उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले में बीते कुछ दिनों से शराब से मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इससे पहले हुई एक अन्य घटना में 36 लोगों की मौत हो चुकी है. इस संबंध में ज़िले के विभिन्न थानों में दर्ज 16 अलग-अलग मामलों में कुल 38 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. साथ ही दो साल से अधिक समय से एक ही थाने में तैनात 548 से अधिक पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया है.
अलीगढ़: अलीगढ़ जिले में नहर में फेंकी गई कथित जहरीली शराब पीने के कारण तीन और लोगों की मौत होने से एक गांव में मरने वालों की संख्या नौ हो गई है. शुक्रवार को एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
अलीगढ़ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) भानु प्रताप कल्याणी ने पुष्टि की कि बृहस्पतिवार से अब तक रोहेरा गांव में जहरीली शराब के सेवन करने वाले नौ लोगों के पोस्टमॉर्टम किए जा चुके हैं.
उन्होंने बताया कि पीड़ितों का उपचार मुख्य रूप से जवाहर नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल और कुछ निजी अस्पतालों में किया जा रहा है.
कल्याणी के मुताबिक, एक ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले कई मजदूर अब भी अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
पुलिस के अनुसार, चार जून की सुबह अकबराबाद थाना क्षेत्र के कोड़ियागंज में एक अन्य ईंट भट्ठे पर काम करने वाले मजदूर की कथित तौर पर नकली शराब पीने से मौत हो गई. पुलिस के मुताबिक यह शराब उसी नहर में एक टोकरे में तैर रही थी जो दो जून को रोहेरा गांव के मजदूरों को मिली थी.
मालूम हो कि बीते दो जून की रात जवां थाना क्षेत्र के रोहेरा गांव के पास एक नहर में फेंकी गई संदिग्ध रूप से मिलावटी शराब पीने से बड़ी संख्या में ईंट-भट्ठा श्रमिक बीमार हो गए थे और छह ईंट-भट्ठा श्रमिकों की मृत्यु हो गई थी.
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर हारिस मंजूर ने बताया, ‘इस अस्पताल में दो जून रात से तीन जून की शाम तक 32 लोग भर्ती हुए, जिनमें सात (कुल नौ मौतों में से) की आज (शुक्रवार) सुबह तक मौत हो गई और 25 का उपचार अभी भी चल रहा है, जिनमें कई की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है.’
सीएमओ कल्याणी ने पत्रकारों को बताया कि पिछले शुक्रवार (28 मई) को जहरीली शराब की घटना के बाद अब तक कुल 98 लोगों का पोस्टमॉर्टम किया जा चुका है.
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन उन सभी 98 लोगों की मौत के कारणों की पुष्टि के लिए विसरा रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. प्रशासन ने 28 मई की जहरीली शराब की घटना से अब तक 36 लोगों की मौत की पुष्टि की है.
दो जून को रोहेरा गांव में हुई जहरीली शराब की घटना में महिलाओं समेत सभी पीड़ित बिहार राज्य के प्रवासी मजदूर हैं और यहां एक स्थानीय ईंट भट्ठे पर काम करते हैं और अस्थायी तौर पर झोपड़ियों में रहते हैं.
हादसे के बाद तीन जून को जब मीडियाकर्मी वहां पहुंचे तो एक दर्जन से अधिक बच्चे भूखे प्यासे मिले जिनके माता-पिता अस्पतालों में भर्ती थे.
यह मामला संज्ञान में आते ही स्थानीय विधायक दलवीर सिंह ने तुरंत बच्चों के भोजन की व्यवस्था कराई.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बीते तीन जून को संवाददाताओं को बताया था कि दो जून की रात जवां थाना क्षेत्र के रोहेरा गांव के पास एक नहर में फेंकी गई संदिग्ध रूप से मिलावटी शराब पीने से बड़ी संख्या में ईंट-भट्ठा श्रमिक बीमार हो गए.
इससे पहले एक अन्य मामले में 28 मई के बाद से अवैध शराब के सेवन से कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई थी.
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी ने शुक्रवार को बताया कि जिला पुलिस ने 28 मई की घटना के प्रमुख आरोपी व शराब माफिया सरगना ऋषि शर्मा को पकड़ने के लिए अपनी तलाश तेज कर दी है और शर्मा को गिरफ्तार करने के लिए 50,000 रुपये से इनाम बढ़ाकर 75,000 कर दिया है.
पिछले छह दिनों के दौरान दर्ज 13 अलग-अलग मामलों में ऋषि शर्मा गंभीर आरोपों का सामना कर रहा है.
शर्मा के बारे में चर्चा है कि उसके प्रमुख नेताओं से कथित राजनीतिक संबंध हैं.
एसएसपी ने कहा कि शर्मा के परिवार के पांच करीबी सदस्य, जिनमें उसकी पत्नी, बेटा, भाई मुनीश और कपिल शर्मा और उसके भतीजे आकाश को गिरफ्तार किया जा चुका है.
उन्होंने बताया कि जिले के विभिन्न थानों में दर्ज 16 अलग-अलग मामलों में कुल 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
एसएसपी नैथानी ने कहा कि जिले में दो साल से अधिक समय से एक ही थाने में तैनात 548 से अधिक पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया है.
एसएसपी ने कहा कि पिछले चार दिनों में एक पुलिस उपाधीक्षक, दो थानाध्यक्षों समेत पांच पुलिस निरीक्षकों को शराब माफिया से संलिप्तता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.
उन्होंने बताया कि एक ही थाने में दो साल से अधिक समय से तैनात 548 से अधिक पुलिसकर्मियों का अब तबादला कर दिया गया है, जिनमें से 148 पुलिसकर्मियों का तबादला जिले से बाहर किया गया है.
अमर उजाला के मुताबिक, पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, जनपद में एक ही थाने पर दो साल से अधिक समय से जमे 366 सिपाही व हेड कॉन्स्टेबलों को दूसरे थानों में भेजा गया है, जबकि 2019 से एक ही थाने या शाखा पर नियुक्त 148 सिपाही व हेड कॉन्स्टेबलों को गैर जनपद भेजा गया है.
नैथानी ने कहा कि जिले में 28 मई से अब तक शराब की दो त्रासदी हो चुकी है. पहले मामले में शराब से 36 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. यह संख्या और अधिक हो सकती है, क्योंकि 52 और संदिग्ध पीड़ितों के विसरा जांच की रिपोर्ट का अभी इंतजार है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)