उत्तराखंड सरकार ने किया लैंड यूज़ नियमों में परिवर्तन, नए भाजपा मुख्यालय का रास्ता साफ़

अब तक देहरादून मास्टर प्लान-2025 में केवल स्थानीय निकायों, राज्य और केंद्र सरकार तथा सार्वजनिक उद्यमों के कार्यालय भवनों को ही 'आवासीय' भूमि पर निर्माण की इजाज़त देने का प्रावधान था. हालांकि अब नियमों में बदलाव के बाद इस पर राजनीतिक दलों के कार्यालय भी बन सकेंगे.

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पुष्कर​ सिंह​ धामी. (फोटो: पीटीआई)

अब तक देहरादून मास्टर प्लान-2025 में केवल स्थानीय निकायों, राज्य और केंद्र सरकार तथा सार्वजनिक उद्यमों के कार्यालय भवनों को ही ‘आवासीय’ भूमि पर निर्माण की इजाज़त देने का प्रावधान था. हालांकि अब नियमों में बदलाव के बाद इस पर राजनीतिक दलों के कार्यालय भी बन सकेंगे.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर​ सिंह​ धामी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: उत्तराखंड सरकार ने बीते बुधवार को विकास प्राधिकरणों को ‘आवासीय उपयोग’ के लिए भूमि पर ‘राष्ट्रीय राजनीतिक दलों’ के कार्यालयों के निर्माण की अनुमति देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिससे भाजपा के लिए एक नए राज्य मुख्यालय का रास्ता साफ हो गया है.

अभी तक देहरादून मास्टर प्लान-2025 में केवल स्थानीय निकायों, राज्य और केंद्र सरकार तथा सार्वजनिक उद्यमों के कार्यालय भवनों को ही ‘आवासीय’ भूमि पर निर्माण की इजाजत देने का प्रावधान था.

यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा कार्यालय बनाने के लिए ‘लैंड यूज’ में परिवर्तन कराया गया है, कृषि मंत्री और पुष्कर सिंह धामी सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘अब सभी राष्ट्रीय दलों को इस श्रेणी में शामिल किया गया है. यदि कोई राष्ट्रीय राजनीतिक दल भविष्य में निर्माण करना चाहता है, तो उसे भी अनुमति दी जाएगी.’

भाजपा देहरादून में रिंग रोड पर लाडपुर क्षेत्र में 12,320 वर्ग मीटर के भूखंड पर नया मुख्यालय बना रही है. योजना के अनुसार, इमारत में 55 कमरे और चार हॉल होंगे, साथ ही एक डिजिटल लाइब्रेरी और कम से कम 500 लोगों के बैठने का स्थान बनाया जाएगा.

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्यालय के लिए भूमि पूजन में भाग लिया था और 17 अक्टूबर, 2020 को नींव रखी थी, हालांकि लैंड यूज के मुद्दे के कारण निर्माण शुरू होना बाकी है.

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के उपाध्यक्ष ने 22 जनवरी, 2021 को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें कहा गया था कि भाजपा मुख्यालय के लिए निर्धारित भूमि का एक हिस्सा ‘आवासीय उपयोग’ श्रेणी में आता है और निर्माण की अनुमति देने के लिए नियमों में छूट देने की जरूरत है.

बाद में एमडीडीए ने विकास प्राधिकरणों को ‘आवासीय’ भूमि पर राजनीतिक दलों के कार्यालयों को अनुमति देने का प्रस्ताव पेश किया. इसमें कहा गया था कि यदि राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक दल ‘आवासीय’ भूमि पर पार्टी कार्यालय स्थापित करना चाहते हैं, तो देहरादून मास्टर प्लान -2025 के जोनल प्लान में ऐसा एक प्रावधान किया जाना चाहिए ताकि इसकी अनुमति दी जा सके.