मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भोपाल स्थित गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र के पार्क की जमीन को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी एक संस्था को दिए जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. इस संबंध में पुलिस ने दिग्विजय सिंह सहित आठ कांग्रेस नेताओं के ख़िलाफ़ नामज़द और 200 पार्टी कार्यकर्ताओं पर बिना अनुमति के प्रदर्शन करने एवं कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया है.
भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भोपाल स्थित गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र के पार्क की जमीन को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी एक संस्था को दिए जाने का विरोध हो रहा है. बीते रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने यहां विरोध प्रदर्शन किया, जबकि पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछरें छोड़ीं.
अधिकारियों के अनुसार, यह घटना उस वक्त हुई जब राज्यसभा सदस्य दिग्विजय एवं अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में प्रदर्शन के दौरान बैरिकेड पर चढ़ने का प्रयास कर रहे थे.
इस मामले में पुलिस ने दिग्विजय सहित आठ कांग्रेस नेताओं के खिलाफ नामजद और 200 पार्टी कार्यकर्ताओं पर बिना अनुमति के प्रदर्शन करने एवं कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया है.
दिग्विजय ने संवाददाताओं को बताया, ‘पुलिस ने हम पर पानी की बौछारें छोड़ीं. पानी मेरे कान में भी गया, लेकिन जब तक औद्योगिक क्षेत्र के एसोसिएशन का साथ रहेगा, हम इस जमीन के आवंटन के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी की ये लड़ाई मजदूरों के लिए है और हम उनकी लड़ाई अदालत, सड़क एवं विधानसभा में लड़ेंगे.’
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने औद्योगिक संघ के विरोध के बावजूद लघु और मध्यम उद्योग भारती को एक रुपये की दर से करोड़ों की यह जमीन दी थी.
कांग्रेस नेता ने कहा कि आज यह जमीन जिस संस्था को दी गई उसने इसके निर्माण की कोई अनुमति नहीं ली है. इस औद्योगिक क्षेत्र के 95 प्रतिशत उद्योगपति इसका विरोध कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि गोविंदपुरा क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर और कर्मचारी इस बगीचे में पेड़ों की छांव में आराम एवं भोजन करते हैं. ऐसे में पार्क की जमीन किसी संस्था को देना न्यायोचित नहीं है.
दिग्विजय ने बताया कि यह भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) भोपाल के अनुषंगी निर्माण का औद्योगिक क्षेत्र है.
उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री रहते इस पार्क में मैंने भी पौधा लगाया था. खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पार्क में पौधा लगाया था. स्व. बाबूलाल गौर जी और पूर्व उद्योग मंत्री राजेंद्र सिंह ने भी यहां पौधा लगाया था. ऐसे बहुत से उदाहरण हैं.’
गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र का पार्क जिसमें मैंने, बाबूलाल जी गौर ने स्वयं शिवराज मामू ने पौधे लगाए उसे मामू ने लघु एवं मध्यम उद्योग भारती को औद्योगिक क्षेत्र असोसिएशन के विरोध के बाद भी करोड़ों की भूमि ₹१ में दे दी। यह एक मात्र पार्क है जिसमें मज़दूर दोपहर में भोजन करते हैं। https://t.co/c3vAQPWxMV
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 11, 2021
वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘शिवराज सरकार गोविंदपुरा में पार्क की जमीन आरएसएस से जुड़ी संस्था को एक रुपये में दे रही है. इस कृत्य का प्रजातांत्रिक तरीके से विरोध करने पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह और दूसरे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने पानी की बौछार का इस्तेमाल किया.’
शिवराज सरकार गोविंदपुरा में पार्क की जमीन आरएसएस से जुड़ी संस्था को 1 रुपए मे दे रही है।
इस कृत्य का प्रजातांत्रिक तरीक़े से विरोध करने पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद श्री दिग्विजय सिंह जी और दूसरे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 11, 2021
उन्होंने कहा, ‘शिवराज जी, ये मत भूलिए कि कल के बाद परसों भी आता है.’
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं और दिग्विजय सिंह के खिलाफ पुलिस द्वारा बल प्रयोग की निंदा की.
यादव ने कहा, ‘भाजपा सरकार ने आरएसएस से जुड़े एक संगठन को जमीन आवंटित की. जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया तो पुलिस ने बल प्रयोग किया. मुख्यमंत्री को दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.’
वहीं, मौके पर मौजूद भोपाल कलेक्टर ने कहा, ‘इस जमीन के लिए उद्योग विभाग अनुमति दे चुका है. सभी विधिक अनुमतियां हैं.’
मालूम हो कि रविवार को ही इस जमीन का भूमिपूजन किया जा रहा था. इसके लिए बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात करने के साथ-साथ बैरिकेड भी लगाए गए थे.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में प्रदर्शन के दौरान दिग्विजय सिंह और भोपाल के डीआईजी इरशाद वली के बीच तीखी नोकझोंक हुई. उन्होंने कहा कि जब सिंह ने कहा कि कांग्रेस आवंटित जमीन का शिलान्यास करेगी तो वली को यह कहते सुना जा सकता है कि पुलिस उन पर नजर रखेगी.
इसी बीच, कांग्रेस के विरोध पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस जमीन की भूमि पूजन में शामिल हुए मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि लघु उद्योग भारती की आगामी परियोजना कौशल विकास प्रदान करेगी और रोजगार पैदा करेगी.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद यह भूमि लघु उद्योग भारती को आवंटित की गई थी.’
सारंग ने कहा कि सिंह द्वारा किए गए दावों के विपरीत विरोध प्रदर्शन के दौरान कोई उद्योगपति नहीं देखा गया. दिग्विजय सिंह हमेशा हर नई रचना के विरोधी रहे हैं और हर सकारात्मक चीज में नकारात्मकता लाते हैं.
उन्होंने सिंह पर निशाना साधते हुए कहा, ‘दिग्विजय सिंह दस साल तक मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उन्होंने नौकरी देने के बजाय दिहाड़ी मजदूरों को उनके रोजगार से वंचित कर दिया. जब कुछ नया बनाया जाता है तो उन्हें अब बुरा लग रहा है.’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस तो सब कार्यों का विरोध करती है और वह इसमें भी राजनीति कर रही है. सारंग ने बताया कि एक भी उद्योगपति इस पार्क को कौशल विकास केंद्र बनाने का विरोध नहीं कर रहा है.
वहीं, अशोका गार्डन पुलिस थाना प्रभारी आलोक श्रीवास्तव ने बताया, ‘पुलिस ने पानी की बौछार छोड़ी गई हैं.’
उन्होंने कहा, ‘इस मामले में दिग्विजय सिंह एवं प्रदेश के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा सहित आठ कांग्रेस नेताओं के खिलाफ नामजद एवं करीब 200 कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ बिना नाम के आईपीसी की धारा 188, 269 एवं 147 के तहत अशोका गार्डन पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है.’
श्रीवास्तव ने बताया कि इन लोगों ने प्रदर्शन करने के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते इलाके में धारा 144 लगी हुई थी और चार से अधिक लोग इकट्ठा नहीं हो सकते थे. इन्होंने धारा 144 की अवहेलना किया है और कोरोना महामारी फैलाने का अपराध किया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)