की भरपाई वसूलने की अनुमति देता है.

वैसे मार्च में जब यह विधेयक विधानसभा में लाया गया था, तब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृहमंत्री विज ने कांग्रेस के इस आरोप का खंडन किया था कि इसे लाने के निर्णय का सीधा संबंध केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन से है.

यह कानून राज्य सरकार को क्षतिपूर्ति पर दावा तय करने के लिए न्यायाधिकरण के गठन का अधिकार देता है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इन न्यायाधिकरणों की अध्यक्षता हरियाणा सुपीरियर ज्यूडिशियल सर्विसेज के अधिकारी करेंगे, जिन्हें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से नियुक्त किया जाएगा.

न्यायाधिकरण दायित्व का निर्धारण करेंगे, मुआवजे के दावों का आकलन करेंगे और नुकसान का नकद मूल्य तय करेंगे और इस तरह के निर्धारण पर उपयुक्त मुआवजा वसूल करेंगे.

मालूम हो कि बीते 19 मार्च को हरियाणा सरकार ने दंगा या प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान करने वालों से वसूली के लिए एक विधेयक – हरियाणा जन व्यवस्था अशांति संपत्ति क्षतिपूर्ति विधेयक, 2021 पारित कर दिया था.

बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली का प्रावधान करने वाला विधेयक पारित किया जा चुका है.

लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक के तहत यदि कोई भी प्रदर्शनकारी सरकारी या निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने का दोषी पाया जाता है तो उसे एक साल की सजा या 5,000 रुपये से एक लाख तक के जुर्माने का सामना करना होगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)