बीते चार मई के बाद से पेट्रोल तथा डीज़ल के दामों में 23 बार वृद्धि की गई है. इस वजह से पिछले क़रीब छह सप्ताह से कम समय में पेट्रोल 5.72 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल 6.25 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई और अन्य विकास कार्यों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को पेट्रोल तथा डीज़ल पर करों से अतिरिक्त पैसे की ज़रूरत है.
नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बीच पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को माना कि पेट्रोलियम ईंधन के दामों में बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं को तकलीफ हो रही है पर उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि कोविड राहत उपायों के कारण सरकारी खर्च बढ़ रहे हैं इसलिए केंद्र कल्याणकारी योजनाओं (गरीबों को मुफ्त राशन और मुफ्त टीकाकरण) पर खर्च करने के लिए पैसे बचा रहा है.
बता दें कि बीते चार मई के बाद से पेट्रोल तथा डीज़ल के दामों में 23 बार वृद्धि की गई है. इस वजह से पिछले क़रीब छह सप्ताह से कम समय में पेट्रोल 5.72 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल 6.25 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने और ऊंचे केंद्रीय और राज्य करों की वजह से वाहन ईंधन के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं.
इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड द्वारा महाराजा अग्रसेन अस्पताल में स्थापित ऑक्सीजन संयंत्र का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में प्रधान ने कहा कि महामारी से लड़ाई और अन्य विकास कार्यों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को पेट्रोल, डीजल पर करों से अतिरिक्त पैसे की जरूरत है.
पत्रकारों से बातचीत में पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, ‘मैं स्वीकार करता हूं कि ईंधन की कीमतें उपभोक्ताओं को परेशान कर रही हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है, लेकिन एक साल में कोविड के टीकों पर 35,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं. गरीबों को आठ महीने का राशन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पर एक लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. पीएम किसान के तहत कुछ हजार करोड़ रुपये किसानों के बैंक खातों में भी ट्रांसफर किए गए हैं. ऐसे कठिन समय में हम कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करने के लिए पैसे बचा रहे हैं.’
#WATCH | I accept that current fuel prices are problematic for people but be it central/state govt, over Rs 35,000 crores have been being spent on vaccines in a year… In such dire times, we're saving money to spend on welfare schemes: Union Petroleum Minister Dharmendra Pradhan pic.twitter.com/ugObtQYiB6
— ANI (@ANI) June 13, 2021
कांग्रेस नेता राहुल गांधी वाहन ईंधन कीमतों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार हमलावर है. इस बारे में एक सवाल पर प्रधान ने कहा कि महाराष्ट्र, राजस्थान और पंजाब में ईंधन महंगा क्यों है.
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, ‘यदि राहुल गांधी गरीबों पर वाहन ईंधन कीमतों की मार से चिंतित हैं तो उन्हें कांग्रेस शासित राज्यों में ईंधन पर करों में कटौती के लिए मुख्यमंत्रियों से कहना चाहिए.’
प्रधान ने बाद में हालांकि कहा कि वह तेल पर लगाए जाने वाले कर को लेकर कभी राजनीति नहीं करते है, लेकिन अगर कोई अधिक कर का मुद्दा बनाएगा तो उसे पहले अपने अंदर झांकना चाहिए.
हालांकि, उन्होंने भाजपा शासित मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों के बारे में कुछ नहीं कहा जबकि इन राज्यों में भी पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के पार निकल गया है.
उल्लेखनीय है कि तेल के स्थानीय दाम अलग-अलग राज्यों में वैट की अलग अलग दर और भाड़ा शुल्क पर निर्भर करते है. इन्हीं कारण देश के छह राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और एक केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पेट्रोल 100 रुपये लीटर के ऊपर चला गया है.
कोविड टीकाकरण में तेजी से तेल की मांग के अनुमान से अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव 72 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए हैं.
पिछले वर्ष कच्चे तेल के दाम हालांकि पिछली बीस साल के न्यूनतम स्तर पर लुढ़क गए थे, पर स्थानीय स्तर पर ईंधन के खुदरा दामों में कोई खास कमी नहीं आई थी, क्यों कि केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया था.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशासन ने सार्वजनिक वित्त को मजबूती प्रदान करने के लिए बार-बार बिक्री कर में बढ़ोतरी की है. कर अब खुदरा मूल्य का लगभग 60 प्रतिशत हो गए हैं और पेट्रोल तथा डीजल पर संघीय कर 2013 के बाद से लगभग छह गुना बढ़ गए हैं.
पेट्रोल-डीजल के दामों में हुई भारी वृद्धि वापस लेने और पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग करते हुए देशभर के पेट्रोल पंपों के पास कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा शुक्रवार को विरोध किए जाने के बाद अब वाम दलों ने 15 दिन तक विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)