जम्मू कश्मीर: एनसीपीसीआर ने ट्विटर के दो अधिकारियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने के लिए कहा

जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग़ सिंह को लिखे अपने पत्र में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा है कि शिकायत मिलने के बाद वीडियो का संज्ञान लिया गया है. यह ट्विटर पर किए गए एक वीडियो पोस्ट से संबंधित है,​ जिसमें एक छोटा बच्चा बंदूक चलाते हुए दिख रहा है. नए आईटी कानून लागू होने के बाद से ट्विटर इंडिया और उसके प्रबंध निदेशक पहले से ही अलग-अलग मामलों में कम से कम पांच मामलों का सामना कर रहे हैं.

(फोटो: रॉयटर्स)

जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग़ सिंह को लिखे अपने पत्र में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा है कि शिकायत मिलने के बाद वीडियो का संज्ञान लिया गया है. यह ट्विटर पर किए गए एक वीडियो पोस्ट से संबंधित है,​ जिसमें एक छोटा बच्चा बंदूक चलाते हुए दिख रहा है. नए आईटी कानून लागू होने के बाद से ट्विटर इंडिया और उसके प्रबंध निदेशक पहले से ही अलग-अलग मामलों में कम से कम पांच मामलों का सामना कर रहे हैं.

(फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर: एक बच्चे को हवा में गोलियां चलाते हुए दिखाने वाले ट्विटर वीडियो पोस्ट का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सोमवार को जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह को पत्र लिखकर ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी और ट्विटर इंडिया पॉलिसी मैनेजर शगुफ्ता कामरान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को कहा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अपने पत्र में एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि आयोग ने शिकायत मिलने के बाद वीडियो का संज्ञान लिया.

कानूनगो ने लिखा, ‘देखने में आया है कि 4-5 पुरुष हैं जो बच्चे को देख रहे हैं और बंदूक चलाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं और उसकी सराहना कर रहे हैं. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि वीडियो में गैरकानूनी आतंकी गतिविधि और बच्चों का उपयोग करके आतंकवाद का समर्थन और प्रचार दिखाया जा रहा है और केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में आतंकवादी संगठनों को आतंकवाद के लिए भर्ती गतिविधियों की सुविधा के लिए ट्विटर का उपयोग करने की अनुमति दी गई है.’

उन्होंने पुलिस से वीडियो की उत्पत्ति की जांच करने और एनसीपीसीआर को सूचित करने के लिए भी कहा.

ट्विटर अधिकारियों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई पर एनसीपीसीआर ने कहा कि ऐसा किया जाना चाहिए क्योंकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल बाल सैनिकों का उपयोग करके भारत के खिलाफ गैरकानूनी आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा था.

बता दें कि  नए आईटी नियमों के तहत अनुपालन अधिकारियों की नियुक्ति न करने के कारण सरकार ने साफ कर दिया है कि ट्विटर इंडिया मध्यस्थ नहीं है और आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत कानूनी सुरक्षा के लिए उत्तरदायी नहीं है.

दरअसल, नए आईटी नियमों के तहत भारतीय यूजर्स की शिकायतों पर कार्रवाई के लिए सोशल मीडिया कंपनियों में मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति जरूरी है.

यही कारण है कि नए आईटी कानून लागू होने के बाद से ट्विटर इंडिया और उसके प्रबंध निदेशक (एमडी) मनीष माहेश्वरी पहले से ही अलग-अलग मामलों में कम से कम पांच मामलों का सामना कर रहे हैं.

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