पश्चिमी महाराष्ट्र के पुणे मंडल में भारी बारिश और नदियों के उफान पर होने के चलते 84,452 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इनमें 40,000 से अधिक लोग कोल्हापुर ज़िले से हैं. पिछले दो दिनों से महाराष्ट्र में हो रही भारी बारिश के कारण रायगढ़, रत्नागिरी, पालघर, ठाणे, सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर, सांगली और सतारा आदि ज़िले भीषण बाढ़ की चपेट में हैं. कर्नाटक में भारी बारिश में तीन लोगों की मौत और हज़ारों लोगों को सुरक्षित निकाला गया.
मुंबई/बेंगलुरु: महाराष्ट्र में पिछले दो दिनों में बारिश से जुड़ी घटनाओं और भूस्खलन में 136 लोगों की मौत हो गई, जबकि पुणे मंडल के तहत 84,452 लोगों को शुक्रवार को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, क्योंकि राज्य में भारी बारिश का कहर जारी है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
पिछले दो दिनों से राज्य में हो रही भारी बारिश के कारण रायगढ़, रत्नागिरी, पालघर, ठाणे, सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर, सांगली और सतारा आदि जिले भीषण बाढ़ की चपेट में हैं, जिसके कारण कई हादसे भी हो चुके हैं.
पश्चिमी महाराष्ट्र के पुणे मंडल में भारी बारिश और नदियों के उफान पर होने के चलते 84,452 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इनमें 40,000 से अधिक लोग कोल्हापुर जिले से हैं. अधिकारियों ने बताया कि कोल्हापुर शहर के पास पंचगंगा नदी 2019 में आई बाढ़ के स्तर से भी ऊपर बह रही है.
पुणे और कोल्हापुर के साथ ही मंडल में सांगली और सतारा जिले भी आते हैं. सतारा भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
136 accidental deaths reported in Maharashtra till last evening due to rain and other monsoon-related incidents: Maharashtra Minister of Relief & Rehabilitation, Vijay Wadettiwar
(File photo) pic.twitter.com/QjfNlgXyaf
— ANI (@ANI) July 24, 2021
महाराष्ट्र के राहत और पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य में बारिश और अन्य मानसून से संबंधित घटनाओं के कारण शुक्रवार शाम तक 136 लोगों की मौत की सूचना सामने आई है.
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मृतकों में से 44 लोगों की मौत तटीय रायगढ़ जिले में भूस्खलन होने से हुई. उन्होंने बताया कि हादसा जिले में बृहस्पतिवार शाम महाड तहसील के तलाई गांव के पास भूस्खलन हुआ. महाड में एनडीआरएफ की टीमें और स्थानीय अधिकारी बचाव कार्य में लगे हुए हैं.
रायगढ़ जिला कलेक्टर निधि चौधरी ने बताया कि मलबे से अब तक दो स्थानों से कुल 44 शव निकाले जा चुके हैं. 35 घायलों का इलाज चल रहा है. रायगढ़ जिले में कुल 6 स्थानों पर भूस्खलन हुआ है.
राहत एवं पुनर्वास विभाग के मुताबिक, बाढ़ से 76 लोगों और 75 जानवरों की मौत हो चुकी है. कुल 38 लोग घायल हुए और 30 लोग लापता हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों से 90,000 लोगों को निकाला गया है.
Maharashtra | According to the Relief and Rehabilitation Department, 76 people and 75 animals have died due to floods. A total of 38 people were injured and 30 people are missing. 90,000 people have been evacuated from the flood-hit areas
(Visual from Sangli and Raigad) pic.twitter.com/DeoY8kviPP
— ANI (@ANI) July 24, 2021
इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार शाम सतारा जिले के लिए एक नया रेड अलर्ट जारी कर अगले 24 घंटे में जिले के पर्वतीय घाट इलाके में अत्यधिक भारी बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है, जहां भूस्खलन के बाद करीब 30 लोग लापता हैं.
पुलिस ने बताया कि शुक्रवार सुबह कोल्हापुर जिले में एक बस के एक नदी में बहने से ठीक पहले उस पर सवार आठ नेपाली श्रमिकों समेत 11 लोगों को बचा लिया गया.
अधिकारी ने कहा, ‘महाराष्ट्र में पिछले 48 घंटों में मरने वालों की संख्या 136 पहुंच गई है. ज्यादातर मौतें रायगढ़ और सतारा जिलों से हुई हैं.’
उन्होंने कहा कि भूस्खलन के अलावा कई लोग बाढ़ के पानी में बह गए. अधिकारी ने पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा जिले में विभिन्न घटनाओं में मरने वालों की संख्या 27 बताई.
सतारा ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार बंसल ने बताया कि अंबेघर और मीरगांव गांवों में बृहस्पतिवार रात भूस्खलन में कुल आठ मकान जमींदोज हो गये. लेकिन स्थानीय अधिकारियों की ओर से अभी तक दोनों घटनाओं में किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है.
अधिकारियों ने बताया कि वही राज्य में लगातार भारी बारिश होने के साथ रत्नागिरि जिले में भूस्खलन होने के बाद 10 लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है.
पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में शुक्रवार तड़के एक बस के बाढ़ के पानी में बहने से कुछ पल पहले, उसमें सवार आठ नेपाली श्रमिकों समेत 11 लोगों को बचा लिया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि निजी बस के चालक के खिलाफ बस को लापरवाही से चिकोडी नदी पर बने पुल पर ले जाने के लिए मामला दर्ज किया गया है. घटना भूदरगढ़ तहसील के पंगेरे गांव में तड़के करीब 2:30 बजे हुई. 11 लोगों में से आठ नेपाली नागरिक हैं, जो गोवा के होटलों में काम करते हैं और नासिक जा रहे थे. नासिक से उन्हें अपने देश लौटना था.
भूदरगढ़ थाने के वरिष्ठ निरीक्षक संजय मोरे ने कहा, ‘पंगेरे गांव के पुलिस पाटिल (स्थानीय पुलिस प्रतिनिधि) संदीप गुरव, कुछ स्थानीय लोगों और होमगार्ड के कर्मचारियों ने बस को रोककर ड्राइवर से आगे न जाने के लिए कहा, लेकिन वह इस बात को अनदेखा कर बस को पुल पर ले गया.’
उन्होंने कहा कि यहां तक कि यात्रियों और उसके सह-चालक ने भी चालक को रोकने की कोशिश की, लेकिन वह पुल पर आगे बढ़ता गया. एक बार तो बस पुल पर फिसलकर नदी में उतर गई. इसके बाद कुछ यात्री छत पर चढ़ गए और मदद के लिए चिल्लाने लगे.
मोरे ने कहा, ‘पुलिस पाटिल गुरव, अन्य पुलिसकर्मी, होमगार्ड और स्थानीय युवक मौके पर पहुंचे और पुल के पास खड़े एक ट्रक में रस्सी बांधकर सभी 11 लोगों को बचाया.’
उन्होंने कहा कि यात्रियों को बचाए जाने के कुछ ही क्षण बाद बस बह गई.
पुलिस के मुताबिक बस चालक अजीत परदेशी (39) को हिरासत में ले लिया गया. उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पश्चिमी महाराष्ट्र के पुणे मंडल में भारी बारिश और नदियों के उफान पर होने के चलते 84,452 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इनमें 40,000 से अधिक लोग कोल्हापुर जिले से हैं.
अधिकारियों ने कहा कि कोल्हापुर शहर के पास पंचगंगा नदी 2019 में बाढ़ के दौरान देखी गई तुलना में अधिक स्तर पर बह रही थी. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) टीमों, स्थानीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव कार्य जारी है.
भारतीय नौसेना की पश्चिमी कमान महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा में प्रभावित क्षेत्रों के राज्य और जिला प्रशासन को सहायता प्रदान करने के लिए संसाधन जुटा रही है. जो लगातार बारिश के कारण शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बाढ़ की चपेट में हैं.
Maharashtra: On civil authorities' request, 7 Naval Flood Rescue Teams from Mumbai deployed to Ratnagiri & Raigad dists. One Seaking 42C Helicopter from Mumbai deployed for aerial reconnaissance at Poladpur/Raigad. One ALH helo from Goa positioned at Ratnagiri for relief/rescue.
— ANI (@ANI) July 24, 2021
अधिकारियों के अनुरोध पर मुंबई से 7 नौसेना बाढ़ बचाव दल रत्नागिरी और रायगढ़ जिलों में तैनात किए गए हैं. रायगढ़ के पोलादपुर में हवाई टोह लेने के लिए मुंबई से एक 42सी हेलीकॉप्टर तैनात किया गया है. गोवा से एक एएलएच का हेलीकॉप्टर राहत और बचाव कार्य के लिए रत्नागिरी में तैनात है.
अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ से 54 गांव प्रभावित हुए हैं जबकि 821 गांव आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं.
उन्होंने बताया कि अकेले कोल्हापुर जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 40,882 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. कोल्हापुर जिले में बारिश से संबंधित घटनाओं में पांच लोगों- राधानगरी में दो, चांदगढ़ में दो और कागल तहसील में एक की मौत हो गई.
कोल्हापुर जिले में बाढ़ के कारण 10 राज्य राजमार्गों सहित कम से कम 39 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं. एनडीआरएफ की तीन टीमों को बचाव कार्य में लगाया गया है.
इस बीच महाराष्ट्र सरकार ने भूस्खलन में मरने वाले लोगों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की शुक्रवार को घोषणा की.
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जनहानि पर दुख प्रकट करते हुए वित्तीय सहायता की घोषणा की.
राज्य में लोगों को बारिश से कोई राहत मिलती नहीं नजर आ रही है, क्योंकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने छह जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जो पहले से बारिश से सराबोर हैं. आईएमडी ने ‘अत्यधिक भारी’ बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है और एहतियाती उपायों की सिफारिश की है.
अगले 24 घंटों के लिए तटीय कोंकण इलाके में रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के साथ ही पश्चिमी महाराष्ट्र के पुणे, सतारा और कोल्हापुर जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है.
महाराष्ट्र में भारी बारिश के कहर के बीच भारतीय सेना ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए अपनी टीमें तैयार की हैं.
एक रक्षा विज्ञप्ति में कहा गया है कि पुणे स्थित औंध मिलिट्री स्टेशन और बम्बई इंजीनियर ग्रुप के सैनिकों की कुल 15 राहत और बचाव टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है.
सेना ने राज्य में बाढ़ राहत और बचाव कार्य के लिए ‘ऑपरेशन वर्षा 21’ शुरू की है.
स्थानीय पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि लगातार बारिश के बाद पुणे जिले के भीमाशंकर मंदिर के गर्भगृह में पानी भर गया है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि बारिश से प्रभावित कोंकण के पहाड़ी एवं भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और रायगढ़ जिले में लोगों की मृत्यु पर उन्होंने दुख जताया.
मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के मुताबिक उन्होंने बचाव प्रक्रिया में लोगों से स्थानीय प्रशासन का सहयोग करने की अपील की. ठाकरे ने लोगों से कहा कि राज्य के कई इलाकों में अगले दो दिनों तक भारी बारिश का अनुमान जताए जाने को देखते हुए लोग सतर्क रहें. उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन को समन्वय के साथ काम करना चाहिए ताकि वर्षा से प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव अभियान सुचारू चल सके.
मुख्यमंत्री ने मंत्रालय (राज्य सचिवालय) में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नियंत्रण कक्ष का दौरा किया और कोंकण तथा पश्चिम महाराष्ट्र में भारी बारिश एवं बाढ़ से उपजी स्थिति का जायजा लिया.
ठाकरे ने जिला प्रशासन को बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है. विज्ञप्ति के मुताबिक, रायगढ़ जिले के मंगांव में लोगों को भोजन के करीब 2000 पैकेट बांटे गए हैं.
President Kovind called Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari and expressed his concern over the loss of life and property in the state due to rains and floods. The Governor apprised him about rescue and relief works undertaken to mitigate people’s plight: Rashtrapati Bhavan pic.twitter.com/mUPnXQ15iw
— ANI (@ANI) July 24, 2021
राष्ट्रपति भवन की ओर से कहा गया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को फोन किया और राज्य में बारिश और बाढ़ के कारण जान-माल के नुकसान पर चिंता व्यक्त की. राज्यपाल ने उन्हें लोगों की दुर्दशा को कम करने के लिए किए गए बचाव और राहत कार्यों से अवगत कराया.
कोंकण रेलवे की ओर से कहा गया है कि लगातार बारिश के कारण शुक्रवार को सेवाएं स्थगित होने के बाद कोंकण रेलवे मार्ग पर अब ट्रेन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं.
कर्नाटक में भारी बारिश में तीन लोगों की मौत, हजारों लोगों को सुरक्षित निकाला गया
कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में बीते 24 घंटे में भारी बारिश के कारण तीन लोगों की मौत हो गई. आठ स्थानों पर भूस्खलन हुआ और करीब नौ हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया. सरकार ने सात जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है.
भारतीय तटरक्षक बल ने कहा कि बाढ़ प्रभावित उत्तर कन्नड़ जिले में पूरे दिन बचाव अभियान चला, जिसमें 161 लोगों को बचाया गया.
कर्नाटक में भारी बारिश और बाढ़ के कारण कादरा बांध, मल्लापुर कुर्नीपेट, कैगा के पास फंसे लोगों को बचाने के लिए उत्तर कन्नड़ के जिला कलेक्टर के अनुरोध पर भारतीय नौसेना ने आपातकालीन प्रतिक्रिया दल ईआरटी तैनात किया है. टीम ने सिंगुड्डा और भैरे गांवों से 100 से अधिक लोगों को बचाया है.
वहीं भारतीय रेलवे ने सोनालियम-कुलेम और दूधसागर-कारानजोल के बीच भूस्खलन के कारण कुछ ट्रेन रद्द कर दीं. गोवा एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन को बेलगावी जिले में एक स्टेशन पर रोक दिया गया और यात्रियों को भोजन दिया गया.
मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने शुक्रवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ बाढ़ संबंधी हालात का जायजा लिया और सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों और विधायकों को अपने क्षेत्रों में राहत कार्यों की निगरानी करने का निर्देश दिया. उन्होंने अधिकारियों के अवकाश रद्द करने का भी आदेश दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से जिन किसानों को नुकसान पहुंचा है सरकार उनकी सहायता करेगी और राहत एवं बचाव कार्यों में भी सभी आवश्यक मदद देगी.
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जरूरतमंद जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल को भेजा जाए और राहत शिविर खोले जाएं. उन्होंने कहा कि राहत कार्यों में सेना की मदद, हेलीकॉप्टर लिए जाएं. येदियुरप्पा ने अधिकारियों से कहा कि वे जरूरत पड़ने पर वित्तीय सहायता का प्रस्ताव दें.
कर्नाटक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आयुक्त डॉ. मनोज राजन ने बताया कि बीते कुछ दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण बेलगावी, चिकमंगलुरु, धारवाड़, हावेरी, शिवमोगा और उत्तर कन्नड़ में बाढ़ के हालात बने हुए हैं. उन्होंने बताया कि कृष्णा, कावेरी, तुंगभद्रा, भीमा, कपिला नदियां तथा मालनाड़ एवं तटीय कर्नाटक में कई अन्य नदियां ऊफान पर हैं.
उनके द्वारा दिए गए विवरण के अनुसार 18 तालुकाओं में 131 गांव और 16,213 लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. तीन लोगों की जान जा चुकी है तथा दो लापता हैं. बारिश में 21 घर पूरी तरह से तबाह हो गए तथा 804 अन्य घरों को नुकसान पहुंचा है. अब तक 8,733 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. 291.03 किमी सड़क पानी में बह गई.
राज्य में 80 राहत शिविर खोले गए हैं जहां पर 4,964 लोगों ने शरण ले रखी है.
कोडागु जिले के विराजपेट और उत्तर कन्नड़ जिले के अराबैल घाट समेत आठ स्थानों पर भूस्खलन हुए हैं. अगले 24 घंटे में भारी से बेहद भारी बारिश की आशंका के मद्देनजर दक्षिण कन्नड़, उडुपी, उत्तर कन्नड़, शिवमोगा, चिकमेंगलुरु, हसन और कोडागु जिलों के लिए रेड अलर्ट और बेलगावी तथा धारवाड़ के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
भारी बारिश के कारण कर्नाटक में अधिकांश जलाशय भर गए हैं.
इस बीच, तटरक्षक बल ने एक वक्तव्य में कहा कि उत्तर कन्नड़ जिले में द्वीपों पर बचाव अभियान चलाने के लिए उसके मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) तथा बचाव अभियानों की सेवाएं ली जा रही हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)