महाराष्ट्र में एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सरकार के दो साल पूरे होने से पहले ही मतभेद सामने आने लगे हैं. जहां एक तरफ स्थानीय कांग्रेस के नेता आगामी चुनाव में अकेले लड़ने की बात कर रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अकेले चुनाव में जाने वालों को जनता चप्पल से पीटेगी. एनसीपी इस मामले पर स्पष्ट तौर पर कुछ भी बोलने से बच रही है.
मुंबई: महाराष्ट्र में एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सरकार के दो साल पूरे होने से पहले ही मतभेद सामने आने लगे हैं. जहां एक तरफ स्थानीय कांग्रेस के नेता आगामी चुनाव में अकेले लड़ने की बात कर रहे हैं तो वहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अकेले चुनाव में जाने वालों की जनता चप्पल से पिटाई करेगी. हालांकि, एनसीपी इस मामले पर कुछ भी साफ-साफ बोलने से बच रही है.
दरअसल बीते शनिवार को महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने अमरावती में कहा था कि वर्ष 2024 के चुनाव में कांग्रेस राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी और केवल कांग्रेस की विचारधारा ही देश को बचा सकती है.
इसके बाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नसीम खान ने कहा कि अगर उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ती है तो उसे इसका फायदा होगा.
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, इससे पहले मुंबई कांग्रेस प्रमुख भाई जगताप ने कहा था कि वह सेना के साथ गठबंधन किए बिना अगले साल मुंबई निकाय चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.
इस पर शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी. पार्टी के 55वें स्थापना दिवस पर शिवसेना कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस या पटोले का जिक्र किए बिना उन्होंने कहा, ‘अगर हम लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं देंगे बल्कि राजनीति में अकेले जाने की बात करेंगे तो लोग हमें जूतों से पीटेंगे. वे अकेले चुनाव लड़ने की हमारी पार्टी केंद्रित, महत्वाकांक्षी बात नहीं सुनेंगे.’
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, उद्धव ने कहा, ‘कुछ लोग अकेले जाने का नारा दे रहे हैं. मैं यहां तक कहता हूं कि हम अकेले भी जा सकते हैं. ऐसा करने का अधिकार सभी को है. सिर्फ चुनाव लड़ने तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए.’
उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे पास एक संघीय ढांचा है. जब भी क्षेत्रीय गौरव को खतरा होता है, संघीय ढांचा दबाव में आ जाता है. पश्चिम बंगाल इस बात का उदाहरण है कि ‘अकेले जाना’ क्या है. चुनाव के बाद, बंगाल में हर तरह के हमले हुए, लेकिन सभी बंगाली गौरव के पक्षधर थे. बंगाल ने एक उदाहरण दिखाया है कि क्षेत्रीय गौरव की रक्षा कैसे की जाती है.’
क्या मध्यावधि चुनाव कराने की योजना है: शिवसेना
वहीं, पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय में शिवसेना ने यह भी कहा कि चूंकि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अकेले चुनाव लड़ने की बात करनी शुरू कर दी है तो शिवसेना और एनसीपी को महाराष्ट्र के हित में अगला चुनाव एक साथ मिलकर लड़ना होगा.
शिवसेना ने कहा कि कांग्रेस महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार में एक महत्वपूर्ण घटक दल है लेकिन वह तीसरे स्थान पर है. उसने कहा, ‘महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने घोषणा की कि उनकी पार्टी अगला विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी और कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री भी बता दिया. उन्होंने यह भी कहा कि अगर पार्टी ने अनुमति दी तो वह खुद मुख्यमंत्री पद का अगला चेहरा होंगे. पटोले 2024 में महाराष्ट्र में कांग्रेस का मुख्यमंत्री बनाए बगैर दम नहीं लेंगे.’
शिवसेना ने कहा, ‘हालांकि उपमुख्यमंत्री (एनसीपी नेता) अजित पवार ने कहा है कि जिसके पास 145 विधायकों का समर्थन होगा वह अगली सरकार बनाएगा और वही मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे. उनका बयान भी सही है. संसदीय लोकतंत्र बहुमत का आंकड़ा जुटाने पर निर्भर है. जो कामयाब होगा वह सत्ता में बैठेगा.’
उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी ने कहा कि राजनीतिक आकांक्षाएं पालने में कुछ गलत नहीं है लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए संख्या बल की आवश्कता होती है. पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि वह सत्ता में लौटेंगे लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके. भाजपा के 105 सीटें जीतने के बावजूद तीन अन्य दलों (शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस) ने गठबंधन सरकार बना ली.
उसने कहा कि पटोले ने पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए अकेले चुनाव लड़ने की बात कही है. पटोले के बयान के तुरंत बाद भाजपा नेता रावसाहब दानवे ने घोषणा की कि उनकी पार्टी भी अगला चुनाव अपने दम पर लड़ेगी और भाजपा-शिवसेना का गठबंधन असंभव है.
शिवसेना ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में ऐसा कोई दल नहीं है जो भाजपा के साथ जाएगा और अत: यह सच है कि उसे अकेले चुनाव लड़ना होगा.
उसने पूछा, ‘2024 के लोकसभा और विधानसभा अभी बहुत दूर हैं लेकिन प्रमुख राजनीतिक दल (भाजपा और कांग्रेस) अचानक अकेले चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं. क्या मध्यावधि चुनाव कराने की कोई योजना है?’
आगे कहा गया कि 2019 में जो हुआ उसके बाद 2024 की बात करना अभी जल्दबाजी होगी.
पार्टी ने कहा कि राज्य हर दिन नए संकट का सामना कर रहा है. राजनीति में कुछ दुष्ट शक्तियां इस पर नजर गड़ाए बैठी हैं कि राज्य राजनीतिक और वित्तीय रूप से कमजोर हो जाए.
गठबंधन पांच साल के लिए हुआ है, कोई स्थायी गठजोड़ नहीं है: नाना पटोले
उद्धव ठाकरे की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पटोले ने कहा कि राज्य में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की एमवीए गठबंधन सरकार का गठन पांच साल के लिए हुआ है और यह कोई स्थायी गठजोड़ नहीं है.
पटोले ने यहां पत्रकारों से कहा कि ठाकरे के बयान में स्पष्टता नहीं है कि वह किसके बारे में बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यहां तक कि भाजपा भी अकेले चुनाव लड़ने की बात करती है.
उन्होंने कहा कि चारों पार्टियां शिवसेना, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और भाजपा ने विधानसभा चुनाव अकेले ही लड़ा था.
पटोले ने कहा, ‘हमने 2019 में पांच साल के लिए महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार का गठन भाजपा को रोकने के लिए किया था. यह कोई स्थायी गठजोड़ नहीं है. हर पार्टी को अपने संगठन को मजबूत करने का अधिकार है और कांग्रेस ने कई जगहों पर कोविड-19 प्रभावित लोगों को खून, ऑक्सीजन और प्लाज्मा उपलब्ध कराकर हमेशा राहत मुहैया कराने को प्राथमिकता दी है.’
पटोले ने कहा कि ठाकरे ने उक्त टिप्पणी शिवसेना के 55वें स्थापना दिवस पर पार्टी अध्यक्ष के तौर पर दी थी न कि मुख्यमंत्री के तौर पर दी.
अकेले चुनाव में जाने की बात करने का वक्त नहीं: महाराष्ट्र कांग्रेस प्रभारी
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, प्रदेश के नेताओं की अकेले चुनाव में जाने के बयानों पर राज्य प्रभारी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सचिव एचके पाटिल ने शनिवार को यह कहते हुए सतर्क रुख अपनाया कि गठबंधन के बारे में फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा.
उन्होंने कहा कि अकेले जाने की बात करने का यह उपयुक्त समय नहीं है और चुनाव से पहले फैसला लिया जाएगा.
पाटिल की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी ने महाराष्ट्र के गौरव और पार्टी की मजबूती के लिए हमेशा सभी लड़ाइयां अकेले दम पर ही लड़ी हैं.
उन्होंने कहा, ‘शिवसेना का आगे का रास्ता साफ है. बाकी नेता असमंजस की स्थिति से बाहर निकलें क्योंकि किसी पार्टी का एक नेता अकेले लड़ने की बात करता है तो उसी पार्टी का दूसरा नेता कहता है कि यह हमारी पार्टी का रुख नहीं है.’
सरकार चलाने के मुद्दे पर एकजुट लेकिन आगामी चुनाव साथ लड़ने पर फैसला नहीं: एनसीपी
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने रविवार को कहा कि महा विकास अघाडी (एमवीए) के तीनों घटक महाराष्ट्र सरकार चलाने के मुद्दे पर एकजुट हैं लेकिन वर्ष 2024 में होने वाले राज्य विधानसभा और लोकसभा के चुनाव साथ लड़ने पर अबतक फैसला नहीं हुआ है.
एनसीपी के प्रवक्ता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने यह टिप्पणी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के उस बयान के एक दिन बाद की है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगले विधानसभा सभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना के नेतृत्व में एमवीए की सरकार बनी थी जिसमें एनसीपी और कांग्रेस साझेदार हैं.
मलिक ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि एमवीए का गठन न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) के आधार पर हुआ है और उसने जनहित में कई फैसले लिए हैं. उन्होंने दावा किया कि सरकार के प्रदर्शन से आम आदमी संतुष्ट है फिर चाहे वह किसान का मुद्दा हो या कोविड-19 महामारी का प्रबंधन.
मलिक ने कहा, ‘प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि उनकी पार्टी अगला चुनाव अकेले लड़ेगी. वह मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं. कोई भी किसी को किसी पद की इच्छा रखने से रोक नहीं सकता. प्रत्येक पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और संगठन को मजबूत करने के लिए काम करना पड़ता है.’
उन्होंने कहा कि आगामी स्थानीय निकाय चुनाव तीनों पार्टियां एक साथ या अकेले-अकेले भी लड़ सकती है. तीन में से दो पार्टियां भी गठबंधन कर सकती हैं. फैसला स्थिति के अनुरूप लिया जाएगा.
मलिक ने कहा, ‘सरकार में तीनों पार्टियां लोगों के कल्याण के लिए एकजुट होकर काम कर रही हैं और अबतक यह फैसला नहीं हुआ है कि वर्ष 2024 का चुनाव कैसे लड़ा जाएगा.’
महाराष्ट्र का सत्तारूढ़ गठबंधन मुख्यमंत्री ठाकरे के नेतृत्व में काम करेगा: अजित पवार
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा था कि सत्तारूढ़ एमवीए गठबंधन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में काम करेगा और शीर्ष पद के लिए फिलहाल यह एकमात्र ‘फॉर्मूला’ है.
पत्रकारों ने उनसे यहां महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले की उस हालिया कथित टिप्पणी के बारे में पूछा जिसमें उन्होंने पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने और पार्टी आलाकमान की सहमति से मुख्यमंत्री पद के लिए खुद चेहरा होने की इच्छा व्यक्त की थी.
पवार ने कहा, ‘फिलहाल केवल एक ही तरह का फॉर्मूला है कि प्रत्येक व्यक्ति मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में काम करेगा.’
एनसीपी नेता ने कहा कि विधानसभा में बहुमत तय करता है कि मुख्यमंत्री कौन होगा. यदि नाना पटोले ने मुख्यमंत्री पद की इच्छा व्यक्त की है तो यह व्यक्त करने का उनका अधिकार है. उन्होंने यह इच्छा इसलिए व्यक्त की क्योंकि वह ऐसा महसूस करते हैं.
पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के लिए लोकतंत्र में अंतत: राज्य विधानसभा में 145 सीट के जादुई आंकड़े (288 सदस्यीय विधानसभा में) को प्राप्त करना होता है. जो भी इसे प्राप्त करता है, मुख्यमंत्री पद का दावा कर सकता है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)