मणिपुर की 26 साल की भारोत्तोलक मीराबाई चानू ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय भारोत्तोलक हैं. उन्होंने कुल 202 किलोग्राम (87 किलोग्राम + 115 किलोग्राम) से कर्णम मल्लेश्वरी के 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक से बेहतर प्रदर्शन किया.
टोक्यो/नई दिल्ली: ओलंपिक की भारोत्तोलन स्पर्धा में पदक के लिए भारत का 21 वर्ष का इंतजार खत्म करने वाली मीराबाई चानू ने 49 किलो वर्ग में रजत पदक जीता तो उनकी विजयी मुस्कान ने उन सभी आंसुओं की भरपाई कर दी, जो पांच साल पहले रियो में नाकामी के बाद उनकी आंखों से बहे थे.
पांच साल पहले खेलों के महासमर में निराशाजनक पदार्पण के बाद इसी मंच से वह रोती हुई गई थीं.
उनकी इस ऐतिहासिक जीत से भारत पदक तालिका में अभी दूसरे स्थान पर पहुंच गया, देश ने यह उपलब्धि पहले कभी हासिल नहीं की थी.
चीन की होऊ जिहुई ने 210 किग्रा (94 किग्रा +116 किग्रा) के प्रयास से स्वर्ण पदक जीता, जबकि इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांटिका ने 194 किग्रा (84 किग्रा +110 किग्रा) के प्रयास से कांस्य पदक अपने नाम किया.
That's how you go into the history books! 🙌
Saikhom Mirabai Chanu – Olympic silver medallist 🇮🇳#BestOfTokyo | #Tokyo2020 | #UnitedByEmotion | #StrongerTogether | @mirabai_chanu pic.twitter.com/r1wpEerN9u
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मणिपुर की 26 साल की भारोत्तोलक ने कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) से कर्णम मल्लेश्वरी के 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक से बेहतर प्रदर्शन किया. इससे उन्होंने 2016 में रियो ओलंपिक के खराब प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ दिया, जिसमें वह एक भी वैध वजन नहीं उठा सकी थीं.
करिअर की इस शानदार जीत के बाद चानू ने पत्रकारों से कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं, मैं पिछले पांच वर्षों से इसका सपना देख रही थी. इस समय मुझे खुद पर गर्व महसूस हो रहा है. मैंने स्वर्ण पदक की कोशिश की, लेकिन रजत पदक भी मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है.’
वह पिछले कुछ महीनों से अमेरिका में ट्रेनिंग कर रही थीं. 2016 का अनुभव काफी खराब रहा था और उन्होंने इसके बारे में बात करते हुए कहा था कि बड़े मंच पर अपने पदार्पण के दौरान वह कितनी घबरायी हुई थीं.
यह पूछने पर कि मणिपुरी होने के नाते इसके क्या मायने है तो उन्होंने कहा, ‘मैं इन खेलों में भारत के लिए पहला पदक जीतकर बहुत खुश हूं. मैं सिर्फ मणिपुर की नहीं हूं, मैं पूरे देश की हूं.’
India ki chaandi! 🥈
Mirabai Chanu lifts #Silver… becoming the first Indian medallist at #Tokyo2020! 🏋🏼#BestOfTokyo | #Olympics | #StrongerTogether | #UnitedByEmotion | @mirabai_chanu pic.twitter.com/ODnQoz9QKD
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शनिवार को चानू पूरे आत्मविश्वास से भरी थीं और पूरे प्रदर्शन के दौरान उनके चेहरे पर मुस्कान रही. उनके कान में ओलंपिक रिंग के आकार के बूंदे चमक रहे थे, जो उनकी मां ने उन्हें भेंट दिए थे.
स्नैच को चानू की कमजोरी माना जा रहा था, लेकिन उन्होंने पहले ही स्नैच प्रयास में 84 किग्रा वजन उठाया. मणिपुर की इस भारोत्तोलक ने समय लेकर वजन उठाया.
उन्होंने अगले प्रयास में 87 किग्रा वजन उठाया और फिर इसे बढ़ाकर 89 किग्रा कर दिया, जो उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 88 किग्रा से एक किग्रा ज्यादा था, जो उन्होंने पिछले साल राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में बनाया था.
हालांकि वह स्नैच में अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को बेहतर नहीं कर सकीं और स्नैच में उन्होंने 87 किग्रा का वजन उठाया और वह जिहुई से ही इसमें पीछे रहीं, जिन्होंने 94 किग्रा से नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया.
चीन की भारोत्तोलक का इसमें विश्व रिकार्ड (96 किग्रा) भी है.
क्लीन एवं जर्क में चानू के नाम विश्व रिकार्ड है, उन्होंने पहले दो प्रयासों में 110 किग्रा और 115 किग्रा का वजन उठाया.
हालांकि वह अपने अंतिम प्रयास में 117 किग्रा का वजन उठाने में असफल रहीं, लेकिन यह उन्हें पदक दिलाने और भारत का खाता खोलने के लिए काफी था.
पदक जीतकर वह रो पड़ीं और खुशी में उन्होंने अपने कोच विजय शर्मा को गले लगाया. बाद में उन्होंने ऐतिहासिक पोडियम स्थान हासिल करने का जश्न पंजाबी भांगड़ा करके मनाया.
इस उपलब्धि की उनकी खुशी मास्क से भी छुप नहीं रही थी जो पदक समारोह के दौरान और बढ़ गई.
खेलों के लिए बनाए गए कोविड-19 प्रोटोकॉल में पदक विजेताओं को सामाजिक दूरी बनाए रखनी थी और वे ग्रुप फोटोग्राफ के लिए एक साथ नहीं हो सके.
लेकिन तीनों पदकधारियों ने एक दूसरे को बधाई दी और फोटो भी खिंचवाई, लेकिन एक अधिकारी ने उन्हें अलग होने के लिए कह दिया.
इस भारतीय ने अंतरराष्ट्रीय एरीना में हर जगह खुद को साबित किया, बस इसमें ओलंपिक पदक की कमी थी, जो अब पूरी हो गई.
चानू विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण, राष्ट्रमंडल खेलों में (2014 में रजत और 2018 में स्वर्ण) दो पदक और एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकी हैं.
मीराबाई को ओलंपिक में अपनी दी कानों की बाली पहने देखकर भावुक हुईं उनकी मां
मीराबाई चानू के ऐतिहासिक रजत पदक और उनकी मधुर मुस्कान के अलावा शनिवार को इस भारोत्तोलक के शानदार प्रदर्शन के दौरान उनके कानों में पहनी ओलंपिक के छल्लों के आकार की बालियों ने भी ध्यान खींचा जो उनकी मां ने पांच साल पहले अपने जेवर बेचकर उन्हें तोहफे में दी थी.
मीराबाई की मां को उम्मीद थी कि इससे उनका भाग्य चमकेगा. रियो 2016 खेलों में ऐसा नहीं हुआ, लेकिन मीराबाई ने आज सुबह टोक्यो खेलों में पदक जीत लिया और तब से उनकी मां सेखोम ओंग्बी तोम्बी लीमा के खुशी के आंसू रुक ही नहीं रहे हैं.
लीमा ने मणिपुर में अपने घर से कहा, ‘मैं बालियां टीवी पर देखी थी, मैंने ये उसे 2016 में रियो ओलंपिक से पहले दी थी. मैंने मेरे पास पड़े सोने और अपनी बचत से इन्हें बनवाया था, जिससे कि उसका भाग्य चमके और उसे सफलता मिले.’
उन्होंने कहा, ‘इन्हें देखकर मेरे आंसू निकल गए और जब उसने पदक जीता तब भी. उसके पिता (सेखोम कृति मेइतेई) की आंखों में भी आंसू थे. खुशी के आंसू. उसने अपनी कड़ी मेहनत से सफलता हासिल की.’
मीराबाई को टोक्यो में इतिहास रचते हुए देखने के लिए उनके घर में कई रिश्तेदार और मित्र भी मौजूद भी मौजूद थे.
मणिपुर की राजधानी इम्फाल से 25 किमी दूर मीराबाई के नोंगपोक काकचिंग गांव में स्थित घर में कोविड-19 महामारी के कारण कर्फ्यू लागू होने के बावजूद शुक्रवार रात से ही मेहमानों का आना जाना लगा हुआ था.
मीराबाई की तीन बहनें और दो भाई और हैं.
उनकी मां ने कहा, ‘उसने हमें कहा था कि वह स्वर्ण पदक या कम से कम कोई पदक जरूर जीतेगी. इसलिए सभी ऐसा होने का इंतजार कर रहे थे. दूर रहने वाले हमारे कई रिश्तेदार कल शाम ही आ गए थे. वे रात को हमारे घर में ही रुके.’
उन्होंने कहा, ‘कई आज (शनिवार) सुबह आए और इलाके के लोग भी जुटे. इसलिए हमने बरामदे में लगा दिया और टोक्यो में मीराबाई को खेलते हुए देखने के लिए लगभग 50 लोग मौजूद थे. कई लोग आंगन के सामने भी बैठे थे. इसलिए यह त्योहार की तरह लग रहा था. ’’
लीमा ने कहा, ‘कई पत्रकार भी आए. हमने कभी इस तरह की चीज का अनुभव नहीं किया था.’
मीराबाई ने टोक्यो के भारोत्तोलन एरेना में अपनी स्पर्धा शुरू होने से पहले वीडियो कॉल पर बात की और अपने माता-पिता का आशीर्वाद लिया.
मीराबाई की रिश्ते की बहन अरोशिनी ने कहा, ‘वह (मीराबाई) बहुत कम घर आती है (ट्रेनिंग के कारण) और इसलिए एक दूसरे से बात करने के लिए हमने वॉट्सऐप पर ग्रुप बना रखा है. आज सुबह उसने हम सभी से वीडियो कॉल पर बात की और अपने माता-पिता से उसने आशीर्वाद लिया.’
उन्होंने कहा, ‘उसने कहा कि देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने के लिए मुझे आशीर्वाद दीजिए. उन्होंने आशीर्वाद दिया. यह काफी भावुक लम्हा था.’
बिंद्रा ने लिखा, कोविड काल में रजत पदक ‘खुशी के पल ही याद’ दिलाता रहेगा
टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चानू को लिखे प्रशंसा पत्र में महान निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने शनिवार को कहा कि भारतीय भारोत्तोलक की यह शानदार उपलब्धि ऐसे समय में ‘खुशी की छोटी सी याद’ का काम करेगी जब देश कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है.
भारत के अब तक एकमात्र व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा ने कहा कि यह उपलब्धि आने वाली भारतीय पीढ़ियों को प्रेरित करेगी.
बिंद्रा ने चानू को बधाई देते हुए पत्र में लिखा, ‘टोक्यो ओलंपिक 2020 में आपका शानदार प्रदर्शन निश्चित रूप से ओलंपिक खेलों में किसी भारतीय खिलाड़ी के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के रूप में याद रखा जाएगा और यह आने वाली पीढ़ियों के लिये प्रेरणा के रूप में भी काम करेगा.’
From one Olympic medallist to another. 🥺❤️#Tokyo2020 #StrongerTogether #UnitedByEmotion @mirabai_chanu https://t.co/ISBbGjXFNx
— Olympic Khel (@OlympicKhel) July 24, 2021
उन्होंने लिखा, ‘महामारी के इस कठिन दौर में जब जिंदगी अचानक से रुक गई है और जिंदा रहना भी मुश्किल काम बन गया है, आपकी तरह की जीत खुशी की छोटी सी याद का काम करेगी.’
बिंद्रा ने लिखा, ‘खेलों में हमारे देश की 100 वर्षों की भागीदारी में कुछेक विशेष खिलाड़ी ही पोडियम पर खड़े होने के रोमांच का अनुभव कर पाए हैं. यह वर्षों की कड़ी मेहनत और एकाग्र दृढ़ संकल्प का ही पुरस्कार है.’
उन्होंने लिखा, ‘देश को गौरवान्वित करने के लिए आपने जो बलिदान किए हैं, वो इस अविश्वसनीय उपलब्धि को और भी मीठा बना देंगे.’
राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री समेत तमाम हस्तियों ने दी बधाई
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देशभर से भारोत्तोलक मीराबाई चानू को टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने के लिए बधाइयां दी है.
Heartiest congratulations to Mirabai Chanu for starting the medal tally for India in the Tokyo Olympics 2020 by winning silver medal in weightlifting.
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 24, 2021
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा, ‘भारोत्तोलन में रजत पदक जीतकर टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के लिए पदक तालिका की शुरुआत करने के लिए मीराबाई चानू को हार्दिक बधाई.’
Could not have asked for a happier start to @Tokyo2020! India is elated by @mirabai_chanu’s stupendous performance. Congratulations to her for winning the Silver medal in weightlifting. Her success motivates every Indian. #Cheer4India #Tokyo2020 pic.twitter.com/B6uJtDlaJo
— Narendra Modi (@narendramodi) July 24, 2021
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर कहा, ‘टोक्यो ओलंपिक 2020 में इससे सुखद शुरुआत नहीं हो सकती थी. भारत मीराबाई चानू के शानदार प्रदर्शन से बहुत खुश है. भारोत्तोलन में रजत पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई. उनकी सफलता प्रत्येक भारतीय को प्रेरित करेगी.’
India’s 1st medal on day 1 !@mirabai_chanu wins SILVER in women's 49kg weightlifting! 🥈🏋️
India 🇮🇳 is so proud of you Mira !#TeamIndia #Tokyo2020 pic.twitter.com/QSqI7XTHbV
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) July 24, 2021
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्वीट कर कहा, ‘भारत का पहले दिन का पहला पदक. मीराबाई चानू ने महिलाओं की 49 किग्रा भारात्तोलन स्पर्धा में रजत पदक जीता. भारत को तुम पर गर्व है मीरा.’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 32वें ओलंपिक खेलों में भारत के लिए पहला पदक जीतने वाली मीराबाई चानू को बधाई देते हुए कहा कि भारत को अपनी इस बेटी पर नाज है.
Congratulations to #MirabaiChanu for our country’s first medal on the very first day.
India is proud of her daughter. pic.twitter.com/iv70x7s8Od
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 24, 2021
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘ओलंपिक के पहले दिन हमारे देश को पहला पदक दिलाने के लिए मीराबाई चानू को बधाई. भारत को अपनी बेटी पर नाज है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)