मेहुल चोकसी को डोमिनिका की अदालत से मिली ज़मानत, इलाज के लिए एंटीगुआ जाने की मंज़ूरी

भगौड़ा घोषित हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक के साथ 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित हैं. जनवरी 2018 में गिरफ़्तारी से बचने के लिए वे भारत से भागकर कैरिबियाई द्वीपीय देश एंटीगुआ व बारबुडा में नागरिकता लेकर रह रहे हैं. 23 मई से लापता चोकसी को तीन दिन बाद डोमिनिका की स्थानीय पुलिस ने पकड़ा था.

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मेहुल चोकसी. (फोटो साभार: एएनआई)

भगौड़ा घोषित हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक के साथ 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित हैं. जनवरी 2018 में गिरफ़्तारी से बचने के लिए वे भारत से भागकर कैरिबियाई द्वीपीय देश एंटीगुआ व बारबुडा में नागरिकता लेकर रह रहे हैं. 23 मई से लापता चोकसी को तीन दिन बाद डोमिनिका की स्थानीय पुलिस ने पकड़ा था.

मेहुल चोकसी. (फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्लीः डोमिनिका हाईकोर्ट ने सोमवार को भारत के भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को जमानत दे दी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने उन्हें इलाज के लिए एंटीगुआ और बारबुडा की यात्रा करने की अनुमति भी दे दी.

चोकसी को मिली जमानत भारतीय एजेंसियों के लिए बहुत बड़ा झटका है, जिन्होंने चोकसी के भारत में प्रत्यार्पण के लिए डोमिनिका की अदालत का रुख किया था.

भारत में 13,000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के आरोपी चोकसी को लेकर भारतीय एजेंसियों का कहना था कि वह भारतीय नागरिक हैं जबकि चोकसी का कहना है कि उन्होंने 2017 में एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी.

एंटीगुआ मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक, चोकसी को मेडिकल आधार पर जमानत दी गई है.

चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने उनके मुवक्किल को जमानत दिए जाने की पुष्टि करते हुए कहा, ‘डोमिनिका की अदालतों ने आखिरकार कानून का शासन और किसी व्यक्ति के अपनी पसंद के अस्पतालों में इलाज के अधिकारों को बरकरार रखा है विभिन्न एजेंसियों के सभी प्रयास सफल नहीं हो पाए. ‘

एंटीगुआ मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, चोकसी की जमानत याचिका पर 23 जुलाई को सुनवाई होनी थी लेकिन मेडिकल आधार पर 12 जुलाई को ही इस पर सुनवाई हुई.

उनके वकीलों ने अदालत का रुख कर कहा कि उनके मुवक्किल न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से जूझ रहे हैं, जिसके लिए उन्हें एंटीगुआ में इलाज कराने की जरूरत है.

डोमिनिका में ईस्टर्न कैरिबियन हाईकोर्ट ने सोमवार को चोकसी को 10,000 ईस्टर्न कैरिबियन डॉलर की जमानत राशि पर जमानत दी और उन्हें इलाज के बाद डोमिनिका लौटने का निर्देश दिया.

एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउने ने पिछले महीने कहा था कि चोकसी डोमिनिका की समस्या थे लेकिन अगर वे एंटीगुआ आएंगे तो वह एंटीगुआ की समस्या बन जाएंगे.

बता दें की चोकसी के परिवार और उनके वकीलों के आरोपों के बीच उन्हें जमानत दी गई है. दरअसल चोकसी के परिवार का आरोप है कि चोकसी को भारतीय एजेंसियों के एजेंटों ने एंटीगुआ के जॉली हार्बर इलाके से अगवा कर लिया था और उन्हे मई में जबरन डोमिनिका ले जाया जा रहा था.

चोकसी के लदन के वकील माइकल पॉलक के मुताबिक, ‘ऐसा उनके मुवक्किल को संरक्षण से वंचित रखने के लिए किया गया, जिसका फायदा वह एंटीगुआ और बारबूडा में वहां के नागरिक के तौर पर उठा रहे हैं.’

भारत के आग्रह पर चोकसी एंटीगुआ में प्रत्यर्पण के मामले का भी सामना कर रहे हैं.

मई के आखिरी हफ्ते में डोमिनिका में गिरफ्तारी के बाद उन्हें वापस भारत लाने के लिए सीबीआई और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को लेकर एक निजी जेट विमान डोमिनिका पहुंचा था.

चोकसी के वकील पॉलक ने 10 जून को संवाददाता सम्मेलन में कहा थ कि चोकसी को 23 मई को अगवा किया गया लेकिन इसकी योजना बहुत पहले बना ली गई थी.

चोकसी के वकीलों ने आरोप लगाया था कि भारतीय मूल के पुरुषों और बारबरा जैराबिक नाम की एक रहस्यमय महिला द्वारा रची गई व्यापक साजिश के तहत उनके मुवक्किल का एंटीगुआ और बारबुडा से अपहरण कर लिया गया था.

वकीलों का कहना है कि महिला ने पिछले छह महीनों के दौरान चोकसी से दोस्ती की थी..

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की नागरिक बारबरा जैराबिक उर्फ बारबरा जोस एक शख्स के साथ अप्रैल की शुरुआत में लंदन से एंटीगुआ गई थीं. वह इसके बाद उस शख्स के साथ निजी विमान से डोमिनिका गईं और एंटीगुआ वापस आने से पहले वहां कुछ दिन रहीं. अगले दिन दोनों दो अन्य लोगों के साथ लंदन के लिए रवाना हुए.

पॉलक का दावा है कि अप्रैल में इस समयावधि के दौरान डोमिनिका बंदरगाह पर नौका डॉक करने की कोशिश की. दो लोगों की पहचान गुरमीत सिंह और गुरजीत भंडाल के रूप में की गई.

सिंह और भंडाल का नाम चोकसी की पत्नी प्रीति ने लिया था और आरोप लगाया था कि इन्होंने कथित तौर पर उनके पति को अगवा किया, उन्हें नौका से बांधा और 23 मई को डोमिनिका ले गए.

पॉलक का कहना है कि चोकसी को डोमिनिका ले जाने के दौरान चोकसी से एक फॉर्म पर हस्ताक्षर करने को कहा गया, जो दरअसल भारत प्रत्यर्पण के लिए एक सहमति फॉर्म लगता है.

अपने आरोप पत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि पीएनबी के 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में से चोकसी ने 7,080.86 करोड़ रुपये की और नीरव मोदी ने 6,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है. पीएनबी फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई एवं ईडी कर रही है.

मालूम हो कि जनवरी, 2018 में अपने भांजे और पीएनबी घोटाले में आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के साथ देश छोड़कर भागने वाले गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मेहुल चोकसी, उसकी पत्नी अमी मोदी और भाई निशाल मोदी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी.

नीरव मोदी अभी लंदन की एक जेल में बंद है. दोनों के खिलाफ सीबीआई जांच कर रही है. सीबीआई ने पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी और चोकसी दोनों के खिलाफ अलग-अलग आरोप पत्र दाखिल किए हैं.

अपने आरोप पत्र में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि पीएनबी के 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में से चोकसी ने 7,080.86 करोड़ रुपये की और नीरव मोदी ने 6,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है. पीएनबी फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई एवं ईडी कर रही है.

चोकसी ने 2017 में एंटीगुआ एंड बारबुडा की नागरिकता ली थी और जनवरी 2018 के पहले हफ्ते में भारत से भाग गया था. इसके बाद ही यह घोटाला सामने आया था.

जून 2019 में एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउनी ने कहा था कि चोकसी की नागरिकता के आवेदन की जांच की गई थी; उसे नागरिकता मिल गई है, लेकिन उसे रद्द किया जाएगा एवं उसे वापस भारत भेजा जाएगा; (पर) इसका एक रास्ता है. ऐसा नहीं है कि हम वित्तीय अपराधों में लिप्त अपराधियों को पनाहगाह उपलब्ध करा रहे हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)