अमित शाह ने पुलिस के युवा अधिकारियों से कहा- प्रचार और सोशल मीडिया से दूर रहें

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पुलिस को ग़रीब, दलित एवं आदिवासियों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए. पुलिस की छवि में सुधार के लिए ‘संवाद और संवेदना’ दोनों जरूरी है. जनसंपर्क के बग़ैर अपराध के बारे में सूचना जुटाना मुश्किल है, इसलिए एसपी-डीएसपी स्तर के पुलिस अधिकारियों को तहसील तथा गांवों में जाना चाहिए और लोगों से मिलना चाहिए.

New Delhi: Home Minister Amit Shah during the 32nd Intelligence Bureau (IB) Centenary Endowment Lecture at Siri Fort auditorium, Monday, Dec. 23, 2019. (PTI Photo/Shahbaz Khan)(PTI12_23_2019_000017B)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पुलिस को ग़रीब, दलित एवं आदिवासियों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए. पुलिस की छवि में सुधार के लिए ‘संवाद और संवेदना’ दोनों जरूरी है. जनसंपर्क के बग़ैर अपराध के बारे में सूचना जुटाना मुश्किल है, इसलिए एसपी-डीएसपी स्तर के पुलिस अधिकारियों को तहसील तथा गांवों में जाना चाहिए और लोगों से मिलना चाहिए.

New Delhi: Home Minister Amit Shah during the 32nd Intelligence Bureau (IB) Centenary Endowment Lecture at Siri Fort auditorium, Monday, Dec. 23, 2019. (PTI Photo/Shahbaz Khan)(PTI12_23_2019_000017B)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के युवा अधिकारियों से कहा है कि वे सोशल मीडिया से दूर रहे और प्रचार के पीछे न भागें.

साथ ही शाह ने कहा कि पुलिस को गरीब, दलित एवं आदिवासियों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए.

गृह मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय पुलिस सेवा के 72वें बैच के परिवीक्षाधीन (प्रोबेशनर्स) अधिकारियों से संवाद करते हुए कहा कि पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने या कठोर कार्रवाई करने के आरोप लगते हैं, इसलिए उन्हें न्यायोचित कार्रवाई करने की दिशा में काम करना चाहिए.

शाह ने कहा, ‘न्यायोचित कार्रवाई का तात्पर्य स्वाभाविक कार्रवाई से है और पुलिस को कानून समझना चाहिए तथा सही चीज करनी चाहिए. ’

उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को ही अपनी छवि सुधारने के लिए काम करना होगा.

गृह मंत्री ने कहा, ‘पुलिस की छवि में सुधार के लिए ‘संवाद और संवेदना’ दोनों जरूरी है. इसलिए सभी पुलिसकर्मियों को संवेदनशील बनने के साथ ही जनता के साथ संवाद और जनसंपर्क बढ़ाने की आवश्यकता है.’

गृह मंत्री ने कहा कि जनसंपर्क के बगैर अपराध के बारे में सूचना जुटाना बहुत मुश्किल है, इसलिए पुलिस अधीक्षक (एसपी) और पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) स्तर के पुलिस अधिकारियों को तहसील तथा गांवों में जाना चाहिए और लोगों से मिलना चाहिए एवं रात में वहीं रुकना चाहिए.

शाह ने कहा कि अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों, विशेष रूप से आईपीएस अधिकारियों, को प्रचार पाने की कवायद से दूर रहना चाहिए और उन्हें अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी विशेषकर आईपीएस अधिकारियों को प्रचार से दूर रहना चाहिए. प्रचार की चाहत काम में बाधा डालती है. वैसे तो वर्तमान समय में सोशल मीडिया से दूर रहना मुश्किल है, लेकिन पुलिस अधिकारियों को इससे दूर रहना चाहिए और अपने कर्तव्यों पर ध्यान देना चाहिए.’

उन्होंने युवा पुलिस अधिकारियों से सावधानीपूर्वक काम करने को कहा, क्योंकि कानून व्यवस्था बरकरार रखना और आपराधिक न्याय प्रणाली सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है तथा इसमें थोड़ी सी जल्दबाजी से किसी के साथ अन्याय हो सकता है.

शाह ने पुलिस कॉन्स्टेबल के कल्याण पर जोर देते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों को अपने पूरे जीवन में इसके लिए काम करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पुलिस में सबसे कठिन ड्यूटी कॉन्स्टेबल की होती है, इसलिए यह बहुत जरूरी है कि उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं दी जाए और उनके प्रति संवेदनशील रहा जाए.

गृह मंत्री ने वैज्ञानिक जांच की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि जितनी अधिक वैज्ञानिक और साक्ष्य आधारित जांच होगी, मैनपावर की आवश्यकता उतनी ही कम होगी.

गृह मंत्रालय के अनुसार, उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों को ऐसे प्रोजेक्ट शुरू करने चाहिए, जिसमें उपलब्ध मैनपावर का बेहतर और अधिक से अधिक उपयोग किया जा सके.

इस कार्यक्रम में नेपाल, भूटान, मालदीव और मॉरीशस के पुलिस अधिकारियों ने भी भाग लिया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)