बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इस साल जनवरी से अब तक 1304 बच्चों की मौत, 7 के ख़िलाफ़ ग़ैरज़मानती वारंट.
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के गृह जिले गोरखपुर के अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला रुक नहीं रहा है. अस्पताल में शुक्रवार को 35 और बच्चों की मौत हो गई. उधर, आॅक्सीजन की कमी के मामले में चर्चा में आए डॉ कफ़ील को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. इसके अलावा, अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में गोरखपुर की एक अदालत ने शुक्रवार को सात लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है.
शुक्रवार शाम को मिली खबर के मुताबिक, यहां बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में बीते 48 घंटे के दौरान 35 बच्चों की मौत के मामले सामने आए. इस प्रकार इस साल जनवरी से अब तक कुल 1304 बच्चों की मौत हो चुकी है.
मेडिकल कॉलेज के नवनियुक्त प्राचार्य डा पीके सिंह ने शुक्रवार को बताया कि 31 अगस्त को 16 बच्चों की मृत्यु हो गई, जबकि एक सितंबर को 19 अन्य बच्चों की एनआईसीयू, जनरल एवं इंसेफेलाइटिस वार्डों में मौत हो गई.
उन्होंने बताया कि 31 अगस्त को 11 बच्चों की एनआईसीयू में, जनरल पीडियाट्रिक में चार और इंसेफलाइटिस वार्ड में एक बच्चे की मौत हुई जबकि एक सितंबर को एनआईसीयू में 13, जनरल पीडियाट्रिक वार्ड में चार और इंसेफलाइटिस वार्ड में दो बच्चों की मौत हुई.
सिंह ने बताया कि जनवरी में 152 बच्चों की मौत हुई. फरवरी में 122, मार्च में 159, अप्रैल में 123, मई में 139, जून में 137, जुलाई में 128 और अगस्त में 325 बच्चों की मौत हुई.
डॉ कफील खान हिरासत में
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एईएस वार्ड में नोडल अधिकारी रहे कफील खान को शनिवार को पकड़ लिया. पिछले महीने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दो दिन के दौरान 30 बच्चों की मौत के बाद खान को पद से हटा दिया गया था.
खान मेडिकल कॉलेज के 100 बेड वाले एईएस वार्ड के नोडल अधिकारी थे. शुक्रवार को एक स्थानीय अदालत ने सात लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था, उनमें डॉ कफील का भी नाम था.
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स के महानिरीक्षक अमिताभ यश ने खान को पकडे़ जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें सुबह नौ बजे पकड़ा गया और अब उन्हें गोरखपुर पुलिस के हवाले किया जा रहा है.
इससे पहले एसटीएफ ने 29 अगस्त को मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य रहे राजीव मिश्र और उनकी पत्नी को पकड़ा था. मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत मामले में दर्ज एफआईआर में मिश्र और उनकी डॉक्टर पत्नी पूर्णिमा शुक्ल का नाम भी शामिल है. दोनों को कानपुर में पकड़ा गया, जहां दोनों कथित रूप से किसी वकील से सलाह मशविरा करने गए थे.
सात के खिलाफ गैर जमानती वारंट
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के परिप्रेक्ष्य में गोरखपुर की एक अदालत ने शुक्रवार को सात लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया.
जांच अधिकारी सी अभिषेक सिंह ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य राजीव मिश्र और उनकी पत्नी पूर्णिमा शुक्ला को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के एक दिन बाद अपर सत्र न्यायाधीश शिवानंद सिंह ने एफआईआर में नामित नौ लोगों में से सात के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है.
वारंट एईएस वार्ड के प्रभारी कफील खान, एनेस्थीसिया के डॉ सतीश, फार्मासिस्ट गजानन जायसवाल, लेखाकार सुधीर पांडेय, सहायक क्लर्क संजय कुमार और गैस आपूर्तिकर्ता उदय प्रताप सिंह एवं मनीष भंडारी के खिलाफ जारी हुआ.
बच्चों की मौत के बाद डाक्टर दंपति सहित नौ लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे. मिश्र और उनकी पत्नी को मंगलवार को कानपुर से गिरफ्तार किया गया था. उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया गया और अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. उक्त सभी के नाम उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में हैं.
मिश्र को मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य पद से 12 अगस्त को निलंबित कर दिया गया था. उन्होंने हालांकि बच्चों की मौत की घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उसी दिन अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. आरोप हैं कि बच्चों की मौत आक्सीजन आपूर्ति में बाधा के कारण हुई क्योंकि आपूर्तिकर्ता को कई महीनों से भुगतान नहीं किया गया था.
बीआरडी मेडिकल कॉलेज उस समय सुर्खियों में आया, जब 60 से अधिक बच्चों की एक सप्ताह के भीतर मौत हो गई. इनमें से ज्यादातर नवजात थे. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मेडिकल कॉलेज के बुनियादी ढांचे और मेडिकल सुविधाओं को लेकर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.