सोशल मीडिया मंच ग़लत सूचना से लोगों की जान ले रहे हैं: अमेरिकी राष्ट्रपति

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियां कोविड-19 रोधी टीकों के बारे में अपने मंचों पर भ्रामक सूचना को फैलने से रोकने में नाकाम रहकर लोगों की जान ले रही हैं. इसके जवाब में फेसबुक के एक प्रवक्ता कहा कि हम उन आरोपों से विचलित नहीं होंगे, जो तथ्यों पर आधारित नहीं हैं. असल तथ्य यह है कि दो अरब से अधिक लोगों ने फेसबुक पर कोविड-19 और टीकों पर प्रामाणिक सूचना देखी, जो इंटरनेट पर किसी भी अन्य मंच से अधिक है.

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जो बाइडन. (फोटो: रॉयटर्स)

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियां कोविड-19 रोधी टीकों के बारे में अपने मंचों पर भ्रामक सूचना को फैलने से रोकने में नाकाम रहकर लोगों की जान ले रही हैं. इसके जवाब में फेसबुक के एक प्रवक्ता कहा कि हम उन आरोपों से विचलित नहीं होंगे, जो तथ्यों पर आधारित नहीं हैं. असल तथ्य यह है कि दो अरब से अधिक लोगों ने फेसबुक पर कोविड-19 और टीकों पर प्रामाणिक सूचना देखी, जो इंटरनेट पर किसी भी अन्य मंच से अधिक है.

जो बाइडन. (फोटो: रॉयटर्स)

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियां कोविड-19 रोधी टीकों के बारे में अपने मंचों पर भ्रामक सूचना को फैलने से रोकने में नाकाम रहकर लोगों की जान ले रही हैं.

बाइडन की ये टिप्पणियां तब आई हैं, जब एक दिन पहले अमेरिका के सर्जन जनरल विवेक मूर्ति ने टीकों के बारे में गलत सूचना को जन स्वास्थ्य के लिए खतरा बताया था. अमेरिकी अधिकारियों ने सलाह दी कि इन टीकों से वायरस से मौत और गंभीर रूप से बीमार पड़ने से लगभग पूरी तरह बचा जा सकता है.

बाइडन से यह पूछा गया कि क्या उनके पास फेसबुक जैसे मंचों के लिए कोई संदेश है, जहां कोरोना वायरस टीकों के बारे में गलत या भ्रामक सूचना फैल रही है, इस पर उन्होंने कहा, ‘वे लोगों की जान ले रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां सिर्फ उन लोगों में महामारी है, जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है.’

मूर्ति ने बीते 15 जुलाई को कहा था कि कोविड-19 के बारे में गलत सूचना जानलेवा है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किसी समस्या के बारे में ऐसी अत्यधिक सूचनाएं बताया है जो आमतौर पर अविश्वसनीय होती हैं, तेजी से फैलती हैं तथा जिससे किसी समाधान पर पहुंचना और मुश्किल हो जाता है.

उन्होंने ह्वाइट हाउस में कहा, ‘गलत सूचना से हमारे देश के स्वास्थ्य को घातक खतरा पहुंचता है. हमें एक देश के तौर पर गलत सूचना से लड़ना चाहिए. जिंदगियां इसके भरोसे हैं.’

स्वास्थ्य पर गलत सूचनाएं फैलाने में इंटरनेट की भूमिका का जिक्र करते हुए मूर्ति ने कहा था कि प्रौद्योगिकी कंपनियों और सोशल मीडिया मंचों को गलत सूचना फैलने से रोकने के लिए अपने उत्पादों तथा सॉफ्टवेयर में सार्थक बदलाव करने चाहिए.

बीबीसी के मुताबिक, एक दिन पहले शुक्रवार को ह्वाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा था कि फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म कोरोना टीकों से जुड़ी भ्रामक जानकारियों से निपटने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘जाहिर है, उन्होंने कुछ कदम उठाए हैं. यह स्पष्ट है कि और कदम उठाए जाने चाहिए.’

वहीं, फेसबुक का कहना है कि वह लोगों की स्वास्थ्य की रक्षा के लिए बड़े स्तर पर कार्रवाई कर रहा है.

इस बीच फेसबुक के प्रवक्ता डेनी लीवर ने जवाब दिया, ‘हम उन आरोपों से विचलित नहीं होंगे, जो तथ्यों पर आधारित नहीं हैं. असल तथ्य यह है कि दो अरब से अधिक लोगों ने फेसबुक पर कोविड-19 और टीकों पर प्रामाणिक सूचना देखी, जो इंटरनेट पर किसी भी अन्य मंच से अधिक है.’

लीवर ने कहा, ‘अमेरिका के 33 लाख से अधिक लोगों ने हमारे उस वैक्सीन टूल का इस्तेमाल किया, जिसमें यह जानकारी दी गई है कि कहां और कैसे टीका लगवाएं. तथ्य दिखाते हैं फेसबुक जिंदगियों को बचाने में मदद कर रहा है.’

कंपनी ने कहा है, ‘हमने कोविड की गलत सूचनाओं से जुड़ी 1.8 करोड़ से अधिक सामग्री हटाई है. और उन अकाउंट्स को हटा दिया है जो बार-बार नियम तोड़ते हैं.’

टि्वटर ने अपने मंच पर लिखा, ‘दुनियाभर में कोविड-19 महामारी फैलने के बीच हम प्रामाणिक स्वास्थ्य सूचना बढ़ाने के लिए अपना काम जारी रखेंगे.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)