पेगासस जासूसी: सर्विलांस के आरोपों पर भारत के खंडन के बीच फ्रांस और इज़रायल ने दिए जांच के आदेश

पेगासस प्रोजेक्ट द्वारा सर्विलांस के संभावित लक्ष्यों वाले लीक डेटाबेस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का नंबर होने की जानकारी सामने आने के 24 घंटों के अंदर ही फ्रांस ने मामले की जांच के आदेश दिए. वहीं, इज़रायल ने आरोपों की जांच के लिए अंतर-मंत्रालयी टीम गठित की है.

//
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

पेगासस प्रोजेक्ट द्वारा सर्विलांस के संभावित लक्ष्यों वाले लीक डेटाबेस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का नंबर होने की जानकारी सामने आने के 24 घंटों के अंदर ही फ्रांस ने मामले की जांच के आदेश दिए. वहीं, इज़रायल ने आरोपों की जांच के लिए अंतर-मंत्रालयी टीम गठित की है.

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: पेगासस प्रोजेक्ट का खुलासा करने वाले मीडिया संगठनों द्वारा निगरानी के संभावित लक्ष्यों वाले लीक डेटाबेस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का नंबर मौजूद होने की जानकारी सामने लाने के 24 घंटों के अंदर ही फ्रांस ने मामले की जांच के आदेश दिए.

फ्रांसीसी टीवी चैनल टीएफ1 द्वारा प्रधानमंत्री जीन कास्टेक्स के बयान का उल्लेख करते हुए रॉयटर्स ने बुधवार को रिपोर्ट किया कि मैक्रों ने पेगासस स्पायवेयर मामले में कई जांच की मांग की है.

खुलासा होने के कुछ ही समय बाद मंगलवार की शाम मैक्रों के दफ्तर ने कहा, ‘अगर तथ्य सही हैं, वे साफ तौर पर बहुत गंभीर हैं. मीडिया के इन खुलासों का पूरा पता लगाया जाएगा. कुछ फ्रांसीसी पीड़ितों ने पहले ही शिकायत दर्ज कराने की घोषणा कर दी है और इसलिए कानूनी जांच शुरू की जाएगी.’

एलिसी वेबसाइट मेदियापार के संस्थापक संपादक एडवी प्लेनेल द्वारा दायर एक आपराधिक शिकायत का जिक्र कर रही थी, जिसका नंबर लीक हुए डेटाबेस में था. वह और मैक्रों एनएसओ ग्रुप के मोरक्को ग्राहक के चुनिंदा लक्षित व्यक्तियों में से थे.

लीक हुए नंबरों के डेटाबेस को फ्रांस की मीडिया नॉन-प्रॉफिट फॉरबिडेन स्टोरीज़ द्वारा हासिल किया गया था और दुनियाभर के 17 मीडिया संगठनों के साथ साझा किया गया था, जिसमें ले मोंडे, द वायर, हारेत्ज़, वाशिंगटन पोस्ट और द गार्जियन शामिल हैं.

माना जाता है कि ये नंबर इजरायली निगरानी प्रौद्योगिकी विक्रेता एनएसओ समूह के ग्राहकों द्वारा पहचाने गए व्यक्तियों की एक मास्टर-सूची हैं. हालांकि, कंपनी इस बात पर जोर दे रही है कि डेटा का पेगासस स्पायवेयर से कोई लेना-देना नहीं है और वास्तविक या संभावित हैकिंग लक्ष्यों की सूची का प्रतिनिधित्व नहीं करता है.

हालांकि, सूची के कम से कम 37 नंबरों की फॉरेंसिक जांच करने पर पेगासस हमले का प्रयास किए जाने या वास्तव में हमला किए जाने के संकेत मिले. उनमें से 10 नंबर भारतीय हैं जिसमें ममता बनर्जी के राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर, रक्षा पत्रकार सुशांत सिंह और द वायर के दो संंस्थापक संपादक शामिल हैं.

बता दें कि द वायर  और 16 मीडिया सहयोगियों की एक पड़ताल के मुताबिक, इजराइल की एक सर्विलांस तकनीक कंपनी के कई सरकारों के क्लाइंट्स की दिलचस्पी वाले ऐसे लोगों के हजारों टेलीफोन नंबरों की लीक हुई एक सूची में 300 सत्यापित भारतीय नंबर हैं, जिन्हें मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, न्यायपालिका से जुड़े लोगों, कारोबारियों, सरकारी अधिकारियों, अधिकार कार्यकर्ताओं आदि द्वारा इस्तेमाल किया जाता रहा है.

निशाना बनाने के लिए चुने गए नामों में 40 से ज्यादा पत्रकार, तीन प्रमुख विपक्षी नेताओं, एक संवैधानिक प्राधिकारी, नरेंद्र मोदी सरकार में दो पदासीन मंत्री, सुरक्षा संगठनों के वर्तमान और पूर्व प्रमुख एवं अधिकारी और बड़ी संख्या में कारोबारियों के नाम शामिल हैं.

हालांकि, फ्रांस में त्वरित जांच के आदेश के विपरित मोदी सरकार ने इस बात से साफ तौर पर इस बात की संभावना से इनकार कर दिया है कि इन व्यक्तिगत नामों की निगरानी में भारतीय अधिकारियों की कोई भागीदारी है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार शाम एक बयान जारी करके आरोपों को ‘साजिश’ बताया और कहा, ‘विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां अपने षड्यंत्रों से भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक पाएंगी.”

भाजपा के केंद्रिय मंत्रियों और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी पेगागस प्रोजेक्ट के खुलासे की निंदा की और जांच में शामिल समाचार संगठनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कोई सबूत नहीं होने की बात पर जोर दिया.

मंगलवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने भारत को बदनाम करने के लिए एमनेस्टी इंटरनेशनल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जिसके तकनीकी लैब ने पेगासस हमले का शिकार होने वाले फोनों की फॉरेंसिक जांच की थी.

वहीं, दूसरी तरफ एनएसओ समूह के देश इजरायल की सरकार ने मामले की जांच के लिए वरिष्ठ स्तर पर एक अंतर-मंत्रालयी टीम का गठन किया है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq