मुकुल रॉय 2017 में टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. मुकुल का कहना है कि मौजूदा स्थिति ऐसी है कि कोई भी भाजपा में नहीं रहेगा. उनके बेटे शुभ्रांशु रॉय भी दोबारा पार्टी में शामिल हुए हैं. वहीं ममता बनर्जी ने कहा है कि पार्टी के दरवाज़े उनके लिए नहीं खुले हैं, जो पैसे के लिए चुनाव से पहले पार्टी छोड़कर गए या जिन्होंने पार्टी की आलोचना की.
कोलकाताः भाजपा के उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने पार्टी को झटका देते हुए शुक्रवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में वापसी की. उनके बेटे शुभ्रांशु रॉय भी दोबारा पार्टी में शामिल हो गए हैं.
BJP national vice president Mukul Roy and his son Subhranshu Roy join TMC in the presence of West Bengal CM Mamata Banerjee, in Kolkata. pic.twitter.com/WS9oFE2J79
— ANI (@ANI) June 11, 2021
मुकुल रॉय अपने बेटे के साथ शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के मुख्यालय पहुंचे थे. इस दौरान ममता बनर्जी के अलावा उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी, पार्थ चटर्जी, सुब्रता मुखर्जी और सुब्रत बख्शी मौजूद रहे.
भाजपा में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद संभालने वाले रॉय ने कहा कि वह ‘सभी परिचित चेहरों को फिर से देखकर खुश हैं.’
तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मुकुल रॉय को भाजपा में धमकी दी गई थी और इसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ा.
मुकुल रॉय का वापस पार्टी में स्वागत करते हुए पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा, ‘हम मुकुल रॉय का स्वागत करते हैं. वह पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.’
We welcome Mukul Roy. He will play an important role in the Party: West Bengal CM and TMC chief Mamata Banerjee pic.twitter.com/2oels5BGnD
— ANI (@ANI) June 11, 2021
उन्होंने कहा, ‘रॉय ने भाजपा के लिए प्रचार अभियान करने के बावजूद तृणमूल के खिलाफ कुछ नहीं कहा. वह केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई की धमकियों से भाजपा में जाने को मजबूर थे. इससे उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुकुल की वापसी साबित करती है कि भाजपा किसी को भी चैन से नहीं रहने देती और सब पर अनुचित दबाव डालती है.’
ममता और रॉय दोनों ने दावा किया कि कभी भी कोई मतभेद नहीं था.
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी दूसरे दल में शामिल हो गए अन्य नेताओं को भी वापस लेगी, ममता ने स्पष्ट किया कि अप्रैल-मई के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले लोगों को वापस नहीं लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि पार्टी के दरवाजे उनके लिए नहीं खुले हैं, जो पैसे के लिए चुनाव से पहले पार्टी छोड़कर गए या जिन्होंने पार्टी की आलोचना की.
#WATCH मैं बीजेपी छोड़कर TMC में आया हूं, अभी बंगाल में जो स्थिति है, उस स्थिति में कोई बीजेपी में नहीं रहेगा: मुकुल रॉय pic.twitter.com/bdbD5t7kBW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 11, 2021
तृणमूल कांग्रेस में दोबारा शामिल होने के बाद मुकुल रॉय ने कहा, ‘मैं भाजपा छोड़कर टीएमसी में आया हूं. अभी बंगाल में जो स्थिति है, उस स्थिति में कोई भाजपा में नहीं रहेगा. भाजपा से बाहर आकर सभी जाने-पहचाने चेहरे देखकर अच्छा लग रहा है.’
कभी तृणमूल में दूसरे सबसे प्रमुख नेता रहे रॉय को फरवरी, 2015 में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से हटा दिया गया था. वह नवंबर, 2017 में भाजपा में शामिल हुए थे. हालांकि उन्होंने बीते कुछ दिनों से खुद को भाजपा से किनारे कर लिया था.
उन्होंने आठ जून को चुनाव बाद की रणनीति पर चर्चा के लिए राज्य भाजपा नेतृत्व द्वारा बुलाई गई बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था.
ममता बनर्जी के करीबी रहे मुकुल पार्टी के पहले बड़े नेता हैं, जो टीएमसी का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. बीते कुछ सालों में वे टीएमसी के कई विधायकों और नेताओं को भाजपा में शामिल करा चुके हैं.
रॉय ने राज्य में हाल ही में समाप्त हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रचार अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई थी.
बता दें कि मुकुल रॉय के पार्टी में वापसी को लेकर तभी से कयास लगाए जा रहे थे, जब ममता बनर्जी के भतीजे और पार्टी के नवनियुक्त महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता के अस्पताल में रॉय से मुलाकात की थी, जहां उनकी पत्नी भर्ती है.
इसके तुरंत बाद बंगाल भाजपा के प्रमुख दिलीप घोष ने भी अस्पताल में उनसे मुलाकात की थी. इसके बाद गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने मुकुल रॉय को फोन कर उनकी बीमार पत्नी का हालचाल भी पूछा था.
बता दें कि हाल ही में हुए बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को 294 में से 77 सीटें मिली थी जबकि तृणमूल कांग्रेस ने 213 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)