जनाधिपत्य राष्ट्रीय सभा की राज्य इकाई की कोषाध्यक्ष प्रसीता अझिकोड ने बीते दिनों आरोप लगाया था कि केरल भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में जेआरएस की वापसी के लिए पार्टी अध्यक्ष सीके जानू को 25 लाख रुपये की रिश्वत दी थी. भारतीय जनता युवा मोर्चा के हटाए गए दोनों नेता मामले के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे. उनके हटाए जाने के बाद मोर्चा के 250 से अधिक कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ दी है.
तिरुवनंतपुरमः केरल में हाल ही में हुए चुनाव से पहले भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच राज्य की भाजपा इकाई ने वायनाड जिला युवा इकाई के दो नेताओं को उनके पदों से हटा दिया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन युवा नेताओं ने कथित भ्रष्टाचार में शामिल भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी.
इन दोनों युवा नेताओं को पदों से हटाए जाने के बाद जिले के भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के 250 से अधिक कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ दी है और कई समितियों को भंग कर दिया गया है.
भाजयुमो जिलाध्यक्ष दीपू पुथेनपुरयिल को उनके पद से हटा दिया गया है. वह सुल्तान बथेरी निर्वाचन क्षेत्र में एनडीए उम्मीदवार सीके जानू के प्रचार अभियान के प्रभारी थे.
इसके साथ ही भाजयुमो के सुल्तान बथेरी निर्वाचन क्षेत्र के अध्यक्ष लिलिल कुमार को भी उनके पद से हटाया गया है.
भाजपा के वायनाड जिला प्रमुख साजी शंकर का कहना है कि प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर दोनों नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है.
मालूम हो कि केरल भाजपा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. आरोप है कि केरल भाजपा ने जनाधिपत्य राष्ट्रीय सभा (जेआरएस) पार्टी को दोबारा एनडीए में शामिल कराने और चुनाव लड़ने के लिए पार्टी की प्रमुख और आदिवासी नेता सीके जानू को दस लाख रुपये की रिश्वत दी थी.
पार्टी सहयोगी प्रसीता अझिकोड ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने चुनाव प्रचार के लिए सीके जानू को 25 लाख रुपये नकद दिए थे और इस पैसे का इस्तेमाल नहीं किया गया था.
इन आरोपों के बाद पुलिस ने केरल भाजपा के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
इसी महीने केरल के वायनाड की एक अदालत ने आदिवासी नेता तथा जनाधिपत्य राष्ट्रीय पार्टी (जेआरपी) की अध्यक्ष सीके जानू को छह अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव में मन्नतवाड़ी सीट से एनडीए उम्मीदवार बनने के लिए रिश्वत देने सहित कई अन्य आरोप में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन और जानू के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था.
पिछले हफ्ते कासरगोड में पुलिस ने सुरेंद्रन के खिलाफ मंजेश्वरम विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन वापस लेने के लिए बसपा उम्मीदवार के. सुंदर को कथित रूप से रिश्वत देने का मामला दर्ज किया था, जहां से सुरेंद्रन ने अप्रैल में विधानसभा चुनाव लड़ा था और हार गए थे.
बाद में अपना नामांकन वापस लेने वाले और भाजपा में शामिल होने वाले सुंदर ने आरोप लगाया था कि उन्हें स्थानीय भाजपा नेताओं द्वारा 2.5 लाख रुपये का भुगतान किया गया था.
भाजुमो नेताओं का कहना है कि उन्होंने इस मामले में शामिल जिले के भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी.
दीपू ने कहा, ‘भाजपा के जिला सचिव प्रशांत मालवायल के पास सुल्तान बथेरी विधानसभा सीट पर कोई विशेष प्रभार नहीं था. इसके बावजूद वह सभी वित्तीय मामलों को संभाल रहे थे. वित्तीय लेन-देन में गड़बड़ी को लेकर प्रशांत के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग के बाद हमें पार्टी पद से हटाया गया.’
भाजयुमो नेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई के विरोध में संगठन ने सुल्तान बथेरी और कलपेट्टा में अपनी समितियों को भंग कर दिया. इसके साथ ही सात गांव पंचायतों की समितियों ने भी विरोध में इस्तीफा दे दिया है.
पार्टी पद से हटाए गए नेताओं का कहना है कि आगामी दिनों में अभी और लोग इस्तीफा देंगे.