बीते सात जून को तुषार पांचाल को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) के पद पर नियुक्त करने का आदेश जारी किया गया था. इसके तुरंत बाद ही भाजपा के कुछ नेताओं ने तुषार के पिछले ट्वीट्स का हवाला दिया, जो कि हिंदुत्व की विचारधारा की आलोचना करने वाले थे और एक ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी उल्लेख था.
भोपालः मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नवनियुक्त संचार सलाहकार ने भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा हिंदुत्व की विचारधारा की आलोचना करने वाले उनके पिछले कुछ ट्वीट को सामने लाने के बाद अपना नया पद संभालने से मंगलवार को इनकार कर दिया.
I have decided to not accept the responsibility offered to me by @chouhanshivraj ji and have communicated my inability to the CM.
— Tushar (@tushar) June 8, 2021
मुंबई निवासी तुषार पांचाल ने ‘@tushar’ हैंडल से किए गए ट्वीट में कहा, ‘मैंने शिवराज सिंह चौहान द्वारा दी गई जिम्मेदारी को स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है और मुख्यमंत्री को अपनी असमर्थता के बारे में बता दिया है.’
हालांकि यह पता नहीं चल सका है कि ये पांचाल का अपना ट्विटर अकाउंट है या नहीं, लेकिन प्रदेश के एक भाजपा नेता ने पुष्टि की है कि उन्होंने (तुषार पांचाल) नया पद स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. उन्होंने (पांचाल) इसी ट्विटर हैंडल से मुख्यमंत्री कार्यालय में संचार सलाहकार नियुक्त होने की जानकारी दी थी.
प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से सात जून की शाम को पांचाल को विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) के पद पर नियुक्त करने का आदेश जारी किया गया था.
इसके तुरंत बाद ही भाजपा के कुछ नेताओं ने तुषार के पिछले ट्वीट्स, जो कि हिंदुत्व की विचारधारा की आलोचना करने वाले थे और एक ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी उल्लेख था, का हवाला दिया था.
@ChouhanShivraj ji do you need people Like this ? pic.twitter.com/zXBRWv4V9H
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) June 8, 2021
भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने ऐसे ही दो ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट साझा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज चौहान से पूछा कि क्या आपको ऐसे लोगों की जरूरत है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की दिल्ली राज्य कार्यकारिणी सदस्य राजीव तुली ने भी पांचाल के पुराने पोस्ट ट्वीट कर कहा, ‘क्या मुख्यमंत्री चौहान को उनकी सच में जरूरत है? मध्य प्रदेश ने हमारी विचारधारा के प्रतिष्ठित पत्रकारों की समृद्ध संस्कृति दी है. उनमें से एक क्यों नहीं? गजब.’
Does @ChouhanShivraj ji really need him? Madhya pradesh have given rich culture of eminent journalists of our ideology. Why not one from them. गज़ब https://t.co/HpQHiKzVl8
— rajiv tuli (@rajivtuli69) June 8, 2021
इसके बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा सहित अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी पांचाल के कुछ पुराने ट्वीट निकालकर सोशल मीडिया पर साझा किए, जो कथित तौर पर भाजपा की आलोचना के थे.
सलूजा ने मंगलवार को दावा किया कि राज्य सरकार को पांचाल को हटाने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि पांचाल ने मोदी के खिलाफ ट्वीट किया था. उन्होंने कहा कि हालांकि यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि पांचाल स्वयं ही यह पद स्वीकार नहीं कर रहे हैं.
हालांकि इससे पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा था, ‘शिवराज ने छेड़ी मोदी के ख़िलाफ़ जंग. मोदी के घोर विरोधी को बनाया ओएसडी. सोशल मीडिया पर मोदी की खिल्ली उड़ाने, उनके कद को छोटा करने और बीजेपी के सिद्धांतों पर अनर्गल टिप्पणी करने वाले को शिवराज ने अपना ओएसडी बनाया है. योगी के बाद अब शिवराज, कमजोर करेंगे मोदी का राज.’
शिवराज ने छेड़ी मोदी के ख़िलाफ़ जंग,
—मोदी के घोर विरोधी को बनाया ओएसडी;सोशल मीडिया पर मोदी की खिल्ली उड़ाने, उनके क़द को छोटा करने और बीजेपी के सिद्धांतों पर अनर्गल टिप्पणी करने वाले को शिवराज ने अपना ओएसडी बनाया है।
योगी के बाद अब शिवराज,
कमजोर करेंगे मोदी का राज। pic.twitter.com/In7UiCURYK— MP Congress (@INCMP) June 8, 2021
दूसरी ओर प्रदेश भाजपा के सचिव रजनीश अग्रवाल ने बताया कि भाजपा का इस घटनाक्रम से कोई लेना-देना नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘प्रदेश सरकार ने उन्हें (पांचाल) मुख्यमंत्री का ओएसडी नियुक्त किया और यह उस व्यक्ति पर है कि वह उसे स्वीकार या अस्वीकार करे. पार्टी का इसमें कोई लेना-देना नहीं है.’
इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने भी वरिष्ठ पत्रकार दिनेश मानसेरा को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का मीडिया सलाहकार नियुक्त करने का 17 मई को जारी आदेश दो दिन बाद ही वापस ले लिया था.
उस समय भी भाजपा के कुछ नेताओं ने मानसेरा की नियुक्ति पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया जताकर दावा किया था कि वरिष्ठ पत्रकार अतीत में नरेंद्र मोदी सरकार के आलोचक रहे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)