केंद्र सरकार ने राज्यसभा में कहा है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों की मौत की कोई ख़बर नहीं है. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि केंद्र ने इन मौतों की जानकारी कभी नहीं मांगी और ऐसे बयान से देश को गुमराह किया है.
रायपुरः छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की जानकारी कभी नहीं मांगी और ऐसे बयान से केंद्र ने देश को गुमराह करने का काम किया है.
सिंहदेव ने कहा कि केंद्र सरकार ने सदन में कहा था कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का कोई आंकड़ा पेश नहीं किया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दरअसल इन मौतों के संबंध में राज्य सरकारों से किसी तरह के आंकड़ों की मांग नहीं की थी.
सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ को ऑक्सीजन सरप्लस राज्य बताते हुए कहा कि राज्य सरकार मेडिकल ऑक्सीजन की कमी की वजह से दम तोड़ चुके मरीजों की संख्या का पता लगाने के लिए कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुई मौतों का दोबारा ऑडिट करा रही है.
दरअसल 20 जुलाई को केंद्र सरकार ने राज्यसभा में कहा था कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों की मौत की कोई ख़बर नहीं है, जिसकी विपक्षी पार्टियों ने कड़ी आलोचना की थी.
सिंहदेव ने शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘भारत सरकार को राज्य सरकार की ओर से लगातार डेटा दिया जाता रहा है हालांकि, केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन से हुई मौतों के बारे में कभी नहीं पूछा, यहां तक कि कोरोना से संबंधित मौतों के मामले में जिस फॉर्म को राज्य सरकारें भरती हैं, उनमें ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों को लेकर अलग से कोई कॉलम भी नहीं है. ऐसे में यह बयान देना कि राज्य सरकारों ने उन्हें पर्याप्त आंकड़े मुहैया नहीं कराए, यह अपने कुप्रबंधन को छिपाने का जानबूझकर किया गया प्रयास है.’
उन्होंने कहा, ‘छत्तीसगढ़ ऑक्सीजन सरप्लस राज्य है इसलिए हमने ऑक्सीजन की कमी से संबंधित मौतों का रिकॉर्ड दर्ज नहीं किया लेकिन जिद्दी बनने के बजाय हम लोगों और अन्य हितधारकों को सुनने के इच्छुक हैं. हमने राज्य में कोविड-19 से संबंधित मौतों का ऑडिट पहले ही शुरू कर दिया है.’
उन्होंने कहा, ‘हम राज्य में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी की वजह से अस्पताल या अस्पताल के बाहर हुई मौतों से संबंधित हर जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे ऑडिट का विस्तार कर रहे हैं.’
मंत्री ने राज्य की गैरसरकारी संस्थाओं, सिविल सोसाइटी के सदस्यों और पत्रकारों से आग्रह किया है कि वे सरकार को सूचित करें कि क्या उन्हें मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी भी कोरोना वायरस रोगी की मौत की जानकारी है.
उन्होंने कहा, ‘पारदर्शिता लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार का मूल है और हम पारदर्शिता के लिए कांग्रेस की प्रतिबद्धता का पालन करेंगे.’
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राज्य के पास सरकारी और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का कोई रिकॉर्ड नहीं है.
सिंहदेव ने कहा, ‘शिकायतें आ रही थीं लेकिन वे अप्रमाणित थीं. हम सभी संदेहों को दूर करने के लिए दोबारा मौतों का ऑडिट करेंगे.’
सिंहदेव ने केंद्र सरकार से देशभर में मौतों का इसी तरह से ऑडिट करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, ‘अगर केंद्र सरकार बिना किसी सबूत के छत्तीसगढ़ पर वैक्सीन को बर्बाद करने का आरोप लगा सकती है तो उन्हें देशभर में अपनी टीमें भेजकर यह पता लगाना चाहिए कि ऑक्सीजन की कमी से कितनी मौतें हुईं.’
सिंहदेव ने बताया कि राज्य की ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता 388.87 मीट्रिक टन है और राज्य में ऑक्सीजन की सर्वाधिक 180 मीट्रिक टन खपत 26 अप्रैल को हुई थी.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत मार्च के मध्य से हुई थी. पंद्रह मार्च से 22 जुलाई तक छत्तीसगढ़ में कोरोना से 9,617 लोगों की मौत हो गई है.