योगी सरकार द्वारा प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण क़ानून के तहत दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक होगी. यदि इस आधार पर राज्य के भाजपा विधायकों का मूल्यांकन किया जाएगा, तो इनके पचास फीसदी इस कसौटी पर खरे नहीं उतरेंगे.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जनसंख्या नियंत्रण के नाम पर एक विवादित कानून लाने जा रही है, जिसके तहत दो से अधिक बच्चे वाले व्यक्तियों को स्थानीय चुनाव लड़ने, प्रमोशन और सरकारी छूट पर रोक लगा दी जाएगी.
हालांकि यदि इस आधार पर राज्य के भाजपा विधायकों का मूल्यांकन किया जाएगा, तो इनके 50 फीसदी विधायक इस कसौटी पर खरे नहीं उतर पाएंगे.
द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक उत्तर प्रदेश विधानसभा द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी के मुताबिक 304 भाजपा विधायकों समेत 397 विधायकों, जिनकी जानकारी वेबसाइट पर अपलोड की गई है, में 152 भाजपा विधायकों के तीन या इससे अधिक बच्चे हैं.
इसमें से एक विधायक के आठ बच्चे हैं, जो कि इस सूची में सर्वाधिक है. वहीं एक अन्य विधायक के सात बच्चे हैं. इनके अलावा आठ विधायकों के छह बच्चे, जबकि 15 विधायकों के पांच बच्चे हैं.
इसी तरह राज्य में भाजपा के 44 विधायको के चार बच्चे और 83 विधायकों के तीन बच्चे हैं.
यदि योगी सरकार के प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण कानून को इन पर लागू किया जाता है तो ये सभी अयोग्य साबित होंगे.
वहीं लोकसभा की दृष्टि से एक विरोधाभास ये है कि भोजपुरी फिल्म अभिनेता और भाजपा सांसद रवि किशन को जनसंख्या नियंत्रण कानून 2019 को पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है, जबकि खुद उनके चार बच्चे हैं.
वैसे ये प्राइवेट मेंबर बिल है और सत्ता के समर्थन के बिना इस पारित नहीं कराया जा सकेगा.
यूपी की तरह ही रवि किशन का विधेयक भी दो से अधिक बच्चे वाले व्यक्तियों को तमाम सुविधाओं से वंचित करने का प्रावधान किया गया है.
खास बात ये है कि लोकसभा वेबसाइट के मुताबिक 168 मौजूदा सांसदों, जिसमें से 105 भाजपा के हैं, के तीन या इससे अधिक बच्चे हैं.
पिछले साल दिसंबर में एक याचिका के जवाब में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि विभिन्न जन्म नियंत्रण तरीके अपनाने के चलते भारत 2.1 प्रजनन दर प्राप्त करने की कगार पर है. केंद्र ने कहा था कि चीन जैसी जनसंख्या नियंत्रण कानून को अपनाना सही नहीं साबित होगा.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने विधेयक का प्रारूप तैयार किया है. आयोग ने यह प्रारूप अपनी सरकारी वेबसाइट पर अपलोड किया है और 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी है.
प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के मसौदे के अनुसार, उत्तर प्रदेश में दो-बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, पदोन्नति और सरकारी योजनाओं का भी लाभ न दिए जाने समेत किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने से वंचित कर दिया जाएगा.