हांगकांग ने चुनावी क़ानूनों में बदलाव किया, जनता द्वारा निर्वाचित विधायकों की संख्या हुई कम

नया क़ानून पारित होने के बाद हांगकांग के लिए फैसले लेने वाले चीन समर्थक विधायकों की संख्या बढ़ जाएगी. यह सार्वजनिक पद के लिए लड़ रहे संभावित प्रत्याशियों की पृष्ठभूमि की जांच करने और प्रत्याशी देशभक्त हों, यह सुनिश्चित करने के लिए जांच की शक्ति देता है. इस बीच लोकतंत्र समर्थक और दिग्गज मीडियाकर्मी जिम्मी लाय को 2019 में सरकार विरोधी प्रदर्शन में संलिप्तता के मामले में 14 महीने की सज़ा दी गई.

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(फोटो: रॉयटर्स)

नया क़ानून पारित होने के बाद हांगकांग के लिए फैसले लेने वाले चीन समर्थक विधायकों की संख्या बढ़ जाएगी. यह सार्वजनिक पद के लिए लड़ रहे संभावित प्रत्याशियों की पृष्ठभूमि की जांच करने और प्रत्याशी देशभक्त हों, यह सुनिश्चित करने के लिए जांच की शक्ति देता है. इस बीच लोकतंत्र समर्थक और दिग्गज मीडियाकर्मी जिम्मी लाय को 2019 में सरकार विरोधी प्रदर्शन में संलिप्तता के मामले में 14 महीने की सज़ा दी गई.

(फोटो: रॉयटर्स)
(फोटो: रॉयटर्स)

हांगकांग: हांगकांग की विधायिका ने चुनावी कानूनों में संशोधन करने वाला एक विधेयक बृहस्पतिवार को पारित किया, जिससे जनता द्वारा निर्वाचित विधायकों की संख्या कम हो जाएगी और शहर के लिए फैसले लेने वाले बीजिंग समर्थक विधायकों की संख्या बढ़ जाएगी.

नया कानून शहर के राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग को सार्वजनिक पद के लिए लड़ रहे संभावित प्रत्याशियों की पृष्ठभूमि की जांच करने और प्रत्याशी ‘देशभक्त हों, यह सुनिश्चित करने के लिए एक नई समिति गठित करने की शक्ति देता है.

हांगकांग विधायिका में सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 90 की जाएगी, जिनमें से 40 का निर्वाचन मुख्यत: बीजिंग समर्थक चुनाव समिति द्वारा किया जाएगा. हांगकांग में मतदाताओं द्वारा सीधे तौर पर चुने जाने वाले विधायकों की संख्या घटकर 20 हो जाएगी जो पूर्व में 35 थी.

विधेयक के पक्ष में 40 और विपक्ष में दो मत पड़े और इसका न के बराबर विरोध किया गया, क्योंकि अधिकांश विधायक मुख्यत: चीन समर्थक हैं.

इन विधायकों के लोकतंत्र समर्थक सहयोगियों ने पिछले साल सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया था, जब चार विधायकों को बीजिंग के प्रति पर्याप्त रूप से वफादार न बताकर विधायिका से बेदखल कर दिया गया था.

बीजिंग के पक्षधर विधायकों ने बुधवार और बृहस्पतिवार को विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान इसकी प्रशंसा की और कहा कि ये सुधार हांगकांग के प्रति वफादार न रहने वालों को सार्वजनिक पद के लिए दौड़ में शामिल होने से रोकेगा.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, चीनी अधिकारियों ने कहा है कि इस विधायिका का उद्देश्य 2019 में सरकार विरोधी अशांति के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाली कमियों और खामियों से छुटकारा पाना है और यह सुनिश्चित करना है कि केवल देशभक्त ही शहर को चलाएं.

उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करने के लिए अधिकृत नई जांच समिति राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के साथ काम करेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनाव मैदान में उतरे लोग बीजिंग के प्रति वफादार हैं.

वहीं, चीन के इस कदम की अमेरिका ने निंदा की और चीन पर हांगकांग के लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर करने का आरोप लगाया. अमेरिका ने कहा कि क्षेत्र के निवासियों के चुनावी प्रतिनिधित्व को कम करने से दीर्घकालिक स्थिरता को बढ़ावा नहीं मिलेगा.

एक बयान में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन पर हांगकांग में लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए बीजिंग और हांगकांग के अधिकारियों से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत लगाए आरोपों को वापस लेने और आरोपियों को छोड़ने का आह्वान किया.

ब्लिंकन ने कहा कि विधायिका की संरचना को बदलना हांगकांग में लोगों को अपने स्वयं के शासन में सार्थक रूप से भाग लेने और उनकी आवाज सुनने से गंभीर रूप से बाधित करता है.

उन्होंने कहा, ‘हांगकांग के निवासियों के चुनावी प्रतिनिधित्व में कमी से हांगकांग के लिए दीर्घकालिक राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता को बढ़ावा नहीं मिलेगा.’

‘एक देश, दो प्रणाली’ ढांचे के तहत अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र (हांगकांग) के अधिकारों के गंभीर अतिक्रमण के चलते चीन के कदमों की व्यापक अंतरराष्ट्रीय निंदा होती रहती है.

मालूम हो कि हांगकांग ब्रिटिश उपनिवेश रहा है. साल 1997 में इसे ‘एक देश दो सरकार’ सिद्धांत के तहत चीन को सौंप दिया गया था. इस सिद्धांत के तहत हांगकांग को एक तरह की स्वायत्तता मिली हुई है. हांगकांग का शासन 1,200 सदस्यों की चुनाव समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा चलाया जाता है.

1997 में पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश (हांगकांग) को चीन को सौंप दिए जाने के बाद से ये चुनाव सुधार हांगकांग की राजनीतिक व्यवस्था में सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तनों में से एक है.

2019 में हांगकांग की सड़कों पर व्यापक प्रदर्शनों के बाद चीन धीरे-धीरे लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को कुचलने के लिए शहर पर अपनी पकड़ बढ़ा रहा है, जो प्रत्यक्ष मतदान और विधानसभा की स्वतंत्रता जैसी नागरिक स्वतंत्रता की मांग करता है.

चीनी अधिकारियों ने कहा है कि चुनावी सुधार से ‘खामियों और कमियों’ से छुटकारा मिलेगा, उनका दावा है कि ये ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के लिए खतरा हैं.

लोकतंत्र समर्थक जिम्मी लाय को 2019 में हुए प्रदर्शन के मामले में 14 माह की सज़ा

हांगकांग में लोकतंत्र के बड़े समर्थक एवं दिग्गज मीडियाकर्मी जिम्मी लाय को 2019 में सरकार विरोधी प्रदर्शन में उनकी संलिप्तता के मामले में शुक्रवार को 14 महीने की सजा दी गई है.

जिम्मी लाय और नौ अन्य पर एक अक्टूबर 2019 को हुए प्रदर्शन में संलिप्तता का आरोप है. उस प्रदर्शन में हजारों लोग सड़कों पर उतरे थे. 1997 में ब्रिटेन से आजाद होकर चीन के नियंत्रण में आने के बाद हांगकांग में हुआ यह सबसे बड़ा प्रदर्शन था.

लाय (73 वर्ष) को 14 महीने की सजा सुनाई गई है. वह पहले ही 2019 में गैरकानूनी तरीके से रैली करने के एक मामले में 14 महीने की सजा काट रहे हैं. दोनों मामलों की सजा मिलाकर लाई को कुल 20 महीने जेल में रहना होगा.

जिम्मी लाय के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के उल्लंघन और किसी दूसरे देश के साथ मिलीभगत के एक मामले में भी जांच जारी है.

गौरतलब है कि पिछले साल 30 जून को चीन ने शहर पर एकतरफा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया था.

इस विवादित कानून में अलगाववाद, स्थापित सत्ता की शक्ति और अधिकार के खिलाफ तोड़फोड़ की गतिविधि, आतंकवाद और विदेशी ताकतों के साथ मिलीभगत को लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है.

इसके बाद से ही अधिकारियों ने लाइब्रेरियों से कुछ लोकतंत्र समर्थक किताबों को हटा दिया, कुछ गानों और स्कूलों में अन्य गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया, कुछ नारों को गैरकानूनी करार दिया और सरकार विरोधी टेबलॉयड के न्यूजरूम पर छापे डाले गए थे.

टेबलॉयड ‘एप्पल डेली’ के मालिक और हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक आवाजों में से एक जिम्मी लाय को भी गिरफ्तार कर लिया गया था.

 

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)