आंध्र प्रदेश के गुंटूर ज़िले में जन्मीं सिरिशा बैंडला अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में पली बढ़ी हैं. अमेरिका की निजी अंतरिक्ष एजेंसी वर्जिन गैलेक्टिक के ‘यूनिट 22’ के छह सदस्य का एक दल 11 जुलाई को अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेगा. सिरिशा इस दल का हिस्सा हैं.
हैदराबाद: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सिरिशा बैंडला 11 जुलाई को अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेंगी. 34 वर्षीय सिरिशा अमेरिका की निजी अंतरिक्ष एजेंसी वर्जिन गैलेक्टिक के मिशन ‘यूनिटी 22’ के तहत छह सदस्यों के दल का हिस्सा हैं.
वह अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला अंतरिक्ष यात्री होंगी. इससे पहले भारतीय मूल की कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स भी अंतरिक्ष की यात्रा कर चुकी हैं. 2003 में कोलंबिया अंतरिक्ष शटल हादसे में कल्पना चावला का निधन हो गया था.
इसके साथ ही ह्यूस्टन में पली-बढ़ीं सिरिशा कल्पना चावला के बाद अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारत में जन्मी दूसरी महिला बन जाएंगी. राकेश शर्मा और सुनीता विलियम्स अन्य भारतीय थे, जो अंतरिक्ष में गए थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सिरिशा की इन उपलब्धियों से आंध्र प्रदेश में रह रहे सिरिशा का परिवार बहुत गौरवान्वित हैं.
आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में रह रहे सिरिशा के दादा का कहना है कि वह बहुत बहादुर हैं और आसमान शुरू से ही उन्हें बहुत आकर्षित करता था.
सिरिशा बैंडला के दादा-दादी आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में रहते हैं. उनके दादा रगैया बैंडला का कहना है कि चार साल की उम्र से सिरिशा उड़ना चाहती थी और उसकी आंखें हमेशा आसमान में होती थी.
सिरिशा ने परड्यू विश्वविद्यालय से एयरोनॉटिकल और एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री लेने के बाद जॉर्ज वॉशिंगटन विश्वविद्यालय से एमबीए किया है.
वह 2015 में वर्जिन गैलेक्टिक में शामिल होने से पहले टेक्सास के ग्रीनविले में कमर्शियल स्पेसफ्लाइट फेडरेशन (सीएसएफ) के अंतरिक्ष नीति विभाग की एसोसिएट निदेशक थीं.
वह फिलहाल अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी स्थित निजी अंतरिक्ष एजेंसी वर्जिन गैलेक्टिक में गवर्मेंट अफेयर्स एंड रिसर्च ऑपरेशंस की उपाध्यक्ष हैं. साथ ही सिरीशा कंपनी के पहले पूर्ण चालक दल वाले अंतरिक्ष यान में चार मिशन विशेषज्ञों में से एक है.
वर्जिन गैलेक्टिक की वेबसाइट ‘एस्ट्रोनॉट 004’ के अनुसार, ‘सिरिशा फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में हुए एक प्रयोग का उपयोग करके मानव-प्रवृत्त अनुसंधान अनुभव का मूल्यांकन करेगी.
इसके साथ ही वह वर्तमान में अमेरिकन एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी और फ्यूचर स्पेस लीडर्स फाउंडेशन के निदेशक मंडल के सदस्य के रूप में कार्यरत हैं.
बता दें कि अमेरिकी की निजी अंतरिक्ष कंपनी के प्रमुख रिचर्ड ब्रैनसन ने एक जुलाई को घोषणा करते हुए बताया था कि उनकी अगली अंतरिक्ष उड़ान 11 जुलाई को होगी, जिसमें कुल छह सदस्य होंगे. यह अंतरिक्ष यान अमेरिका के न्यू मेक्सिको से उड़ान भरेगा. क्रू के सभी सदस्य कंपनी के ही कर्मचारी हैं.
इस दौरान सिरिशा का काम रिसर्च का होगा. इस दल में सिरिशा सहित दो महिलाएं हैं.
I am so incredibly honored to be a part of the amazing crew of #Unity22, and to be a part of a company whose mission is to make space available to all. https://t.co/sPrYy1styc
— Sirisha Bandla (@SirishaBandla) July 2, 2021
सिरिशा ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं ‘यूनिटी 22’ के अद्भुत दल और एक ऐसी कंपनी का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रही हूं, जिसका मिशन अंतरिक्ष तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करना है.’
वर्जिन गैलेक्टिक के मुताबिक, ‘कंपनी पहली बार स्पेसफ्लाइट की ग्लोबल लाइव स्ट्रीमिंग करेगी.’
वर्जिन गैलेक्टिक ने कहा, ‘दुनियाभर के लोग ‘यूनिटी 22’ की टेस्ट फ्लाइट में वर्चुअली हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित हैं और वर्जिन गैलेक्टिक भावी अंतिरक्ष यात्रियों के लिए असाधारण अनुभव देने जा रही है. यह लाइव स्ट्रीमिंग वर्जिन गैलेक्टिक डॉट कॉम पर उपलब्ध होगी और वर्जिन गैलेक्टिक के ट्विटर, यूट्यूब और फेसबुक चैनलों पर प्रसारित होगी. इसके उड़ान के दिन सुबह सात बजे माउंटेन डेलाइट टाइम (एमडीटी) या नौ बजे ईस्टर्न डेलाइट टाइम (ईडीटी) शुरू होने की उम्मीद है.’
अमेरिकी सरकार के तहत काम कर रहे सिरिशा के माता-पिता बी. मुरलीधर और अनुराधा फिलहाल दिल्ली में हैं और वह जल्द अमेरिका रवाना होंगे. सिरिशा की बहन प्रत्यूषा अमेरिका में बायोलॉजिकल साइंस टेक्निशियन हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सिरिशा के दादा रगैया बैंडला राज्य सरकार द्वारा संचालित एनजी रंगा कृषि विश्वविद्यालय में मुख्य वैज्ञानिक और प्रोफेसर के तौर पर काम करते हैं.
उनका कहना है, ‘चार साल की उम्र में सिरिशा ने अकेले अमेरिका की यात्रा की थी, जहां उसके माता-पिता और बड़ी बहन रहते थे. हालांकि, इस दौरान उनके साथ जो शख्स था, वह हमें जानता था, लेकिन वह सिरिशा के लिए अजनबी था. सिरिशा को अकेले उड़ने से डर नहीं लगता था. वह उत्सुक थी.’
रगैया खुश और गौरवान्वित हैं कि उनकी पोती अपने सपनों को पूरा करने के लिए तैयार हैं.
वह कहते हैं, ‘हमें नहीं पता कि विमानों, तारों और आसमान में उसकी दिलचस्पी कैसे शुरू हुई. यह उसमें बचपन से ही था. उसने आज जो कुछ भी हासिल किया है, वह अपने दम पर हासिल किया है. उसके माता-पिता ने उसे अपने सपने को पूरा करने की पूरी आजादी दी. उसने अपनी उत्कृष्टता साबित की है और इस अवसर को भुनाया है.’
रसायन विज्ञान के शिक्षक के रूप में सेवानिवृत्त हुए और आंध्र प्रदेश के प्रकासम जिले के तेनाली में रह रहे सिरिशा के नाना वेंकट नरसिया कहते हैं, ‘सिरिशा की विमान उड़ाने में इतनी दिलचस्पी थी लेकिन नजर कमजोर होने की वजह से वह नासा नहीं जा सकी, लेकिन फिर भी उसने इसी क्षेत्र में उच्च शिक्षा हासिल की. अपने जैसे लोगों के लिए उसने यूट्यूब पर ‘लेशन्स फ्रॉम बैंडला सिरिशा’ के नाम से वीडियो बनाए कि किस तरह स्पेस इंडस्ट्री में जाया जाए.’
उन्होंने कहा कि सिरिशा ह्यूस्टन में अपने परिवार के रहने के दौरान अक्सर नासा जाती थी.
रगैया ने कहा, ‘जब मैं रात को देरी से घर आता था, मैं सिरिशा को घर के बाहर जाने से मना करता था, लेकिन वह मुझे हमेशा चिंता नहीं करने को कहती थी. वह कहती थी कि वह अपनी देखभाल खुद कर सकती है.’
सिरिशा ने आखिरी बार अपने दादा-दादी से नवंबर 2019 में मिली थीं.