परिसीमन पर फ़ारुक़ अब्दुल्ला ने कहा, जम्मू और कश्मीर के मुद्दे अलग-अलग हैं

जम्मू में परिसीमन को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस का प्रस्ताव भाजपा की मांगों के अनुरूप होने की आलोचना के बीच पार्टी अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने यह स्पष्टीकरण दिया है. उन्होंने कहा कि पार्टी की जम्मू इकाई की ओर से पेश किए गए विभिन्न मुद्दों को लेकर लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए.

New Delhi: Jammu and Kashmir National Conference President Farooq Abdullah addresses an all party condolence meeting organised for former prime minister Atal Bihari Vajpayee, in New Delhi on Monday, Aug 20, 2018. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI8_20_2018_000249B)
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला. (फोटो: पीटीआई)

जम्मू में परिसीमन को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस का प्रस्ताव भाजपा की मांगों के अनुरूप होने की आलोचना के बीच पार्टी अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने यह स्पष्टीकरण दिया है. उन्होंने कहा कि पार्टी की जम्मू इकाई की ओर से पेश किए गए विभिन्न मुद्दों को लेकर लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए.

New Delhi: Jammu and Kashmir National Conference President Farooq Abdullah addresses an all party condolence meeting organised for former prime minister Atal Bihari Vajpayee, in New Delhi on Monday, Aug 20, 2018. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI8_20_2018_000249B)
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला. (फोटो: पीटीआई)

श्रीनगरः जम्मू में परिसीमन को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) का प्रस्ताव भाजपा की मांगों के अनुरूप होने की आलोचना के बीच पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि केंद्रशासित प्रदेश के दोनों क्षेत्रों (जम्मू और कश्मीर) के मुद्दे एक-दूसरे से अलग है.

अपनी मां बेगम अकबर जहां की 21वीं बरसी के मौके पर उनकी कब्र पर फूल चढ़ाने के बाद अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी की जम्मू इकाई की ओर से पेश किए गए विभिन्न मुद्दों को लेकर लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए.

जम्मू में परिसीमन आयोग को दिया गया पार्टी का प्रस्ताव निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के लिए नए मानदंड तैयार करने में भाजपा की मांगों के अनुरूप होने को लेकर हो रही आलोचना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘जम्मू के अलग मुद्दे हैं जबकि कश्मीर के मसले अलग हैं. आप चिंतित क्यों हैं?’

अफगानिस्तान में स्थिति को लेकर पूछे गए सवाल कि क्या इसका असर कश्मीर पर पड़ेगा? अब्दुल्ला ने कहा कि वह अल्लाह से दुआ करते हैं कि वह देश (अफगानिस्तान) में शांति बहाल करें.

उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान अलग देश है. अल्लाह वहां शांति बख्शे और वह करें, जो वहां के लोगों के लिए सही है. मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं सकता, क्योंकि मेरा अफगानिस्तान से कोई संबंध नहीं है.’

बता दें कि इससे पहले अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की पत्नी बेगम अकबर जहां के मकबरे पर फूल चढ़ाए.

बता दें कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को लागू करने वाली मोदी सरकार ने इसमें प्रावधान किया है कि 2011 की जनगणना के आधार पर ही परिसीमन किया जाएगा.

हालांकि, जम्मू प्रांत के भाजपा नेताओं ने परिसीमन आयोग को सौंपे अपने एक पत्र में कहा है कि निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण केवल साल 2011 की जनगणना के आधार पर नहीं होना चाहिए. इनमें से एक धड़े ने मांग की कि प्रांतों की आबादी का निर्धारण करने के लिए मतदाता सूची को ध्यान में रखा जाए.

जम्मू कश्मीर एकमात्र ऐसा राज्य/केंद्र शासित प्रदेश है, जहां 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन होगा. अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का परिसीमन 2021 की जनगणना के अनुसार किया जाना है.

जम्मू कश्मीर में निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन को लेकर जम्मू की भाजपा इकाई ने 2011 की जनगणना के इस्तेमाल का विरोध किया. उसने कहा कि इन आंकड़ों में हेराफेरी की गई थी, इसलिए वोटर लिस्ट के आधार पर जनसंख्या की गणना की जानी चाहिए.

बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था.

उसके बाद पहली बार बीते 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई थी.

उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के राजनीतिक नेताओं को आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार जल्द से जल्द विधानसभा चुनावों के माध्यम से लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है और परिसीमन प्रक्रिया में उनकी भागीदारी की मांग की थी.

इसके बाद हाल ही में घाटी की छह बड़ी राजनीतिक पार्टियों के गठबंधन पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी या गुपकर गठबंधन) ने सर्वदलीय बैठक के नतीजे पर निराशा जताई थी. इस गठबंधन में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी दोनों शामिल हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)