विभिन्न सुविधाओं को आधार से जोड़ने के ख़तरे के सवाल पर पूर्व केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा, 40 प्रतिशत भारतीयों का डेटा स्मार्ट फोन के जरिये सीआईए से साझा हो रहा है.
गुरुवार को अपने पद से रिटायर हुए केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि का कहना है कि भारत में स्मार्ट फोन और कुछ एप इस्तेमाल करने वाले 40 प्रतिशत लोगों का डेटा दूसरे देशों में, यहां तक कि अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए से भी साझा किया जा रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, महर्षि ने 21 जुलाई को यह बयान दिया था. उनसे एक संसदीय पैनल ने उनसे पूछा था कि विभिन्न सेवाओं को आधार से लिंक करने पर किसी की गोपनीयता को क्या खतरा हो सकता है. उन्होंने अपना जवाब पी चिदंबरम के नेतृत्व में गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति को दिया था.
राजीव आगे कहते हैं कि स्मार्ट फोन के जरिए बहुत सारे लोगों का बायोमेट्रिक और फिंगर प्रिंट जुटाया जा रहा है, जिससे उनकी निजी और गोपनीय चीजें सुरक्षित नहीं है. फ़िलहाल 40 फ़ीसदी लोगों की जानकारी विदेशों में साझा हो रही है और कल यही आंकड़ा 100 फ़ीसदी भी हो सकता है, अगर स्मार्ट फोनधारक 100 फ़ीसदी हो जाएं.
प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों से डाटा की साझेदारी पर उन्होंने कहा कि यह चिंता में डालने वाला है. उन्होंने लोगों के डेटा चोरी की संभावनाओं के बारे में भी बात की और कहा कि एप्लीकेशंस के इस्तेमाल के चलते लोगों की दिनभर की गतिविधि को ट्रैक किया जा सकता है.
पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने कहा कि यदि दो स्मार्ट फोन निकटता में हैं, तो यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि वे एक ही कमरे में हैं. आजकल इसी ट्रैकिंग के सहारे ड्रोन हमलों को अंजाम दिया जाता है.