निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने उनके पुत्र और भाजपा सांसद प्रवीण निषाद को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल न करने पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि निषाद समुदाय के लोग पहले ही भाजपा से दूर जा रहे हैं. अगर पार्टी ने अपनी ग़लतियां नहीं सुधारीं, तो आने वाले विधानसभा चुनाव में इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे.
गोरखपुर:अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल को बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने पर निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अगर अनुप्रिया को मंत्री पद दिया जा सकता है तो उनके सांसद पुत्र प्रवीण निषाद को क्यों नहीं.
निषाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘अगर अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है तो सांसद प्रवीण निषाद को क्यों नहीं? निषाद समुदाय के लोग पहले ही भाजपा से दूर जा रहे हैं और अगर पार्टी ने अपनी गलतियां नहीं सुधारी तो आने वाले विधानसभा चुनाव में उसे इसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे.’
उन्होंने कहा ‘अनुप्रिया पटेल का जनाधार उत्तर प्रदेश की मात्र कुछ सीटों तक ही सीमित है अगर उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है तो प्रवीण निषाद को क्यों नहीं, जिनकी लोकप्रियता 160 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में है. वर्ष 2018 के लोकसभा उपचुनाव में प्रवीण ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ यानी गोरखपुर की सीट पर भाजपा प्रत्याशी को हराया था और बाद में वह संत कबीर नगर लोकसभा सीट से भी सांसद चुने गए. उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना चाहिए था.’
निषाद ने कहा, ‘मैंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह को अपने विचारों से पहले ही अवगत करा दिया है, अब तय करना उनका काम है. हालांकि मुझे उन पर पूरा विश्वास है कि वह प्रवीण निषाद का ख्याल रखेंगे.’
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में निषाद पार्टी का एक विधायक है. संजय निषाद के बेटे प्रवीण इस वक्त संत कबीर नगर जिले से भाजपा के सांसद हैं.
संजय निषाद ने पिछले दिनों भाजपा से मांग की थी कि वह अगले साल के शुरू में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें उप मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर पेश करे.
निषाद ने कहा था, ‘उत्तर प्रदेश में सभी जातियों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं इसलिए भाजपा को 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुझे उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा कर देनी चाहिए. इससे भाजपा को भी खुशी होगी और निषाद पार्टी भी खुश रहेगी.’
साथ ही उन्होंने कहा था, ‘भाजपा ने कैबिनेट पद और राज्यसभा में सीट का वादा किया था. अगर वे हमें चोट पहुंचाएंगे तो खुश नहीं रह सकेंगे. हम अपने आरक्षण के मुद्दे पर प्रयास कर रहे हैं.’
इससे पहले इस साल फरवरी में निषाद ने कहा था कि अगर उनकी पार्टी को समझौते के आधार पर राज्य सरकार में सम्मानजनक जगह नहीं दी गई, तो 2022 का चुनाव निषाद पार्टी अकेले लड़ेगी.
तब उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी पार्टी का भाजपा से समझौता हुआ था, जिसमें यह तय हुआ था कि प्रदेश में सरकार बनने पर उनकी पार्टी को दो मंत्रालय दिए जाएंगे. साथ ही आरक्षण के मुद्दे पर भी बात हुई थी, लेकिन राज्य सरकार अपने वादे को पूरा नहीं कर रही है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)