यूपी: कोविड टीके से आंखों की रोशनी जाने का दावा, हाईकोर्ट ने पूछा- क्या मुआवज़ा दे सकते हैं

मामला बदायूं ज़िले का है, जहां एक सरकारी कर्मचारी की पत्नी ने दावा किया है कि कोविड-19 का टीका लगवाने के बाद उनके पति दृष्टिहीन हो गए. उनकी याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बदायूं डीएम से कहा है कि वे जांच कर बताएं कि क़ानून के अनुसार इस मामले में मुआवज़ा दिया जा सकता है या नहीं.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

मामला बदायूं ज़िले का है, जहां एक सरकारी कर्मचारी की पत्नी ने दावा किया है कि कोविड-19 का टीका लगवाने के बाद उनके पति दृष्टिहीन हो गए. उनकी याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बदायूं डीएम से कहा है कि वे जांच कर बताएं कि क़ानून के अनुसार इस मामले में मुआवज़ा दिया जा सकता है या नहीं.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में बदायूं के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को यह तय करने का निर्देश दिया है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी यह दावा करता है कि कोविड-19 का टीका लगने के बाद उसके दोनों आंखों की रोशनी चली गई है, वह कानून के अनुसार मुआवजे के लिए पात्र है या नहीं.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी ने बीते सोमवार को लेखपाल ऐश्वर्य कुमार शर्मा की पत्नी द्वारा दायर एक रिट याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता एक हफ्ते के भीतर जिला मजिस्ट्रेट, बदायूं से सामने सभी प्रासंगिक चिकित्सा रिपोर्टों करें, जिसके आधार पर वे कानून के अनुसार शीघ्रता से निर्णय लेंगे.

दंपति का एक 10 साल का बेटा भी है. याचिकाकर्ता प्रभा मिश्रा ने कोविड-19 का टीका लगने के बाद अपने पति के दोनों आंखों की रोशनी चले जाने के कारण मुआवजे की मांग करते हुए याचिका दायर की थी.

उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि था कि वह संबंधित विभाग को उनके मामले पर विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दे.

मिश्रा ने दावा किया है कि टीका लगने के कारण ही उनके पति के आंखों की रोशनी गई है. पत्नी ने कहा कि उन्होंने पहले अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया था, लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं सुनी, जिसके कारण उन्हें न्यायालय का रुख करना पड़ा.

उन्होंने बताया, ‘मेरे पति ऐश्वर्य कुमार शर्मा बदायूं की बिसौली तहसील में लेखपाल हैं. उन्हें 12 फरवरी को तहसील परिसर में प्रशासन द्वारा लगवाए गए कैंप में कोविशील्ड वैक्सीन लगी थी. घर लौटने पर उन्हें तेज़ बुखार और सिर दर्द था, आंखें भी लाल थीं. हमें लगा ऐसा बुखार के कारण हैं. चार दिन तक दवाएं लेने के बावजूद बुखार और सिर दर्द ठीक नहीं हुए. इसके बाद उन्हें कम दिखने लगा. हमने मेडिकल स्टोर से आईड्रॉप ली, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. टीका लगने के सात दिन बाद उनकी आंखों से पस आने लगा.’

प्रभा ने दावा किया है कि उनके पति को पहले से कोई बीमारी नहीं थी और वे ठीक थे.

उन्होंने बताया कि पहले वे मरीज को बदायूं के एक डॉक्टर के पास ले गईं, जहां एक हफ्ते इलाज चला. लेकिन वे ठीक नहीं हो पाए और उन्हें एम्स रेफर किया गया. फिर प्रभा ने उन्हें पास के जिले बरेली के एक प्राइवेट डॉक्टर को दिखाया, जिन्होंने कहा कि वैक्सीन के कारण आंखों में संक्रमण हुआ है.

इसके बाद वे अपने पति को एम्स ले गईं, जहां कुछ इलाज के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उनके आंखों की रोशनी वापस नहीं आ सकेगी.