पीडीपी नेता नईम अख़्तर को नज़रबंदी से रिहा करने का यह क़दम 24 जून को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली सर्वदलीय बैठक से पहले उठाया गया है, जिसमें शामिल होने को लेकर पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस सहित मुख्यधारा के क्षेत्रीय दलों के भीतर विचार-विमर्श चल रहा है. यह बैठक विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने की केंद्र की पहल के तहत बुलाई गई है.
श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता नईम अख्तर को एक महीने से अधिक समय के बाद रविवार को नजरबंदी से रिहा कर दिया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
यह कदम 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली सर्वदलीय बैठक से पहले उठाया गया है, जिसको लेकर पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) सहित मुख्यधारा के क्षेत्रीय दलों के भीतर विचार-विमर्श चल रहा है.
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने की केंद्र की पहल के तहत यह बैठक बुलाई गई है. अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन करने की घोषणा के बाद से इस तरह की पहली कवायद होगी.
एक अधिकारी ने कहा, ‘अख्तर को नजरबंदी से रिहा कर दिया गया है.’
पीडीपी नेता को पांच महीने की एहतियाती नजरबंदी से रिहा होने के बाद 10 मई को फिर नजरबंद कर दिया गया था, इस दौरान उन्हें यहां विधायक छात्रावास में रखा गया था.
अमर उजाला के मुताबिक, इससे पहले शनिवार (19 जून) को सरताज मदनी को विधायक छात्रावास से रिहा किया गया था.
जिला विकास परिषद चुनावों की मतगणना से एक दिन पहले बीते 21 दिसंबर को नईम अख्तर और सरताज मदनी सहित पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कई नेताओं को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया था.
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती मदनी की रिहाई पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा था कि अब समय आ गया है कि भारत सरकार जम्मू कश्मीर के अंदर और बाहर जेलों में सड़ रहे राजनीतिक बंदियों और अन्य बंदियों को रिहा करे.
Relieved that PDPs Sartaj Madni has finally been released after 6 months of wrongful detention. Its high time that GOI releases political prisoners & other detainees rotting in jails in & outside J&K. A raging pandemic should’ve been reason enough to free them.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 19, 2021
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘राहत की बात यह है कि पीडीपी नेता सरताज मदनी को 6 महीने की गलत हिरासत के बाद आखिरकार रिहा कर दिया गया है.’
बता दें कि पिछले साल जिला विकास परिषद चुनावों की मतगणना से एक दिन पहले 21 दिसंबर को अख्तर और सरताज मदनी सहित पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कई नेताओं को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया था.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के करीबी नईम अख्तर को पहले अगस्त 2019 में हिरासत में लिया गया था और बाद में जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया था. उन्हें 10 महीने की हिरासत के बाद जून 2020 में रिहा कर दिया गया था, लेकिन पिछले साल दिसंबर में फिर से हिरासत में ले लिया गया था.
मालूम हो कि पांच अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म कर जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के बाद प्रशासन ने राज्य के मुख्यधारा के तमाम नेताओं समेत राजनीतिक कार्यकर्ताओं को नजरबंद कर दिया था या फिर हिरासत में ले लिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)