पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट को दान में दी गई राशि पर मिलेगी टैक्स में छूट

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एक अधिसूचना में कहा कि जो कंपनियां 2021-22 से 2026-27 के दौरान पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट को जो पैसा दान स्वरूप देंगी, वे उस पर कर छूट का दावा कर सकती हैं.

योग गुरु रामदेव. (फाइल फोटो: पीटीआई)

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एक अधिसूचना में कहा कि जो कंपनियां 2021-22 से 2026-27 के दौरान पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट को जो पैसा दान स्वरूप देंगी, वे उस पर कर छूट का दावा कर सकती हैं.

योग गुरु और व्यापारी रामदेव. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट को शोध संस्थान मानते हुए उसे दान के रूप में दी जाने वाली राशि पर पांच साल के लिए कर कटौती का लाभ देने की घोषणा की है.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि जो कंपनियां 2021-22 से 2026-27 के दौरान पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट को जो पैसा दान स्वरूप देंगी, वे उस पर कर छूट का दावा कर सकती हैं. सीबीडीटी ने आयकर अधिनियम की धारा 35(1)(ii) के तहत ये मंजूरी प्रदान की है.

दंत मंजन से लेकर आटा नूडल जैसे उत्पाद बेचने वाला पतंजलि समूह देश में दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों में तीव्र वृद्धि हासिल करने वालों में से एक है.

सीबीडीटी ने अधिसूचना में कहा, ‘केंद्र सरकार आयकर कानून, 1961 की धारा 35 के उप-धारा (1) के उपबंध (2) के तहत वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए मेसर्स पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट, हरिद्वार को ‘रिसर्च एसोसिएशन’ की श्रेणी में रखे जाने को मंजूरी देती है.’ यह छूट आकलन वर्ष 2022-23 से 2027-28 के लिए लागू होगी.

आयकर नियमों के तहत करदाताओं को वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए ‘अनुमोदित वैज्ञानिक अनुसंधान संघ’ को भुगतान की गई राशि को कुल आय में से कटौती करने की अनुमति है.

इससे पहले 9 मार्च, 2021 को धारा 35 (1) के तहत उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित बेनेट विश्वविद्यालय को ‘विश्वविद्यालय, कॉलेज या अन्य संस्थान’ की श्रेणी के तहत वैज्ञानिक शोध तथा सामाजिक विज्ञान में रिसर्च और सांख्यिकीय अनुसंधान के लिए ये दर्जा प्रदान किया गया था.

इससे पहले पिछले एक साल में 28 जनवरी, 2020 को इंस्टीट्यूट ऑफ पेस्टिसाइड फॉर्म्युलेशन टेक्नोलॉजी, गुड़गांव और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स), धनबाद को 3 जनवरी, 2020 को इसी तरह का अधिसूचित दर्जा दिया गया था.

इस तरह का प्रावधान वैज्ञानिक अनुसंधान पर खर्च के लिए कर प्रोत्साहन को बढ़ावा देने के लिए किया गया था.

योग गुरु और व्यापारी रामदेव की अगुवाई वाले पंतजलि समूह ने बीते मंगलवार को कहा कि उसका कारोबार वित्त वर्ष 2020-21 में करीब 30,000 करोड़ रुपये रहा. इसमें रुचि सोया से होने वाला 16,318 करोड़ रुपये का कारोबार शामिल है.

पतंजलि ने ऋण समाधान प्रक्रिया के तहत रुचि सोया का अधिग्रहण पिछले वित्त वर्ष में किया था. रामदेव ने कहा कि पतंजलि समूह का लक्ष्य अपनी कंपनियों को अगले तीन-चार साल में कर्ज मुक्त बनाना है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)