गुजरात के जामनगर के गुरु गोबिंद सिंह सरकारी अस्पताल का मामला है. महिला कर्मचारियों ने बताया कि उनके सुपरवाइज़रों ने यौन संबंध बनाने के उनके प्रस्तावों को ठुकराने वाली अटेंडेंट्स को लगभग तीन महीने का वेतन दिए बिना निकाल दिया. राज्य सरकार इन आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है.
अहमदाबाद: गुजरात के जामनगर में एक सरकारी अस्पताल में अनुबंध पर काम करने वाली कुछ महिला कर्मचारियों ने बुधवार को आरोप लगाया कि उनके सुपरवाइजरों ने उन्हें सेवा से इसलिए हटा दिया, क्योंकि उन्होंने यौन संबंध बनाने के उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया था.
इन आरोपों के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है.
राज्य के गृहमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने गांधीनगर में मंत्रिमंडल की एक बैठक करने के बाद इन आरोपों की जांच की घोषणा की.
जामनगर के गुरु गोबिंद सिंह सरकारी अस्पताल की कुछ महिला कर्मचारियों ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि उनके सुपरवाइजरों ने इसलिए उन्हें सेवा से हटा दिया, क्योंकि उन्होंने यौन संबंध के उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया. उन्हें एक एजेंसी के माध्यम से अनुबंध पर काम पर रखा गया था.
एक महिला कर्मचारी ने पत्रकारों को बताया कि सुपरवाइजर वार्ड बॉयज के जरिये उन्हें दोस्ती करने के प्रस्ताव भेजते थे.
उन्होंने दावा किया कि ऐसे प्रस्तावों को ठुकराने वाली अटेंडेंट्स को सुपरवाइजरों ने लगभग तीन महीने का वेतन दिए बिना निकाल दिया.
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान बुधवार को इस मुद्दे पर चर्चा हुई. बैठक के बाद जडेजा ने इन आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन करने की घोषणा की.
मंत्री ने पत्रकारों से कहा, ‘गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल की कुछ महिला कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि उनका यौन शोषण किया गया. मामले पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी और स्वास्थ्य आयुक्त से इन आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाने को कहा है.’
उन्होंने बताया कि उपमंडलीय जिलाधीश, जामनगर पुलिस के सहायक अधीक्षक और जामनगर मेडिकल कॉलेज के डीन इस समिति का हिस्सा होंगे. जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
इस बीच गुजरात राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष लीलाबेन अंकोलिया ने जिला पुलिस अधीक्षक से इन आरोपों की विस्तृत रिपोर्ट तीन दिनों के भीतर देने को कहा है.