उत्तर प्रदेश में भाजपा की सहयोगी रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीबीआई या ईडी से करवाने की मांग की है.
बलियाः सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन की खरीद में भ्रष्टाचार की सीबीआई या ईडी से जांच कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि मंदिर आम लोगों के लिए आस्था का केंद्र हो सकता है लेकिन भाजपा और आरएसएस के लिए यह व्यापार का जरिया है.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूछा कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कब की जाएगी.
बता दें कि राजभर का यह बयान आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह और समाजवादी पार्टी (सपा) नेता के उन बयानों के बाद आया, जिसमें उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर अयोध्या में दो करोड़ रुपये की जमीन 18.5 करोड़ रुपये में खरीदने का आरोप लगाया गया था.
इसे धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का मामला बताते हुए समाजवादी पार्टी के नेता पवन पांडेय और आप सांसद संजय सिंह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (एसबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से मामले की जांच कराने की मांग की थी.
वहीं, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इन आरोपों का खंडन किया था. उन्होंने कहा था, ‘हम पर आरोप लगते ही रहते हैं. 100 साल से आरोप ही देख रहे हैं. हम पर महात्मा गांधी की हत्या के भी आरोप लगे हैं. हम आरोप से चिंता नहीं करते. आप भी मत कीजिए.’
राजभर ने बलिया के रसड़ा में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘मंदिर आम लोगों के लिए विश्वास का प्रतीक हो सकता है लेकिन भाजपा और आरएसएस के लिए यह कारोबार का जरिया है.’
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए जमीन 18 मार्च को दो करोड़ रुपये में खरीदी गई थी लेकिन पांच मिनट बाद राम मंदिर ट्रस्ट ने इसे 18.50 करोड़ रुपये में खरीदा गया. राजभर ने मामले की सीबीआई या ईडी से जांच कराने की मांग की है.
भाजपा की पूर्व सहयोगी पार्टी के प्रमुख ने मोदी और आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा, ‘दोनों नेताओं ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा किया था. मोदी जी और योगी जी को स्पष्ट करना चाहिए कि राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टियों के खिलाफ कब मामला दर्ज किया जाएगा और आरोपियों को कब जेल भेजा जाएगा.’
उन्होंने कहा, ‘इस घोटाले से करोड़ों भक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं.’
मालूम हो कि बीते रविवार को विपक्षी नेताओं द्वारा जारी किए गए बिक्री अभिलेखों से संकेत मिलता है कि राम मंदिर ट्रस्ट ने अयोध्या में एक नए राम मंदिर के निर्माण में योगदान करने के लिए उत्सुक लाखों हिंदू भक्तों से एकत्र किए गए दान से मार्च 2021 में खरीदी गई भूमि के एक भूखंड के लिए एक बढ़ी हुई राशि का भुगतान किया था.
आप सांसद संजय सिंह ने रविवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया था कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने ट्रस्ट के एक अन्य सदस्य अनिल मिश्र की मदद से दो करोड़ रुपये कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपये में खरीदी.
वहीं, समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे एवं अयोध्या के पूर्व विधायक तेज नारायण ‘पवन’ पांडेय ने भी अयोध्या में चंपत राय पर भ्रष्टाचार के ऐसे ही आरोप लगाए और मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की.
उन्होंने कहा था, ‘18 मार्च 2021 को खरीदी गई जमीन के पंजीकरण में इसका मूल्य दो करोड़ रुपये दिखाया गया है, लेकिन 10 मिनट बाद राम मंदिर ट्रस्ट और जमीन विक्रेता के बीच 18 करोड़ रुपये का समझौता हुआ.’
(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट के साथ)