उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के शहर कोतवाली का मामला. मृतक समाजवादी पार्टी की नेता के परिवार का आरोप है कि वह थाने में अपने बेटे की गुमशुदगी की शिकायत कराने गई थीं, जहां पुलिस ने उनके साथ अभद्रता की जिससे क्षुब्ध होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली. वहीं पुलिस का दावा है कि धोखाधड़ी के एक मामले में उन्हें पुलिस ने पूछताछ के लिए कोतवाली बुलाया था.
बांदा/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में समाजवादी पार्टी (सपा) की एक महिला नेता के कथित रूप से खुदकुशी करने का मामला सामने आया है. महिला के परिवार का आरोप है कि वह थाने में अपने बेटे की गुमशुदगी की शिकायत कराने गई थी, जहां पुलिस ने उनके साथ अभद्रता की जिससे क्षुब्ध होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली.
वहीं पुलिस का दावा है कि धोखाधड़ी के एक मामले में उन्हें पुलिस ने पूछताछ के लिए कोतवाली बुलाया था.
इस संबंध में सपा ने कहा कि मामले की जांच और पीड़ित परिवार से मिलने के लिए उसका एक प्रतिनिधिमंडल को बांदा जाएगा.
बांदा के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) महेंद्र प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि 10 जुलाई की शाम शहर कोतवाली क्षेत्र के चिल्ला रोड मवई बाईपास में रहने वाली श्रीप्रसाद रैकवार की पत्नी सुधा रैकवार (45 वर्ष) ने घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली.
उन्होंने बताया, ‘महिला और उनके पति और बेटा ‘राम मुद्रा’ नामक निजी बैंक संचालित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कई लोगों की रकम जमा कराई थी. पैसा वापस न करने पर दीपक शुक्ला नामक व्यक्ति ने 10 जुलाई को उनके खिलाफ धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज करवाई थी, जिस पर महिला को पूछताछ के लिए पुलिस ने शहर कोतवाली बुलाया था.’
एएसपी ने बताया कि पुलिस की पूछताछ के बाद घर जाने पर महिला ने शाम करीब पांच बजे कथित रूप से आत्महत्या कर ली.
उधर, महिला की बेटी रोशनी ने बताया कि उसका भाई बीते नौ जुलाई से लापता है, जिसकी सूचना देने उनकी मां, मामा रामकरण के साथ शहर कोतवाली गई थी, जहां पुलिस ने मां के साथ कथित रूप से अभद्रता की और मामा को हवालात में बंद कर दिया.
रोशनी ने आरोप लगाया, ‘पुलिस की अभद्रता से क्षुब्ध होकर मां ने आत्महत्या की है.’
एक सवाल के जवाब में एएसपी चौहान ने महिला के साथ अभद्रता के आरोप से इनकार करते हुए कहा, ‘महिला ने पहले अपने बेटे के लापता होने की सूचना पुलिस को नहीं दी थी. महिला के आत्महत्या करने के बाद उनकी बेटी की तहरीर पर इस संबंध में अपहरण का मामला दर्ज किया गया है. पूरे मामले की जांच की जा रही है.’
अमर उजाला के मुताबिक, इनमें तीन नामजद और एक महिला सहित 35 अज्ञात को आरोपी बनाया गया है. सभी पर हत्या के लिए अपहरण, आत्महत्या के लिए उकसाना और आपराधिक धमकी की धाराएं लगाई गईं हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 11 जुलाई को सुधा की बेटी रोशनी द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में कहा गया कि उसके भाई दीपक रैकवार को दीपक शुक्ला, विमल पाठक तिवारी और रविंद्र जैन सहित 10 अज्ञात लोगों ने 8 जुलाई को कहीं गायब कर दिया. 20-25 लोग घर आकर धमकी देते रहे. शिकायत करने उसकी मां सुधा 10 जुलाई को अपने भाई रामकरन के साथ शहर कोतवाली गई थी. वहां पुलिस ने उन्हें लॉकअप में बंद कर दिया.
आरोप है कि कोतवाली में दीपक शुक्ला, रविंद्र जैन व एक महिला ने सुधा को मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हुए बदसलूकी की.
रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी दीपक शुक्ला ने पहले ही कोतवाली थाने में सुधा और उनके पति प्रसाद रैकवार और पुत्र दीपक रैकवार के खिलाफ धोखाधड़ी कर तीन लाख रुपये लेकर एफडी कराने और पैसा वापस मांगने पर खाते में पैसा होने के बावजूद चेक देने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था. यह रिपोर्ट 10 जुलाई की शाम दर्ज हुई है. पुलिस ने तीनों पर आईपीसी की धारा 419, 420 और 406 रिपोर्ट दर्ज की है.
इस बीच सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने रविवार को लखनऊ में एक बयान में कहा कि दीपक रैकवार के अपहरण की घटना और समाजवादी महिला सभा की नगर सचिव सुधा रैकवार की आत्महत्या की जानकारी लेने एवं पीड़ित परिवारों से मिलने पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल 12 जुलाई (सोमवार) को बांदा जाएगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)