श्रीनगर महापौर स​मेत 60 पार्षद भूख हड़ताल पर बैठे, सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी को हटाने की मांग

श्रीनगर नगर निगम के महापौर समेत निर्वाचित सदस्यों ने आरोप लगाया है कि संयुक्त आयुक्त (योजना) गुलाम हसन मीर वास्तविक ग़रीब आवेदकों को छोड़कर सिर्फ़ अमीरों को ही भवन निर्माण की अनुमति दे रहे हैं. उन्होंने मांग की कि मीर ‘भ्रष्ट और अक्षम’ हैं, उन्हें तत्काल हटाया जाए. इन लोगों ने गुजरात कैडर के निगम आयुक्त आमिर अथर ख़ान के ख़िलाफ़ भी नारेबाज़ी की और कहा कि वे वापस अपने राज्य चले जाएं.

(प्रतीकात्मक फाइल फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर नगर निगम के महापौर समेत निर्वाचित सदस्यों ने आरोप लगाया है कि संयुक्त आयुक्त (योजना) गुलाम हसन मीर वास्तविक ग़रीब आवेदकों को छोड़कर सिर्फ़ अमीरों को ही भवन निर्माण की अनुमति दे रहे हैं. उन्होंने मांग की कि मीर ‘भ्रष्ट और अक्षम’ हैं, उन्हें तत्काल हटाया जाए. इन लोगों ने गुजरात कैडर के निगम आयुक्त आमिर अथर ख़ान के ख़िलाफ़ भी नारेबाज़ी की और कहा कि वे वापस अपने राज्य चले जाएं.

(फोटो: पीटीआई)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: श्रीनगर नगर निगम (एसएमसी) में निर्वाचित सदस्यों और सरकार द्वारा नियुक्त नौकरशाहों के बीच खींचतान जारी है. जम्मू कश्मीर में श्रीनगर के महापौर जुनैद अज़ीम मट्टू ने 60 से अधिक पार्षदों के साथ बीते गुरुवार को भूख हड़ताल शुरू की. उनकी मांग है कि श्रीनगर नगर निगम से ‘भ्रष्ट’ अधिकारी को हटाया जाए.

मट्टू और सभी दलों के कुल 61 पार्षदों ने आरोप लगाया है कि संयुक्त आयुक्त (योजना) गुलाम हसन मीर सिर्फ अमीरों को ही भवन निर्माण की इजाजत दे रहे हैं न कि वास्तविक गरीब आवेदकों को. उन्होंने निगम के दफ्तर के पास अपनी हड़ताल शुरू की है.

मट्टू ने कहा कि अधिकारी ‘भ्रष्ट और अक्षम’ हैं और उन्हें तत्काल हटाया जाए.

मट्टू ने पत्रकारों से कहा, ‘श्रीनगर नगर निगम के 61 पार्षदों ने सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है कि संयुक्त आयुक्त (योजना) गुलाम हसन मीर को उनके कर्तव्य से मुक्त कर दिया जाए. पिछले एक साल से उन्होंने वास्तविक गरीब आवेदकों को भवन निर्माण की अनुमति जारी नहीं की है.’

मट्टू ने कहा कि हड़ताल पर जाने का फैसला शहर के लोगों के कल्याण के लिए लिया गया है.

पिछले लंबे समय से श्रीनगर नगर निगम में सरकार द्वारा नियुक्त नौकरशाहों और पार्षदों एवं मेयर के बीच टकराव हो रहा है. आरोप है कि जनता द्वारा नियुक्त प्रतिनिधियों को दरकिनार कर केंद्र ने बाबुओं को अत्यधिक ताकत दे दी है, ताकि उनके अनुसार काम हो सके.

मट्टू ने कहा, ‘उन्हें (संयुक्त आयुक्त योजना) जाना होगा. जब तक वे नहीं जाते हैं, हम यहां से नहीं जाएंगे.’

जब गुलाम हसन मीर से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘सरकार ने मुझसे कहा है कि मैं कोई टिप्पणी न करूं. सरकार फैसला लेगी. मैं टिप्पणी नहीं कर सकता.’

वहीं मट्टू ने अखबार से कहा, ‘उन्होंने बयान दिया है कि सभी पार्षद चोर हैं और उनका निहित स्वार्थ है. हमें बदनाम किया गया है. कब जागेगा प्रशासन. जब विदेशी गणमान्य या राजदूत यहां आते हैं, तो आईएएस और केएएस (कश्मीर प्रसासनिक सेवा) अधिकारियों के बजाय हमें उनसे मिलना होता है, लेकिन जैसे ही वे हवाईअड्डे पहुंचते हैं, हमें अधिकारियों के नीचे काम करना पड़ता है.’

प्रदर्शनकारियों ने श्रीनगर नगर निगम आयुक्त आमिर अथर खान के खिलाफ भी नारेबाजी की और कहा कि वे वापस गुजरात चले जाएं.

खान गुजरात कैडर के अधिकारी हैं, जिन्हें जम्मू कश्मीर भेजा गया है. खान ने भी इस मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.

एसएमसी के निर्वाचित सदस्यों ने हाल ही में संयुक्त आयुक्त (योजना) की नियुक्ति के लिए मंजूरी वापस ले ली थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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