पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज करने वाली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट पर कभी सहयोगी रहे भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं. आधिकारिक नतीजे आने से पहले घंटों तक भ्रम की स्थिति रही, क्योंकि मीडिया के एक धड़े में शुभेंदु अधिकारी पर ममता की जीत की ख़बर चलने लगी थी.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नंदीग्राम विधानसभा सीट से निर्वाचन को कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी है. अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई 24 जून तक के लिए स्थगित कर दी है.
बनर्जी के वकील ने जस्टिस कौशिक चंदा की पीठ के समक्ष शुक्रवार को मामले को पेश किया. जस्टिस चंदा ने याचिकाकर्ता के वकील को चुनाव याचिका की प्रतियां प्रतिवादियों को देने को कहा और मामले पर अगली सुनवाई के लिए 24 जून का दिन तय किया.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने अपनी याचिका में भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी पर जन प्रतिनिधि कानून, 1951 की धारा 123 के तहत भ्रष्ट आचरण करने का आरोप लगाया. बनर्जी ने याचिका में यह भी दावा किया कि मतगणना प्रक्रिया में विसंगतियां थीं.
चुनाव आयोग ने नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र से शुभेंदु अधिकारी को विजेता और ममता बनर्जी को उपविजेता घोषित किया था.
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज करने वाली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट पर कभी सहयोगी रहे भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी से हार गई थीं.
निर्वाचन आयोग ने बताया था कि नंदीग्राम सीट से शुभेंदु अधिकारी 1,956 मतों से विजयी हुए हैं. आयोग ने पुष्टि की है कि शुभेंदु अधिकारी को 110,764 मत मिले, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी बनर्जी के पक्ष में 108,808 मत पड़े.
आधिकारिक नतीजे आने से पहले घंटों तक भ्रम की स्थिति रही, क्योंकि मीडिया के एक धड़े में शुभेंदु अधिकारी पर ममता की जीत की खबर चलने लगी थी.
इसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने इसके मद्देनजर मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर दोबारा मतदान कराने की मांग की थी. हालांकि, चुनाव आयोग ने नंदीग्राम विधानसभा सीट पर फिर से मतगणना कराने के तृणमूल कांग्रेस के अनुरोध को खारिज कर दिया था.
ममता बनर्जी ने ईवीएम मशीनों से छेड़छाड़ और चुनाव आयोग के संबंधित अधिकारी द्वारा दोबारा मतगणना की मांग को ठुकराने का आरोप लगाते हुए नतीजों की घोषणा के बाद कहा था कि इस मुद्दे को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा.
बनर्जी ने नंदीग्राम के निर्वाचन अधिकारी द्वारा सीईओ कार्यालय को भेजे एक कथित एसएमएस को सार्वजनिक करते हुए दावा किया था कि उन्होंने आशंका जताई थी कि अगर वह फिर से मतगणना के आदेश देते हैं तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे और आत्महत्या तक करनी पड़ सकती है.
भाजपा विधायक अधिकारी वर्तमान समय में पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं.
विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी ने अपनी परंपरागत भवानीपुर सीट छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी इसके अगले दिन छह मार्च को भाजपा ने उन्हें चुनौती देने के लिए तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी को मैदान में उतारा था.
बनर्जी ने कोलकाता में अपनी पारंपरिक भवानीपुर सीट से शोभनदेव चट्टोपाध्याय को चुनाव मैदान में उतारा था.
बीते साल दिसंबर में बंगाल के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी विभिन्न दलों के नौ विधायकों और तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे.
बनर्जी ने पहली बार नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. इस सीट का प्रतिनिधित्व 2016 में तृणमूल के टिकट पर शुभेंदु अधिकारी ने किया था, जबकि 2011 में तृणमूल कांग्रेस के एक अन्य उम्मीदवार ने किया था.
नंदीग्राम आंदोलन के बल पर ही बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चे को 2011 में हराकर उससे सत्ता छीनी थी. राज्य में तब उन्होंने 34 साल से सत्ता पर काबिज वाम मोर्चे को हराया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)