आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि प्रमुख ब्याज दरों- रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट को अपरिवर्तित रखा गया है और आर्थिक वृद्धि को मज़बूत बनाने में मदद के लिए मौद्रिक नीति में नरम रुख़ जारी रहेगा.
नई दिल्ली: कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए नरम मौद्रिक नीति बनाए रखने का भरोसा देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को अपनी नीतिगत दर रेपो रेट को चार प्रतिशत के मौजूदा स्तर पर बनाए रखा है.
आरबीआई ने कोविड-19 की दूसरी लहर और उससे निपटने के लिए राज्यों में लगाए गए लॉकडाउन और कर्फ्यू के बीच चालू वित्त वर्ष 2021-22 की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को पहले के 10.5 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया.
यह लगातार छठी समीक्षा है, जिसमें केंद्रीय बैंक ने अपनी एक दिन के उधार की ब्याज दर- रेपो रेट (जो कि चार फीसदी है) और रिवर्स रेपो रेट (जो कि 3.35 फीसदी है) में कोई बदलाव नहीं किया.
रेपो दर वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक दूसरे वाणिज्यक बैंकों (कॉमर्शियल बैंक) को अल्पावधि के लिए नकदी या कर्ज उपलब्ध कराता है.
Marginal Standing Facility (MSF) rate and bank rates remain unchanged at 4.25%. The reverse repo rate also remains unchanged at 3.35%: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/fcUiaNWG2c
— ANI (@ANI) June 4, 2021
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की समीक्षा बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि प्रमुख ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा गया है और आर्थिक वृद्धि को मजबूत बनाने में मदद के लिए मौद्रिक नीति में नरम रुख जारी रहेगा.
उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 10.5 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत किया है. दास ने कहा कि मानसून सामान्य रहने से आर्थिक वृद्धि में मदद मिलेगी.
शक्तिकांत दास ने कहा कि पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 18.5 फीसदी, दूसरी तिमाही में 7.9 फीसदी, तीसरी तिमाही में 7.2 फीसदी और चौथी तिमाही में 6.6 फीसदी की दर से वृद्धि हो सकती है.
इससे पहले आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में 26.2 फीसदी, दूसरी में 8.3 फीसदी, तीसरी में 5.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 6.2 फीसदी की दर से अर्थव्यवस्था में वृद्धि का अनुमान लगाया था.
इसके साथ ही रिजर्व बैंक का अनुमान है कि खुदरा मुद्रास्फीति 2021-22 में 5.1 प्रतिशत रहेगी. समिति का अनुमान है कि मुद्रास्फीति में हाल में आई गिरावट से कुछ गुंजाइश बनी है, आर्थिक वृद्धि को पटरी पर लाने के लिए सभी तरफ से नीतिगत समर्थन की आवश्यकता है.
Monetary Policy Committee (MCC) voted to maintain status quo i.e. repo rate remains unchanged at 4%. MCC also decided to continue with accommodative stance as long as necessary to revive & sustain growth on durable basis & to mitigate impact of COVID on economy: RBI Governor pic.twitter.com/6HQZFvA9j8
— ANI (@ANI) June 4, 2021
आरबीआई 17 जून को 40 हजार करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) की खरीद करेगा. साथ ही दूसरी तिमाही में 1.20 लाख करोड़ रुपये की प्रतिभूति खरीदी जाएंगी.
रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा हमारा अनुमान है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डालर से ऊपर निकल गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)