2019-20 में भाजपा को कांग्रेस से पांच गुना अधिक व्यक्तिगत और कॉरपोरेट चंदा मिला: रिपोर्ट

चुनाव आयोग को सौंपी गई योगदान रिपोर्ट के अनुसार, 2019-20 में भाजपा को कंपनियों और व्यक्तियों से लगभग 750 करोड़ रुपये का चंदा मिला. यह कांग्रेस पार्टी को मिले 139 करोड़ रुपये से कम से कम पांच गुना अधिक है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

चुनाव आयोग को सौंपी गई योगदान रिपोर्ट के अनुसार, 2019-20 में भाजपा को कंपनियों और व्यक्तियों से लगभग 750 करोड़ रुपये का चंदा मिला. यह कांग्रेस पार्टी को मिले 139 करोड़ रुपये से कम से कम पांच गुना अधिक है.

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नई दिल्ली: कॉरपोरेट और व्यक्तिगत चंदा हासिल करने में भाजपा लगातार सातवें साल शीर्ष राजनीतिक दल बन गया है. हालिया आकड़ों से यह जानकारी हासिल हुई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग (ईसी) को सौंपी गई अपनी योगदान रिपोर्ट के अनुसार, 2019-20 में पार्टी को कंपनियों और व्यक्तियों से लगभग 750 करोड़ रुपये का चंदा मिला. यह कांग्रेस पार्टी को मिले (139 करोड़ रुपये) से कम से कम पांच गुना ज्यादा है.

इसी अवधि में शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को 59 करोड़ रुपये, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी को 8 करोड़ रुपये, माकपा को 19.6 करोड़ रुपये और भाकपा को 1.9 करोड़ रुपये मिले.

भाजपा सांसद राजीव चंद्रशेखर की जुपिटर कैपिटल (15 करोड़), आईटीसी ग्रुप (76 करोड़), रियल एस्टेट कंपनियां मैक्रोटेक डेवलपर्स (जिसे पहले लोढ़ा डेवलपर्स के नाम से जाना जाता था) (21 करोड़) और बीजी शिरके कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी (35 करोड़), प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट (217.75 करोड़) और जनकल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट (45.95 करोड़) भाजपा के सबसे बड़े दानदाताओं में से थे.

एक चुनावी ट्रस्ट एक धारा 25 के तहत आने वाली कंपनी होती है जो मुख्य रूप से कॉरपोरेट घरानों से स्वैच्छिक योगदान प्राप्त करती है और उन्हें राजनीतिक दलों को वितरित करती है.

यह राजनीतिक योगदान करते हुए दानदाताओं को गोपनीयता प्रदान करता है. प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट के प्रमुख दाताओं के रूप में भारती एंटरप्राइजेज, जीएमआर एयरपोर्ट डेवलपर्स और डीएलएफ लिमिटेड हैं. जनकल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट को जेएसडब्ल्यू ग्रुप की कंपनियों से फंड मिलता है.

भाजपा को अक्टूबर 2019 में बिल्डर सुधाकर शेट्टी से जुड़ी रियल एस्टेट कंपनी गुलमर्ग रियल्टर्स से भी 20 करोड़ रुपये का बड़ा चंदा मिला था. प्रवर्तन निदेशालय ने जनवरी 2020 में शेट्टी के आवास और कार्यालय पर छापा मारा था.

भाजपा के दानदाताओं में कम से कम 14 शिक्षण संस्थान भी शामिल थे. इनमें मेवाड़ विश्वविद्यालय, दिल्ली (2 करोड़ रुपये), कृष्णा इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग (10 लाख रुपये), जीडी गोयनका इंटरनेशनल स्कूल, सूरत (2.5 लाख रुपये), पठानिया पब्लिक स्कूल, रोहतक (2.5 लाख रुपये), लिटिल हार्ट्स कॉन्वेंट स्कूल, भिवानी (21,000 रुपये) और एलन करियर, कोटा (25 लाख रुपये) शामिल हैं.

पार्टी के चंदा देने वालों में भाजपा के कई सदस्य, सांसद और विधायक भी हैं. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 5 लाख रुपये, राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने 2 करोड़ रुपये, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने 1.1 करोड़ रुपये, किरण खेर ने 6.8 लाख रुपये का योगदान दिया. मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन के अध्यक्ष टीवी मोहनदास पई ने 15 लाख रुपये का दान दिया.

2019-20 में भाजपा को प्राप्त कुल योगदान 750 करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है क्योंकि योगदान रिपोर्ट में केवल व्यक्तियों, कंपनियों, चुनावी ट्रस्टों और संघों द्वारा किए गए 20,000 रुपये से अधिक के दान को सूचीबद्ध किया गया है.

चुनावी बांड से पार्टी की आय अभी तक ज्ञात नहीं है क्योंकि उसने अपनी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं की है.

चुनाव आयोग ने 2019-20 के लिए वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की समय सीमा बढ़ाकर 30 जून कर दी है. 2018 में लॉन्च होने के बाद से भाजपा चुनावी बॉन्ड योजना का सबसे बड़ी लाभार्थी रही है.