किसान आंदोलन: भाजपा कार्यकर्ताओं से झड़प के बाद 200 प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज

दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर बीते 30 जून को ग़ाज़ीपुर प्रदर्शन स्थल के पास भाजपा कार्यकर्ताओं और कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों के बीच झड़प हुई थी. भारतीय किसान यूनियन की ओर से कहा गया है कि यह शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने का प्रयास है. दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की गई तो किसान राज्यभर के थानों पर धरना देंगे. किसानों ने भी कथित भाजपा समर्थकों के एक समूह के ख़िलाफ़ इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है.

केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन. (फाइल फोटो: पीटीआई)

दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर बीते 30 जून को ग़ाज़ीपुर प्रदर्शन स्थल के पास भाजपा कार्यकर्ताओं और कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों के बीच झड़प हुई थी. भारतीय किसान यूनियन की ओर से कहा गया है कि यह शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने का प्रयास है. दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की गई तो किसान राज्यभर के थानों पर धरना देंगे. किसानों ने भी कथित भाजपा समर्थकों के एक समूह के ख़िलाफ़ इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है.

दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी. (फोटो: पीटीआई)
दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी. (फाइल फोटो: पीटीआई)

गाजियाबाद: गाजियाबाद पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर हंगामा करने और भाजपा कार्यकर्ताओं के वाहनों को क्षतिग्रस्त करने के आरोप में बृहस्पतिवार को 200 प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. इस घटना के बाद शुक्रवार को भाजपा कार्यकर्ताओं के एक समूह के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है.

नगर पुलिस अधीक्षक (द्वितीय) ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि ट्रांस हिंडन क्षेत्र (साहिबाबाद) के कौशांबी थाने में प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच बीते 30 जून को उस समय हाथापाई हो गई थी जब सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर जुलूस निकाल रहे थे, जहां प्रदर्शनकारी, मुख्य रूप से बीकेयू के समर्थक नवंबर 2020 से डेरा डाले हुए हैं.

द हिंदू के मुताबिक, प्रदेश भाजपा के नवनियुक्त महासचिव अमित वाल्मीकि की शिकायत पर आईपीसी की धारा 147, 148, 223, 352, 427 और 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. वाल्मीकि ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने न केवल पार्टी के वाहनों को क्षतिग्रस्त किया, बल्कि उनके खिलाफ जातिवादी गालियों का भी इस्तेमाल किया.

पुलिस सूत्रों ने कहा कि वाहनों को क्षतिग्रस्त करने और हंगामा करने वालों की वीडियो फुटेज के जरिये पहचान की जा रही है.

वहीं, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने एक बयान में कहा कि एकतरफा पुलिस कार्रवाई किसानों के विरोध को दबाने की कोशिश है.

मलिक ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिन्होंने पिछले सात महीनों से किसानों पर हमला किया. यह हमारे शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने का एक प्रयास है. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो किसान राज्यभर के थानों पर धरना देंगे.’

मलिक ने कहा कि भाजपा इसे जाति का मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वाल्मीकि समुदाय ने बड़ी संख्या में सिसौली पहुंचकर किसानों के साथ एकजुटता दिखाई है.

इंदिरापुरम के क्षेत्राधिकारी अंशु जैन ने बताया कि गाजियाबाद पुलिस ने बृहस्पतिवार शाम बीकेयू के जिला प्रमुख जितेंद्र सिंह की शिकायत के बाद झड़प के संबंध में एक और प्राथमिकी दर्ज की.

पुलिस ने कहा कि कौशांबी थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 323, 504 और 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

समाचार एजेंसी ‘पीटीआई/भाषा’ द्वारा देखी गई प्राथमिकी में भाजपा कार्यकर्ताओं पर बीते 30 जून को गाजीपुर सीमा पर झड़प को भड़काने का आरोप है.

बीकेयू पदाधिकारियों के अनुसार, पहले पुलिस प्राथमिकी दर्ज नहीं कर रही थी, जिसके कारण कई किसानों ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया था.

बीकेयू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा, ‘प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अब इन प्रदर्शनों को बंद कर दिया गया है.’

गौरतलब है कि दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित गाजीपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं और कृषि कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों के बीच बुधवार को झड़प हो गई थी.

सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें कथित रूप से कुछ गाड़ियां क्षतिग्रस्त हालत में दिख रही हैं. ये गाड़ियां भाजपा नेता अमित वाल्मीकि के काफिले का हिस्सा थीं और वाल्मीकि के स्वागत के लिए ही जुलूस निकाला जा रहा था.

वहीं, किसान नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह प्रकरण तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कुचलने और इसे बदनाम करने की सरकार की एक और साजिश है.

भाजपा कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुधवार को भाजपा पर जाति आधारित दंगे भड़काने की साजिश रचने का आरोप लगाया था.

भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी शिकायत दर्ज

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की गाजीपुर सीमा पर बीते 30 जून को प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ झड़प को लेकर गाजियाबाद पुलिस ने कथित भाजपा समर्थकों के एक समूह के खिलाफ शुक्रवार को मामला दर्ज किया है.

किसान प्रदर्शनकारियों के अनुसार, भाजपा समर्थक धरना स्थल पर एकत्र हुए और उन पर हमला किया. हालांकि, भाजपा समर्थकों का कहना है कि काफिले निकलने के दौरान किसानों ने उनके वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया और उन्हें पीटा.

कौशांबी पुलिस स्टेशन में बीते 30 जून को शिकायत दर्ज की गई थी, जिसके बाद उसी दिन कुछ किसानों पर केस दर्ज किया गया था. कौशांबी पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि दंगा और मारपीट के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई है.

किसानों ने अपनी शिकायत में कहा है, ‘भाजपा कार्यकर्ता बड़ी संख्या में धरना स्थल पर एकत्र होकर शांति भंग करने लगे थे. उन्होंने प्रदर्शनकारियों को भड़काने की कोशिश की, ताकि आंदोलन की बदनामी हो. पुलिस की मौजूदगी में भाजपा कार्यकर्ताओं ने किसानों पर हमला किया और बुजुर्ग प्रदर्शनकारियों सहित उनमें से कुछ घायल हो गए.’

मौके पर मौजूद किसानों के मुताबिक, बीते 30 जून की सुबह भाजपा के झंडे लिए लोगों का एक समूह गाजीपुर सीमा पर स्थित किसानों के धरना मंच के पास आया और भारतीय किसान यूनियन और इसके नेता राकेश टिकैत के खिलाफ नारेबाजी करने लगा.

भाजपा कार्यकर्ताओं ने शुरू में कहा था कि वे अपने नेता अमित वाल्मीकि का स्वागत कर रहे हैं. किसानों ने आरोप लगाया कि भीड़ आक्रामक हो गई और जल्द ही भाजपा कार्यकर्ता धक्का-मुक्की करने लगे. स्थानीय लोगों ने बताया कि मामला इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई. किसानों ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ ‘गद्दार’ के नारे भी लगाए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)