बीते 27 जून को जम्मू में भारतीय वायुसेना केंद्र पर ड्रोन से हमला किया गया था, जिसे किसी सैन्य प्रतिष्ठान पर इस तरह से हुए हमले की पहली घटना माना जा रहा है. इसके बाद जम्मू क्षेत्र के सीमावर्ती राजौरी और कठुआ ज़िलों में ड्रोन पर पाबंदी लगा दी गई थी.
नई दिल्ली: जम्मू में एक वायु सैनिक अड्डे पर ड्रोन से हमला किये जाने के एक हफ्ते बाद श्रीनगर में अधिकारियों ने बीते रविवार को शहर में ऐसे मानव रहित ड्रोन की बिक्री, रखने और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है.
इससे पहले जम्मू क्षेत्र के सीमावर्ती राजौरी और कठुआ जिले में भी बीते 27 जून को हुए आतंकी हमले के मद्देनजर ड्रोन और अन्य मानवरहित विमानों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई थी.
जम्मू हवाई अड्डे पर भारतीय वायुसेना के ठिकानों को विस्फोटक से लदे दो ड्रोन से निशाना बनाया गया था और अन्य संदिग्ध मानव रहित विमान भी देखे गए, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हैं.
श्रीनगर के उपायुक्त मोहम्मद एजाज ने एक आदेश में निर्देश दिया कि जिन लोगों के पास ड्रोन कैमरा या उस तरह के मानव रहित विमान हैं, वे उसे स्थानीय पुलिस थानों में जमा कराएं.
इस आदेश में हालांकि मानचित्र, सर्वेक्षण और कृषि, पर्यावरण संरक्षण तथा आपदा शमन के क्षेत्र में काम करने वाले सरकारी विभागों को छूट दी गई है, लेकिन उन्हें निर्देश दिया गया है कि इनका इस्तेमाल करने से पहले वे स्थानीय पुलिस थाने को इस बारे में सूचित करें.
All the drones grounded in Srinagar. The administration bans sale, storage, transport and usage of all kinds of drones. pic.twitter.com/Ns0Wdc4YZD
— Shuja ul haq (@ShujaUH) July 4, 2021
प्रशासन ने चेताया कि दिशा-निर्देश के किसी भी तरह के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई होगी और पुलिस से कहा कि वह इन पाबंदियों को समुचित तरीके से क्रियान्वित करें. शहर के पुलिस प्रमुख की अनुशंसा पर ड्रोन के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया गया है.
आदेश में कहा गया, ‘मीडिया और अन्य विश्वसनीय सूत्रों की खबरों के मुताबिक ड्रोन का दुरुपयोग कर सुरक्षा अवसंरचना के लिए खतरा पैदा करने के हाल के प्रकरणों के मद्देनजर विकेंद्रीकृत हवाई क्षेत्र की पहुंच को विनियमित किया जाना है.’
इसमें कहा गया कि महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और घनी आबादी वाले इलाकों के निकट ‘हवाई क्षेत्र को सुरक्षित करने’ के लिए यह अनिवार्य है कि सभी सामाजिक व सांस्कृतिक क्षेत्र के जमावड़ों में ड्रोन के इस्तेमाल को रोका जाए, जिससे जीवन या संपत्ति के नुकसान के किसी भी जोखिम को खत्म किया जा सके.
मालूम हो कि जम्मू में भारतीय वायुसेना केंद्र पर बीते 27 जून को ड्रोन से हमला किया गया था, जिसे सैन्य प्रतिष्ठान पर इस तरह से हमले की पहली घटना माना जा रहा है. ड्रोन पर विस्फोटक लगा सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाए जाने, सीमावर्ती इलाकों में अक्सर ड्रोन को उड़ते देखे जाने के मामलों ने सुरक्षा एजेंसियों के सामने नई तरह की चुनौती पेश की हैं.
इसे लेकर वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को कहा था कि जम्मू में वायुसेना के अड्डे पर हुए ड्रोन हमले आतंकी कार्रवाई थी, जिनका मकसद प्रमुख सैन्य संपत्तियों को निशाना बनाना था.
उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना सुरक्षा की ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं को मजबूत बना रही है.
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि भारतीय वायु सेना ने ड्रोनों और अन्य समान क्षमताओं के राज्येतर तत्वों के हाथ में पड़ने के प्रभाव का विस्तृत विश्लेषण किया है और इनसे निपटने के लिए कई कदम उठा रही है.
उन्होंने एक थिंक टैंक के साथ बातचीत के सत्र में कहा, ‘जम्मू में जो हुआ था वह निश्चित तौर पर आतंकी कार्रवाई थी, जिसकी कोशिश वहां हमारी संपत्तियों को निशाना बनाना था. जाहिर है कि वह प्रयास विफल रहा. संपत्तियों को कोई नुकसान नहीं हुआ. दो विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था.’
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि हमलों की विस्तृत जांच जारी है और जांच के परिणाम के आधार पर सभी तरह के कदम उठाए जाने की तैयारी है.
उन्होंने कहा कि जम्मू वायुसेना अड्डे पर अहम संपत्तियां नहीं हैं और ड्रोनों का पता लगाने के लिए वहां प्रणालियां नहीं हैं. हमलों का संदर्भ देते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि जब हमला हुआ उस वक्त दृश्यता नहीं थी.
उन्होंने कहा, ‘बहुत जल्द हमारे पास पर्याप्त प्रणालियां होंगी और हम लक्ष्य बनाएंगे…हम इस खतरे से निपटने के रास्ते खोज लेंगे.’
ड्रोन हमले पर राजनाथ ने कहा, देश पूरी तरह सुरक्षित
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ड्रोन हमले पर सोमवार को कहा कि देश पूरी तरह महफूज है और भारतीय सेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.
रक्षा मंत्री ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में जम्मू में वायुसेना के एक केंद्र पर हाल में हुए ड्रोन हमलों में पाकिस्तान का हाथ होने की आशंका और इस सिलसिले में उसे चेतावनी देने के बारे में पूछे जाने पर कहा ‘ड्रोन के मामले में किसी को भी चेतावनी देने का कोई सवाल नहीं है. देश पूरी तरह सुरक्षित है और जो भी चुनौती सामने आएगी, हमारी सेना उसका सामना करने में सक्षम है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)