महाराष्ट्र: शिवसेना विधायक ने उद्धव को पत्र लिखकर कहा- देर होने से पहले भाजपा से हाथ मिला लें

पिछले साल नवंबर में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक के महाराष्ट्र स्थित परिसरों पर छापेमारी भी की थी. उनका कहना है कि केंद्रीय एजेंसियां उन्हें बेवजह परेशान कर रही हैं. उन्होंने कहा कि वह बीते सात महीने से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि उन्हें राज्य सरकार से कोई समर्थन नहीं मिला है.

शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक (फोटो साभारः फेसबुक)

पिछले साल नवंबर में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक के महाराष्ट्र स्थित परिसरों पर छापेमारी भी की थी. उनका कहना है कि केंद्रीय एजेंसियां उन्हें बेवजह परेशान कर रही हैं. उन्होंने कहा कि वह बीते सात महीने से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि उन्हें राज्य सरकार से कोई समर्थन नहीं मिला है.

शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक (फोटो साभारः फेसबुक)
शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक (फोटो साभारः फेसबुक)

मुंबईः मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना कर रहे शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर उनसे अपील की है कि बहुत देर होने से पहले भाजपा के साथ मेलमिलाप करना ही ठीक रहेगा.

ईडी 175 करोड़ रुपये के कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सरनाईक की जांच कर रही हैं.

सरनाईक ने 10 जून को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उद्धव ठाकरे से अनुरोध किया है कि वह शिवसेना के नेताओं को केंद्रीय जांच एजेंसियों के उत्पीड़न से बचाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लें.

उन्होंने कहा, ‘हालांकि भाजपा से गठबंधन टूट गया है, लेकिन ‘युति’ (भाजपा-शिवसेना) के नेताओं के बीच व्यक्तिगत और सौहार्दपूर्ण संबंध बने हुए हैं. बहुत देर होने से पहले मेलमिलाप करना बेहतर रहेगा.’

उद्धव ठाकरे नीत पार्टी के भाजपा के साथ गठबंधन से अलग होने के बाद शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर 2019 में महा विकास आघाड़ी सरकार बनाई थी.

पिछले साल नवंबर में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सरनाईक के महाराष्ट्र स्थित परिसरों पर छापेमारी भी की थी.

यह उल्लेख करते हुए कि मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई शहरों में नगर निकाय चुनाव होने हैं, सरनाईक ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘अभिमन्यु और कर्ण की तरह स्वयं का बलिदान करने की जगह मैं अर्जुन की तरह युद्ध लड़ने में विश्वास करता हूं. यही कारण है कि अपने नेताओं या सरकार से कोई मदद लिए बिना मैं पिछले सात महीने से अपनी कानूनी लड़ाई लड़ रहा हूं.’

ठाणे जिले से विधायक सरनाईक ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और राकांपा, शिवसेना में दरार डालने का काम कर रही हैं.

उन्होंने पत्र में कहा, ‘हमारे साथ गठबंधन में होने के बावजूद कांग्रेस और एनसीपी हमारे कार्यकर्ताओं को दूर कर रहे हैं और शिवसेना को कमजोर कर रहे हैं. मेरी व्यक्तिगत राय में यह जरूरी है कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मेल-मिलाप कर लें. हमारे बहुत से समर्थकों को लगता है कि ऐसा करने से प्रताप सरनाईक, अनिल परब और रविंद्र वायरकर का उत्पीड़न बंद हो जाएगा.’

बता दें कि ठाकरे के करीबी सहयोगी महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं, जबकि शिवसेना विधायक रविंद्र वायरकर पर चुनावी हलफनामे में कुछ संपत्ति के ब्योरे का खुलासा नहीं किया है, जिसे उन्होंने कथित तौर पर अलीबाग में खरीदा था.

सरनाईक ने कहा कि एक ओर जहां मुख्यमंत्री ठाकरे केवल कोविड-19 के उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं जबकि कांग्रेस अगले चुनाव में अकेले लड़ने की बात कर रही है. वहीं, राकांपा शिवसेना कार्यकर्ताओं को तोड़ने और उन्हें शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल करने में व्यस्त है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी सांसद और शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने इस पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उत्पीड़न के आरोप गंभीर मामला है.

राउत ने कहा, ‘एक पत्र लिखा गया है. मुझे इसके बारे में और कुछ नहीं कहना है. इस पत्र में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उत्पीड़न पर बात की गई है. अगर उन्होंने इस उत्पीड़न की वजह से यह पत्र लिखा है तो सभी को इस बात का संज्ञान लेने की जरूरत है कि ऐसा क्यों हो रहा है.’

सरनाईक के पत्र पर भाजपा के राज्य अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘प्रताप सरनाईक शिवसेना के नेता और विधायक हैं. उन्होंने अपने पार्टी प्रमुख को पत्र लिखा है, जिसमें भाजपा के साथ गठबंधन करने का आह्वान किया गया है. अगर उद्धव ठाकरे इस बारे में सोचेंगे तो इस पर सोचा जाएगा.’

इस बीच भाजपा नेता किरीट सोमैया ने सरनाईक के पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘शिवसेना विधायक अब जेल जाने को लेकर चिंतित हैं, इसीलिए उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकरे से प्रधानमंत्री मोदी तथा भाजपा से हाथ मिलाने को कहा है.’

बता दें कि बीते तीन महीनों में ईडी ने सरनाईक को तीन बार तलब किया है. सरनाईक का कहना है कि केंद्रीय एजेंसियां उन्हें बेवजह परेशान कर रही हैं. उन्होंने कहा कि वह बीते सात महीने से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि उन्हें राज्य सरकार से कोई समर्थन नहीं मिला है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)