भाजपा की उत्तर प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य और पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने पंचायत चुनावों में सत्तारूढ़ दल द्वारा धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि इन चुनावों में अनैतिक रास्ते तय किए गए. इस रास्ते से चंद दिनों के लिए महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति हो सकती है, पर लंबे समय तक इसे सुरक्षित नहीं रखा जा सकता.
बलिया: भाजपा की उत्तर प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य और पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने पंचायत चुनाव को लेकर राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि भाजपा ने ‘पार्टी विद डिफरेंस’ के सिद्धांत को समाप्त कर दिया है और अब यह अटल बिहारी वाजपेयी वाली भाजपा नहीं रही.
सिंह ने सोमवार को जिले के नगरा क्षेत्र में संवाददाताओं से बातचीत में राज्य की योगी सरकार को असहज करने वाला बयान दिया. उन्होंने पंचायत चुनावों में सत्ताधारी दल द्वारा धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि इन चुनावों में अनैतिक रास्ते तय किए गए.
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि पंचायत चुनाव में ऐसी स्थिति हुई कि जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के सामने से वोट छीनने की घटना हुई. लखीमपुर खीरी में एक महिला की साड़ी खींचने की घटना द्रोपदी के चीरहरण कांड की याद दिलाती है.
पूर्व विधायक ने इटावा में पुलिस अधीक्षक के साथ हुई मारपीट की निंदा करते हुए कहा कि ऐसी घटना लोकतंत्र के लिए खतरा है.
उन्होंने भाजपा सरकार को आगाह करते हुए कहा कि अनैतिक रास्ते से चंद दिनों के लिए महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति हो सकती है, लेकिन लंबे समय तक के लिए इसे सुरक्षित नहीं रखा जा सकता.
यह पूछे जाने पर कि क्या यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी वाली भाजपा है, सिंह ने कहा, ‘नहीं, यह अटल जी वाली भाजपा नहीं है. हम लोग पहले भाजपा को ‘पार्टी विद डिफरेंस’ कहते थे. मगर अब भाजपा और अन्य दलों के सिद्धांतों में कोई अंतर नहीं रह गया है.’
बता दें कि बीते 10 जुलाई को क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के कम से कम 18 जिलों से हिंसा की सूचना मिली थी और इटावा में बरहपुरा ब्लॉक में पथराव और गोलीबारी हुई.
10 जुलाई को चुनाव के दौरान इटावा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (नगर) प्रशांत कुमार प्रसाद को भाजपा कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया था.
जिले के बरहपुरा में शनिवार को ब्लॉक पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान कथित तौर पर पुलिसकर्मियों पर हमला करने के लिए भाजपा के एक नेता समेत 126 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
वहीं उन्नाव में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) पर एक टीवी चैनल के पत्रकार को पीटने का आरोप लगा है. प्रतापगढ़ और सोनभद्र में समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी हंगामा किया और तोड़फोड़ की. प्रतापगढ़ जिले में सपा के एक पूर्व विधायक समेत 161 लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
लखीमपुर खीरी जिले में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के नामांकन के दौरान हुई हिंसा में समाजवादी पार्टी से जुड़ीं दो महिलाओं के साथ कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा दुर्व्यवहार किया गया.
इस दौरान समाजवादी पार्टी की ब्लॉक प्रमुख उम्मीदवार की महिला प्रस्तावक के साथ बदसलूकी की गई और उनकी साड़ी खींचने की कोशिश की गई थी. इस मामले में छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था.
मालूम हो कि भाजपा नेता राम इकबाल सिंह ने इससे पहले कोविड-19 के दूसरी लहर के दौरान उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठाया था.
सिंह ने आरोप लगाया था कि बलिया जिले में स्वास्थ्य विभाग की पूरी व्यवस्था ध्वस्त हो गई है और आजादी के 75 वर्ष बाद 34 लाख आबादी वाले इस जिले के अस्पतालों में न डॉक्टर हैं और न दवाएं. सिंह से कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिछले दिनों बलिया के दौरे के दौरान स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों ने उन्हें गुमराह किया है तथा सच्चाई नहीं दिखाई.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)