स्थानीय शहरी निकायों के प्रतिनिधियों के साथ ऑनलाइन बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार ने आवारा मवेशियों की समस्या कम करने के प्रयास किए हैं लेकिन इसे लेकर समाज को जागरूक करने की ज़रूरत है ताकि परिवार गायों को गोद ले सकें.
लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवारा पशुओं की समस्या पर चिंता जताते हुए स्थानीय शहरी निकायों से कहा है कि वे आम लोगों को गायों को गोद लेने के लिए प्रेरित करें.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को स्थानीय शहरी निकायों के प्रतिनिधियों के साथ ऑनलाइन बातचीत के दौरान कहा कि राज्य सरकार ने आवारा मवेशियों की समस्या को कम करने के प्रयास किए हैं लेकिन इसे लेकर समाज को जागरूक करने की जरूरत है ताकि परिवार गायों को गोद ले सकें.
मुख्यमंत्री ने शहरी निकायों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘गाय केवल भूसा ही नहीं खाएगी, गाय के लिए हरे चारे की भी व्यवस्था करनी पड़ेगी. गाय के लिए कुछ अच्छे चोकर की व्यवस्था करनी पड़ेगी तभी वह हष्ट-पुष्ट रहेगी, अन्यथा कमजोर होगी तो उसका भी पाप हमारे ऊपर लगेगा.’
उन्होंने स्थानीय निकायों को 300 से 500 रुपये के बीच की वार्षिक राशि निर्धारित करने को कहा ताकि कोई भी शख्स अपने नाम पर गायों को गोद लेने के लिए भुगतान कर सकें.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों से अपील की कि अपने क्षेत्र के सीएचसी, पीएचसी, सब सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में से एक-एक को गोद लें और वहां नियमित निरीक्षण करें. इसके लिए आने वाले दिनों में एक पोर्टल विकसित करने की बात की गई है.
उन्होंने प्रतिनिधियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि शवों को नदियों में प्रवाहित करने की परंपरा भी बंद करनी होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आपने देखा होगा तमाम लोग अंतिम संस्कार करने के बजाय मृत शरीर को नदी में प्रवाहित कर देते थे. ये अच्छी स्थिति नहीं है. कभी किसी ने परंपरा के रूप में अपनाया होगा, उसके कुछ नियम रहे होंगे लेकिन आज इतनी बड़ी आबादी हो चुकी है कि उन लोगों को समझाएं कि ऐसा नहीं करें.’
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्थानीय शहरी निकायों को ऐसे परिवारों की अंतिम संस्कार में मदद करनी चाहिए, जिनके पास दाह संस्कार के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं.
बता दें कि बीते दिनों उत्तर प्रदेश में गंगा और इसकी सहायक नदियों में बड़ी संख्या में संदिग्ध कोरोना संक्रमितों के शव तैरते हुए मिले थे.
इसके अलावा कई मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में 2000 से अधिक शव आधे-अधूरे तरीके या जल्दबाजी में दफनाए गए या गंगा किनारे पर मिले हैं.
मुख्यमंत्री ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका पर कहा कि स्थानीय निकायों को न केवल महामारी से लड़ने के लिए, बल्कि इंसेफेलाइटिस, मलेरिया, चिकनगुनिया, काला अजार जैसी संक्रामक बीमारियों से लड़ने के लिए विशेष सफाई, गाद निकालने, स्वच्छता और फॉगिंग अभियान चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए.