इस सूचकांक में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मापदंडों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति का मूल्यांकन किया जाता है. केरल ने 75 अंक के साथ शीर्ष राज्य के रूप में अपना स्थान बरक़रार रखा है, जबकि बिहार, झारखंड और असम सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाले राज्य रहे हैं.
नई दिल्ली: नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) भारत सूचकांक 2020-21 में केरल ने एक बार फिर शीर्ष स्थान बरकरार रखा है, जबकि इसमें बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है.
सतत विकास लक्ष्यों के इस सूचकांक (एसडीजी) में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मापदंडों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति का मूल्यांकन किया जाता है.
देश के स्तर पर एसडीजी स्कोर 2020-21 में छह अंकों के सुधार के साथ 60 से बढ़कर 66 अंक रहा है.
नीति आयोग ने एक बयान में कहा कि देश भर में मुख्य रूप से स्वच्छ जल एवं स्वच्छता और सस्ती एवं स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अनुकरणीय प्रदर्शन से प्रेरित होकर लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में सकारात्मक प्रयास किया गया.
एक रिपोर्ट के अनुसार, केरल ने 75 अंक के साथ शीर्ष राज्य के रूप में अपना स्थान बरकरार रखा, जबकि 74 अंक के साथ हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु को दूसरा स्थान मिला.
इस साल के सूचकांक में बिहार, झारखंड और असम सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बीते गुरुवार को भारत एसडीजी सूचकांक का तीसरा संस्करण जारी किया.
In case you're unable to access the report, please use this link – https://t.co/zhYTdNP5xW
— NITI Aayog (@NITIAayog) June 3, 2021
केंद्र शासित प्रदेशों में 79 अंक के साथ चंड़ीगढ़ शीर्ष पर रहा, जिसके बाद 68 अंक के साथ दिल्ली का स्थान रहा.
वर्ष 2020-21 में अपने स्कोर को बेहतर बनाने में मिजोरम, हरियाणा और उत्तराखंड सबसे आगे रहे. उनके आंकड़े में क्रमश: 12, 10 और आठ अंक का सुधार हुआ.
जहां 2019 में 65 से 99 अंक का स्कोर हासिल करने वाले सबसे आगे रहने वाले राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की श्रेणी में 10 राज्य/केंद्रशासित प्रदेश शामिल थे, वहीं इस बार इसमें 12 और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने इसमें जगह बनाई है.
उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, मिजोरम, पंजाब, हरियाणा, त्रिपुरा, दिल्ली, लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख ने 65 से 99 अंक के दायरे में स्कोर हासिल कर दौड़ में आगे रहने वाले राज्यों का स्थान प्राप्त किया.
स्वास्थ्य क्षेत्र के लक्ष्यों के लिहाज से गुजरात और दिल्ली क्रमश: राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सूची में पहले स्थान पर रहे.
वहीं, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में इन दोनों श्रेणियों में क्रमश: केरल और चंडीगढ़ सबसे ऊपर रहे. गरीबी नहीं (नो पॉवर्टी) लक्ष्य के तहत तमिलनाडु और दिल्ली शीर्ष पर थे. विषमताओं में कमी के मामले में मेघालय और चंडीगढ़ ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया. दोनों को 100 अंक मिले.
कुमार ने कहा, ‘एसडीजी भारत सूचकांक के जरिए एसडीजी की निगरानी के हमारे प्रयास को दुनिया भर में व्यापक रूप से सराहा गया है. एसडीजी पर एक समग्र सूचकांक की गणना करके हमारे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को श्रेणीबद्ध करने के लिए यह एक दुर्लभ डेटा आधारित पहल है.’
Congratulations to all the Front Running States 🏆
Your continuous engagement, enriching feedback with localised insights with #SDGTeam played a crucial role in shaping the #SDGIndiaIndex and Dashboard 2020-21!
Report: https://t.co/ClNGgfiqjx
Dashboard: https://t.co/piGw8xKypj pic.twitter.com/cdyC3Ygdf1— NITI Aayog (@NITIAayog) June 4, 2021
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, ‘यह रिपोर्ट हमारे एसडीजी प्रयासों के दौरान तैयार की गई साझेदारी और उसकी मजबूती को दर्शाती है. इससे पता चलता है कि किस तरह मिलकर की गई पहलों के जरिए बेहतर नतीजे पाए जा सकते हैं.’
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने साझेदारियों की थीम को लेकर कहा, ‘यह साफ है कि साथ मिलकर हम एक ज्यादा मजबूत और सतत भविष्य का निर्माण कर सकते हैं जिसमें कोई पीछे नहीं छूटेगा.’
इस सूचकांक की शुरुआत दिसंबर 2018 में हुई थी और यह देश में एसडीजी पर प्रगति की निगरानी के लिए प्रमुख साधन बन गया है.
पहले संस्करण 2018-19 में 13 उद्देश्य, 39 लक्ष्यों और 62 संकेतकों को शामिल किया गया था, जबकि इस तीसरे संस्करण में 17 ध्येय, 70 लक्ष्यों और 115 संकेतकों को शामिल किया गया.
नीति आयोग के पास देश में एसडीजी को अपनाने एवं उसके पर्यवेक्षण पर निगरानी करने और राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के बीच प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने का दोहरा अधिकार है.
यह सूचकांक राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जुड़े होने के साथ-साथ 2030 एजेंडा के तहत वैश्विक लक्ष्यों की व्यापक प्रकृति की अभिव्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है.
इस सूचकांक की मॉड्यूलर प्रकृति स्वास्थ्य, शिक्षा, लिंग, आर्थिक विकास, संस्थानों, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण सहित निर्धारित लक्ष्यों की विस्तृत प्रकृति पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति का आकलन करने का एक नीतिगत उपकरण और एक तैयार कसौटी बन गया है.
भारत में संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से विकसित एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2020-21 सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति को उन 115 संकेतकों पर आंकता है, जो सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के राष्ट्रीय संकेतक फ्रेमवर्क (एनआईएफ) से जुड़े हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)