किसान आंदोलन: सरकार के आग्रह पर पंजाबी गायक ज़ैजी-बी सहित तीन अन्य के ट्विटर अकाउंट पर रोक

लुमेन डेटाबेस से मिली जानकारी के अनुसार, भारत सरकार ने छह जून को चार ट्विटर अकाउंट पर कार्रवाई करने के लिए कंपनी से कानूनी अनुरोध किया था, इनमें जैज़ी बी के अलावा हिप-हॉप कलाकार एल-फ्रेश द लॉयन का अकाउंट भी शामिल था. ये लोग कृषि कानूनों के विरोध में डटे किसानों का समर्थन कर रहे थे.

/
जैज़ी बी के नाम से मशहूर जसविंदर सिंह बैंस और एल फ्रेश द लॉयन के नाम से मशहूर सुखदीप सिंह भोगल. (फोटो साभार: फेसबुक)

लुमेन डेटाबेस से मिली जानकारी के अनुसार, भारत सरकार ने छह जून को चार ट्विटर अकाउंट पर कार्रवाई करने के लिए कंपनी से कानूनी अनुरोध किया था, इनमें जैज़ी बी के अलावा हिप-हॉप कलाकार एल-फ्रेश द लॉयन का अकाउंट भी शामिल था. ये लोग कृषि कानूनों के विरोध में डटे किसानों का समर्थन कर रहे थे.

जैज़ी बी के नाम से मशहूर जसविंदर सिंह बैंस और एल फ्रेश द लॉयन के नाम से मशहूर सुखदीप सिंह भोगल. (फोटो साभार: फेसबुक)
जैज़ी बी के नाम से मशहूर जसविंदर सिंह बैंस और एल फ्रेश द लॉयन के नाम से मशहूर सुखदीप सिंह भोगल. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली/मुंबई: ट्विटर ने भारत सरकार द्वारा कार्रवाई की मांग के बाद पंजाबी गायक जैजी बी, हिप-हॉप कलाकार एल-फ्रेश द लॉयन और दो अन्य लोगों के अकाउंट पर रोक लगा दी है.

‘लुमेन डेटाबेस’ से मिली जानकारी के अनुसार, भारत सरकार ने छह जून को चार ट्विटर अकाउंट पर कार्रवाई करने के लिए कंपनी से कानूनी अनुरोध किया था, इनमें जैजी बी का अकाउंट भी शामिल था.

‘लुमेन डेटाबेस’ एक स्वतंत्र शोध परियोजना है, जिसमें ऑनलाइन कंटेंट से संबंधित विभिन्न पत्रों का अध्ययन किया जाता है.

पंजाब में जन्मे और कनाडा में पले-बढ़े जसविंदर सिंह बैंस उर्फ जैजी बी ने दिसंबर में सिंघू बॉर्डर पहुंचकर तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में डटे किसानों का समर्थन किया था और वह लगातार किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट करते रहे हैं.

वहीं, सुखदीप सिंह भोगल ऑस्ट्रियाई गायक हैं जो ‘एल-फ्रेश द लॉयन’ के नाम से मशहूर हैं.

भोगल ने भी किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किए थे और आंदोलन के दौरान किसानों की मौत के मामलों को उठाया था.

दोनों ही कलाकारों ने भारत में इनके ट्विटर अकाउंट बंद किए जाने की जानकारी इंस्टाग्राम पर साझा की.

बता दें कि जैजी बी के ट्विटर अकाउंट को ढूंढने पर संदेश मिलता है कि कानूनी अनुरोध को लेकर भारत में इस अकाउंट पर रोक लगा दी गई है.

ट्विटर प्रवक्ता ने बताया कि जब उसे कोई वैध कानूनी अनुरोध मिलता है, तो वह ट्विटर नियमों और स्थानीय कानून दोनों के तहत इस पर गौर करते हैं.

उन्होंने कहा, ‘यदि अकाउंट के कंटेंट से ट्विटर नियमों का उल्लंघन होता है, तो उस कंटेंट को सेवा से हटा दिया जाएगा. यदि उसे किसी विशेष क्षेत्राधिकार में अवैध ठहराया जाता है, लेकिन ट्विटर नियमों का उल्लंघन नहीं होता है, तो हम सिर्फ भारत में कंटेंट तक पहुंच रोक सकते हैं.’

प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी सभी मामलों में सीधे अकाउंट वाले व्यक्ति को सूचित करती है, ताकि उन्हें जानकारी मिल सके कि कंपनी को अकाउंट के संबंध में कानूनी आदेश प्राप्त हुआ है.

उन्होंने कहा, ‘हम अकाउंट से जुड़े ई-मेल पर संदेश भेजकर यूजर्स को जानकारी देते हैं.’

मैं हमेशा अपने लोगों के अधिकारों के लिए खड़ा रहूंगा: जैजी बी

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन की एक प्रमुख आवाज रहे पंजाबी गायक जैजी बी ने कहा है कि अपने अधिकारों के लिए लड़ने वाले लोगों के साथ वह एकजुटता व्यक्त करते रहेंगे. भारत में कानूनी कार्रवाई की मांग के बाद ट्विटर द्वारा उनके एकाउंट पर ‘रोक’ लगाए जाने के बाद उन्होंने यह टिप्पणी की है.


View this post on Instagram

A post shared by Jazzy B (@jazzyb)

46 वर्षीय गायक ने सोमवार शाम इंस्टाग्राम पर अपने ट्विटर अकाउंट का एक ‘स्क्रीनशॉट’ पोस्ट किया, जिसमें दावा किया गया था कि किसानों के अधिकारों के लिए अपनी आवाज उठाने तथा 1984 के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करने को लेकर उनके प्रोफाइल को रोक दिया गया है.

वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगों में सिर्फ दिल्ली में 2,733 लोग मारे गए थे. जैजी बी ने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘मैं हमेशा अपने लोगों के अधिकारों के लिए खड़ा रहूंगा. किसान मजदूर एकता जिंदाबाद, 1984 को नहीं भूल पाएंगे, अपनी आवाज बुलंद करें.’

मालूम हो कि इस साल की शुरुआत में भारत में 500 से अधिक ट्विटर अकाउंट को निलंबित कर दिया गया था और सैकड़ों अन्य अकाउंट तक पहुंच को रोक दिया गया था.

उस समय सरकार ने ट्विटर को किसानों के आंदोलन से संबंधित गलत जानकारी और भड़काऊ सामग्री पर रोक लगाने का आदेश दिया था.

बता दें कि यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब केंद्र सरकार सोशल मीडिया को नियमित करने के लिए नए आईटी नियमों को लेकर आई है. इन्हें लेकर कई लोगों का मानना है कि ये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ हैं.

इसके बाद मई के आखिरी हफ्ते में ट्विटर को कांग्रेस के कथित टूलकिट से संबंधित भाजपा के मुख्य प्रवक्ता संबित पात्रा के एक ट्वीट को तोड़ मरोड़कर पेश किए गए (मैनिपुलेटेड) मीडिया की श्रेणी में टैग करने पर एक और नोटिस मिला था. इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ट्विटर इंडिया के दिल्ली और गुड़गांव स्थित कार्यालयों में छापेमारी की थी.

नए आईटी नियमों के संबंध में मामला दिल्ली हाईकोर्ट भी पहुंच गया है, जहां केंद्र ने ट्विटर पर नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है. हालांकि, ट्विटर ने अदालत के समक्ष कहा कि उसने नियमों का पालन किया है और एक शिकायत निवारण अधिकारी को नियुक्त किया है.

मोदी सरकार ने बीते पांच जून को ट्विटर को नोटिस जारी कर उसे तत्काल नए आईटी नियमों के अनुपालन के लिए ‘एक आखिरी मौका’ दिया था.

सरकार की ओर से आगाह किया गया था कि यदि ट्विटर इन नियमों का अनुपालन करने में विफल रहता है तो आईटी एक्ट और अन्य दंडात्मक कानूनों के अनुसार उसे परिणाम का सामना करना पड़ेगा.

मालूम हो कि केंद्र सरकार की ओर से इस साल फरवरी में इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस) नियम 2021 नाम से लाए गए ये दिशानिर्देश देश के टेक्नोलॉजी नियामक क्षेत्र में करीब एक दशक में हुआ सबसे बड़ा बदलाव हैं. ये इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस) नियम 2011 के कुछ हिस्सों की जगह भी लेंगे.

नए आईटी नियम 26 मई, 2021 से प्रभावी हैं. इसके तहत सरकार द्वारा सोशल मीडिया कंपनियों को 26 मई तक एक शिकायत अधिकारी, एक मुख्य अनुपालन अधिकारी और एक नोडल संपर्क व्यक्ति नियुक्त करने के लिए कहा गया था.

इस साल फरवरी से ही ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच उस समय से खींचतान जारी है, जब केंद्रीय प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशासन पर देश में किसानों के विरोध से संबंधित आलोचना को चुप कराने का आरोप लगाने वाली सामग्री को ब्लॉक करने के लिए ट्विटर से कहा गया था.

उसके बाद भारत ने नए आईटी नियमों की घोषणा की, जिसका उद्देश्य सोशल मीडिया फर्मों को पोस्ट/सामग्री को जल्द से जल्द से हटाने के लिए कानूनी अनुरोधों के प्रति अधिक जवाबदेह बनाना और शिकायतों के निपटारे के लिए एक भारतीय शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करना जरूरी है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)