एक दिन में सर्वाधिक टीके देने के लिए क्या पहले भाजपा शासित राज्यों ने खुराकों में कमी की थी?

स्क्रोल डॉट इन की एक रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले कुछ दिनों में भाजपा शासित राज्यों द्वारा टीकाकरण की गति को धीमा करना सोमवार को भारत के रिकॉर्ड 86 लाख टीके की खुराक देने का कारण हो सकता है.

//
(फोटो: पीटीआई)

स्क्रोल डॉट इन की एक रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले कुछ दिनों में भाजपा शासित राज्यों द्वारा टीकाकरण की गति को धीमा करना सोमवार को भारत के रिकॉर्ड 86 लाख टीके की खुराक देने का कारण हो सकता है.

(फोटो: पीटीआई)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: देश में कोविड-19 के कहर के बीच केंद्र सरकार द्वारा रिकॉर्ड टीकाकरण होने के दावे किए गए हैं. हालांकि इसे लेकर सवाल भी उठ रहे हैं.

स्क्रोल डॉट इन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में भाजपा शासित राज्यों द्वारा टीकाकरण की गति को धीमा करना सोमवार को भारत के रिकॉर्ड 86 लाख वैक्सीन की खुराक देने का कारण हो सकता है.

इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि केंद्र दवा निर्माताओं से सभी टीकों का 75 फीसदी खरीदेगा और उन राज्यों को मुफ्त में वितरित करेगा, जो निजी अस्पतालों के साथ पहले 18-45 वर्ष की आयु के लोगों के लिए वैक्सीन खरीद रहे थे.

इसलिए, सोमवार को रिकॉर्ड टीकाकरण को मोदी सरकार ने इस कदम का परिणाम बताया.

बता दें कि इससे पहले 5 अप्रैल को भारत में रिकॉर्ड 45 लाख लोगों का टीकाकरण किया गया था. हालांकि, इसके बाद रोजाना के टीकाकरण की गति 30 लाख से कम रहने लगी.

मोदी ने ट्वीट किया, ‘आज की रिकॉर्ड तोड़ टीकाकरण संख्या प्रसन्न करने वाली है. कोविड-19 से लड़ने के लिए वैक्सीन हमारा सबसे मजबूत हथियार बना हुआ है. उन्होंने नागरिकों को टीका लगाने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स का शुक्रिया भी अदा किया.’

स्क्रोल के अनुसार, कोविन पोर्टल के डेटा से पता चलता है कि मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और असम जैसे राज्यों में सोमवार से पहले के दिनों में टीकाकरण में गिरावट आई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ‘रिकॉर्ड’ के आंकड़े को कृत्रिम रूप से निर्मित करने से संबंधित हो सकती है.

स्क्रोल के अनुसार, इसमें कहा गया है कि जबकि दी जाने वाली औसत खुराक आमतौर पर रविवार को गिरती है, इस रविवार को गिरावट कई भाजपा शासित राज्यों में सामान्य से अधिक थी. गैर-भाजपा शासित राज्यों में ऐसी प्रवृत्ति नहीं देखी गई.

विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत को दिसंबर तक 95 करोड़ वयस्कों को टीका लगाने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक दिन में एक करोड़ खुराक देने की आवश्यकता है. अब तक, भारत ने दोनों खुराक को मिलाकर 5 फीसदी से भी कम टीकाकरण किया है.

महाराष्ट्र में एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी डीएन पाटिल ने रॉयटर्स से कहा, ‘यदि आपूर्ति लगातार बनी रहती है, तो हम निश्चित रूप से वर्ष के अंत तक अपनी अधिकांश आबादी (12.5 करोड़ से अधिक) को टीका लगाने के लिए तैयार होंगे.’

इस महीने की शुरुआत में सरकार ने कहा था कि भारत में जुलाई और अगस्त में प्रति दिन कोविड-19 टीकों की एक करोड़ खुराक उपलब्ध हो सकती है. सरकारी सलाहकार विनोद कुमार पॉल ने सोमवार को कहा कि प्रतिदिन एक करोड़ खुराक देना कोई निर्धारित लक्ष्य नहीं था.

पॉल ने सीएनबीसी-टीवी18 चैनल के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘जैसे-जैसे (टीकों की) उपलब्धता बढ़ती है, उनके क्रियान्वयन की गति भी बढ़नी चाहिए और इससे हमें एक निश्चित आंकड़ा मिलेगा.’

उन्होंने कहा, ‘एक दिन में कितना (टीकाकरण) किया जा सकता है, जो दिन के अंत तक स्पष्ट हो जाना चाहिए.’

संक्रमण में कमी

पिछले 24 घंटों में भारत ने 53,256 नए मामले दर्ज किए, जो 24 मार्च के बाद से सबसे कम है. संक्रमण मई में एक दिन में लगभग 4,00,000 के चरम पर पहुंच गया और अप्रैल-मई में मौतें लगभग 1,70,000 तक हो गईं.

2.99 करोड़ के कुल संक्रमण संख्या के साथ भारत अमेरिका के बाद विश्व स्तर पर दूसरे स्थान पर है.

मई के बाद से व्यापक टीके की कमी ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच विभाजन को और खराब कर दिया है, क्योंकि कई युवा शहरवासियों ने निजी अस्पतालों की ओर रुख किया और प्रति खुराक 650 रुपये से 1,750 रुपये के बीच भुगतान किया.

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सदस्य गिरिधर बाबू ने रॉयटर्स को बताया, ‘यह देश में कोविड-19 से संबंधित प्रतिकूलताओं के अंत की शुरुआत का प्रतीक है.’

जनवरी में शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने इसी तरह एक समयपूर्व टिप्पणी की थी कि कोविड-19 को पराजित कर दिया गया है और ऐसा हो सकता है कि इसने लोगों को वायरस-उपयुक्त व्यवहार को छोड़ने के लिए आश्वस्त किया और विनाशकारी दूसरी लहर का मार्ग प्रशस्त किया हो.

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लाखों लोग संक्रमण की चपेट में हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां दो-तिहाई आबादी रहती है. और शहरों को तेजी से फिर से खोलना बड़े पैमाने पर टीकाकरण के प्रयासों को जटिल बना सकता है.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq