असम सरकार ने अपने सभी विभागीय प्रमुखों को निर्देश दिया कि इस महीने से वेतन जारी करने के पहले फ्रंटलाइन कर्मचारियों के टीकाकरण की स्थिति का पता लगाएं. इसी तरह मध्य प्रदेश के उज्जैन में ज़िला प्रशासन ने कहा है कि यदि सरकारी कर्मचारियों ने टीका नहीं लगवाया तो उन्हें अगले माह से वेतन नहीं मिलेगा.
गुवाहाटी/उज्जैन: असम सरकार ने बुधवार को अपने सभी विभागीय प्रमुखों को निर्देश दिया कि वे इस महीने से वेतन जारी करने के पहले अग्रिम पंक्ति के सरकारी कर्मचारियों के टीकाकरण की स्थिति का पता लगाएं.
असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ ने असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष के तौर पर एक आदेश में कहा कि यह देखा गया है कि अग्रिम पंक्ति के कई सरकारी कर्मचारियों ने अभी तक कोविड टीका नहीं लगवाया जबकि कोविन पोर्टल पर उनका पंजीकरण हो चुका है.
यह आदेश राज्य प्रशासन के इस बयान के दो दिन बाद आया है कि सरकारी और निजी उद्यमों के ऐसे सभी कर्मचारियों के लिए कार्यालय आना अनिवार्य है जिन्होंने टीकों की दोनों खुराक ली है.
बुधवार को जारी आदेश में कहा गया है कि अग्रिम पंक्ति के सरकारी कर्मचारियों का टीकाकरण नहीं होने से वायरस के और फैलने की आशंका बढ़ सकती है और इससे आम नागरिकों, खासकर कमजोर समूहों जैसे शिशुओं, गर्भवती महिलाओं और अन्य के लिए खतरा पैदा हो सकता है.
इस बीच, एक अधिकारी ने बताया कि असम ने बुधवार को राज्य भर में 18 साल से अधिक उम्र के 3,31,315 लाभार्थियों को टीके देकर तीन लाख लोगों के टीकाकरण के दैनिक लक्ष्य को पार कर लिया.
उज्जैन कलेक्टर ने सरकारी कर्मचारियों से कहा, टीका नहीं तो वेतन भी नहीं
उज्जैन जिला प्रशासन ने कोविड-19 के खिलाफ शत-प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक आदेश जारी कर कहा है कि यदि सरकारी कर्मचारियों ने टीका नहीं लगवाया तो उन्हें अगले माह से वेतन नहीं मिलेगा.
जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने मंगलवार को इस आशय का आदेश जारी किया. आदेश में कहा गया है कि 31 जुलाई तक टीकाकरण नहीं कराने वाले सरकारी कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जाएगा.
सिंह ने बताया कि कर्मचारियों को जुलाई का वेतन टीकाकरण का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के बाद ही दिया जाएगा.
सिंह ने आदेश की पुष्टि करते हुए बुधवार को कहा, ‘जिले में शत-प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं.’
आदेश में जिला कोषागार अधिकारी को जून के वेतन वितरण के साथ टीकाकरण प्रमाण पत्र एकत्र करने और सरकारी कर्मचारियों के टीकाकरण के बारे में जानकारी संकलित करने का निर्देश दिया गया है. जिले के विभिन्न विभागों के प्रमुखों को दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कर्मचारियों के टीकाकरण की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.
आदेश के अनुसार, जिले में कोविड-19 के कारण हुई सरकारी कर्मचारियों की मौत के मामलों की समीक्षा के दौरान पाया गया कि उनका टीकाकरण नहीं हुआ था.
बता दें कि इससे पहले झारखंड के कोडरमा जिले में एक आदेश जारी कर सरकारी कर्मचारियों को चेतावनी दी गई थी कि अगर उन्होंने टीका नहीं लगवाया तो उनका वेतन रोक दिया जाएगा. हालांकि, विवाद के बाद उसे वापस ले लिया गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)