टीकाकरण में कमीशन का आरोप: भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या व उनके विधायक चाचा की गिरफ़्तारी की मांग

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें एक अस्पतालकर्मी कहता है कि अस्पताल को 700 रुपये का भुगतान भाजपा विधायक रवि सुब्रमण्या को करना होता है, जिन्होंने वैक्सीन का प्रबंध किया है. बीते दिनों बेंगलुरु सिटी पुलिस ने कथित कोविड-19 बेड बुकिंग घोटाले के संबंध में बोम्मानहल्ली से भाजपा विधायक सतीश रेड्डी के सहयोगी बाबू को गिरफ़्तार किया है.

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तेजस्वी सूर्या. (फोटो साभार: फेसबुक)

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें एक अस्पतालकर्मी कहता है कि अस्पताल को 700 रुपये का भुगतान भाजपा विधायक रवि सुब्रमण्या को करना होता है, जिन्होंने वैक्सीन का प्रबंध किया है. बीते दिनों बेंगलुरु सिटी पुलिस ने कथित कोविड-19 बेड बुकिंग घोटाले के संबंध में बोम्मानहल्ली से भाजपा विधायक सतीश रेड्डी के सहयोगी बाबू को गिरफ़्तार किया है.

तेजस्वी सूर्या. (फोटो साभार: फेसबुक)
तेजस्वी सूर्या. (फोटो साभार: फेसबुक)

बेंगलुरु/नई दिल्ली: कांग्रेस ने एक कथित ऑडियो टेप का हवाला देते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि कर्नाटक के एक निजी अस्पताल में कोरोना रोधी टीके की प्रति खुराक पर कमीशन लिया जा रहा है और इसमें भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या और उनके चाचा विधायक रवि सुब्रमण्या की ‘सीधे तौर पर संलिप्तता’ है.

पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा के इन दोनों नेताओं के खिलाफ प्राथमिकता दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए तथा उनकी लोकसभा एवं विधानसभा की सदस्यता को रद्द किया जाना चाहिए.

कांग्रेस के इस आरोप पर फिलहाल भाजपा या सूर्या की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई हैं. हालांकि सुब्रमण्या ने ट्वीट के जरिये और कर्नाटक की स्थानीय मीडिया से बातचीत में अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि कुछ शरारती तत्व उनके नाम गलत ढंग से इस्तेमाल कर रहे हैं.

मुख्य विपक्षी दल ने जिस कथित ऑडियो टेप का हवाला देते आरोप लगाया है उसकी प्रामाणिकता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है.

पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘कर्नाटक के एक निजी अस्पताल की सुपरवाइजर इस ऑडियो में यह कहते हुए सुनी जा सकती हैं कि टीके के एक खुराक की कीमत 900 रुपये वसूली जा रही है, क्योंकि इसमें 700 रुपये सुब्रमण्या को देने होते हैं.’

उन्होंने यह दावा भी किया कि सूर्या ने इस निजी अस्पताल में टीकाकरण को होर्डिंग के माध्यम से प्रचारित-प्रसारित किया.

उन्होंने सवाल किया, ‘सरकारी अस्पतालों में टीके नहीं मिल रहे हैं, लेकिन निजी अस्पताल में टीके मिल रहे हैं. क्या इसकी वजह यही कमीशन है?’

कांग्रेस नेता खेड़ा ने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि तेजस्वी सूर्या और उनके रिश्तेदार रवि सुब्रमण्या के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए. कुछ सांसदों के पश्न पूछने के बदले पैसे लेने के मामले की तर्ज पर इस मामले में भी सूर्या की लोकसभा और सुब्रमण्या की विधानसभा की सदस्य रद्द करनी चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘अगर कर्नाटक की जनता को टीके की कालाबाजारी से बचाना है तो भाजपा के इन नेताओं की गिरफ्तारी की जाए.’

खेड़ा ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को इस विषय पर सामने आकर जवाब देना चाहिए. उन्होंने सवाल किया, ‘सरकारी अस्पतालों में टीके नहीं मिल रहे हैं, लेकिन निजी अस्पताल में टीके मिल रहे हैं. क्या इसकी वजह यही कमीशन है?’

 इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक ऑडियो में वेंकटेश नाम के सामाजिक कार्यकर्ता को यह पूछते सुना जा सकता है कि वैक्सीन की हर डोज की कीमत 900 रुपये क्यों हैं, जबकि इस दौरान दूसरी तरफ से आवाज आती है, जो कथित तौर पर दक्षिण बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल के एक स्टाफकर्मी की है, जो कहता है कि अस्पताल को 700 रुपये का भुगतान बसावनगुड़ी से भाजपा विधायक रवि सुब्रमण्या को करना है, जिन्होंने उनके लिए वैक्सीन का प्रबंध किया है.

कुमारस्वामी लेआउट में स्थित इस निजी अस्पताल के लिए तेजस्वी सूर्या टीकाकरण का प्रचार कर रहे हैं.

उन्होंने 25 मई को ट्वीट कर कहा था, ‘वसावी अस्पताल की अगुवाई में बेंगलुरु दक्षिण में टीकाकरण अभियान. पहले चरण में 18 साल से अधिक आयु के लोगों के लिए 15,000 कोविशील्ड (सिर्फ पहली खुराक) उपलब्ध है. पूर्व रजिस्ट्रेशन पर ही टीकाकरण होगा. सिर्फ अस्पताल पहुंचने पर टीकाकरण नहीं होगा.’

हालांकि, विधायक सुब्रमण्या ने उन पर लगाए जा रहे आरोपों को आधारहीन और उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश का हिस्सा बताते हुए इससे इनकार किया है.

उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘कुछ शरारती तत्वों ने एक ऑडियो रिकॉर्डिंग के जरिये कोविड वैक्सीन के शुल्क को लेकर मुझ पर आरोप लगाए हैं. यह शर्मनाक है, वह भी ऐसे समय में जब पूरा विश्व महामारी के दौरान एक-दूसरे की मदद कर रहा है. जिस दंपति ने इसकी साजिश की है, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए, ताकि जनता को झूठे दावों के साथ गुमराह नहीं किया जा सके.’

रिपोर्ट के अनुसार, विधायक ने निजी अस्पताल का भी दौरा किया और इस दौरान वह मामले में उनका नाम घसीटे जाने पर वहां के स्टाफकर्मियों पर गुस्सा करते नजर आए.

उन्होंने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘मैं उस शख्स के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करूंगा जिसने यह दावा किया है कि मैं वैक्सीन की सप्लाई कर रहा था.’

इस दौरान निजी अस्पताल द्वारा बयान जारी कर यह स्पष्टीकरण दिया गया कि विधायक का आयोजित किए जा रहे स्वतंत्र टीकाकरण अभियान से कोई संबंध नहीं था.

बयान में कहा गया, ‘वैक्सीन अस्पताल द्वारा खरीदी जाती है और निर्धारित सरकारी दरों पर लोगों को लगाई जाती है.’

बाद में सामाजिक कार्यकर्ता वेंकटेश ने मीडिया में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि सूर्या द्वारा दिए गए विज्ञापन और अस्पताल के टीकाकरण अभियान को बढ़ावा देने में उनका निहित स्वार्थ छिपा है.

उन्होंने कथित तौर पर ऑडियो क्लिप का हवाला देते हुए कहा, ‘अस्पताल के प्रतिनिधि ने उल्लेख किया है कि वैक्सीन विधायक रवि सुब्रमण्या के गिरीनगर कार्यालय और वसावी अस्पताल से प्राप्त किए जाते हैं. तेजस्वी सूर्या के विज्ञापन में भी वसावी अस्पताल का नाम है.’

हालांकि, न गिरीनगर और न ही बसावनगुड़ी पुलिस थाने ने इस तरह की शिकायत की पुष्टि की है.

डीसीपी (दक्षिण) हरिश पांडे ने कहा, ‘हमें अभी तक वेंकटेश की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है. हालांकि, एक शिकायत सीधे तौर पर मुझ तक आई, जिसमें अस्पताल के टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर आरोप लगाए गए थे और इसे कुमारस्वामी लेआउट पुलिस थाने को फॉरवर्ड कर दिया गया है.’

बहरहाल कांग्रेस नेता खेड़ा ने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि तेजस्वी सूर्या और रवि सुब्रमण्या के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए, कुछ सांसदों के प्रश्न पूछने के बदले पैसे लेने के मामले की तर्ज पर इस मामले में भी सूर्या की लोकसभा और सुब्रमण्या की विधानसभा की सदस्य रद्द करनी चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘अगर कर्नाटक की जनता को टीके की कालाबाजारी से बचाना है तो भाजपा के इन नेताओं की गिरफ्तारी की जाए.’

इससे पहले 4 मई को दक्षिणी बेंगलुरु से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या, बोम्मानहल्ली से विधायक सतीश रेड्डी, बसावनगुड़ी विधायक रवि सुब्रमण्या और चिकपेट से विधायक उदय गरुधाचर के साथ बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के उस कोविड-19 वार रूम में पहुंचे थे, जहां 16 मुस्लिम कर्मचारियों पर इस कथित घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.

भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया था कि देश और कर्नाटक में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे है, ऐसे समय में फर्जी नामों से बेंगलुरु शहर में कम से कम 4,065 बेड ‘अवरुद्ध’ कर दिए गए हैं. इन बिस्तरों को बिना लक्षणों वाले रोगियों के नाम पर रोक कर रखा गया है, जो कि घर पर आइसोलेशन में हैं.

उन्होंने आरोप लगाया था कि ऐसे लोगों ने धोखे से अस्पतालों में बेड पर कब्जा किया हुआ है. आरोप लगाते हुए तेजस्वी सूर्या ने मुस्लिम समुदाय के 16 लोगों का नाम लिया था और यह जानने की कोशिश की थी कि वे शहर में कोविड वार रूम को क्यों नियंत्रित कर रहे हैं?

बीते चार मई को इससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने और सूर्या द्वारा उनका नाम पढ़ने के बाद सुब्रमण्या ने बीबीएमपी अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘क्या आपने इन लोगों को मदरसे के लिए या निगम (बीबीएमपी) के लिए नियुक्त किया है?’

बेड घोटाले के आरोपों को लेकर कर्नाटक में विपक्षी कांग्रेस ने राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा था और यह आरोप लगाते हुए पार्टी सांसद तेजस्वी सूर्या और एक पार्टी विधायक की गिरफ्तारी की मांग की थी कि वे शहर में कोविड-19 रोगियों के लिए अस्पताल के बिस्तरों को अवरुद्ध करने के घोटाले के पीछे हैं.

कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ट्वीट कर भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या की ‘असंवेदनशील’ और मामले को ‘सांप्रदायिक’ बनाने के लिए निंदा की थी.

बीते दिनों बेंगलुरु सिटी पुलिस के सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने कोविड-19 बेड बुकिंग घोटाले के संबंध में बोम्मानहल्ली से भाजपा विधायक सतीश रेड्डी के सहयोगी बाबू को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने कहा था कि उसे 24 मई को बेड को ब्लॉक (अवरुद्ध) करने और मरीजों को अधिक कीमत पर बेचने में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने बताया कि बाबू सामाजिक कार्यकर्ता नेत्रावती और रोहित कुमार के जरिये रैकेट चलाता था, जिन्हें कुछ समय पहले पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

 (समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)