गुजरात के सूरत के अठवा, सलबतपुरा, चौक बाज़ार, महिधरपुरा, सैयदपुरा, लालगेट, रांदेर और लिंबायत पुलिस थाना इलाकों में इस अवधि को बढ़ाया गया है. इन इलाकों में कई असामाजिक तत्वों द्वारा बल या दबाव के ज़रिये संपत्तियों पर क़ब्ज़ा करने की घटनाओं को कम करने के लिए यह फैसला किया गया है.
अहमदाबाद: गुजरात सरकार ने मंगलवार को कहा कि सूरत के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील स्थानों पर संपत्तियों की मजबूरनवश होने वाली बिक्री को रोकने के उद्देश्य से अशांत क्षेत्र अधिनियम को पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है.
एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने स्थानीय भाजपा विधायक अरविंद राणा, पूर्णेश मोदी और संगीता पाटिल सहित स्थानीय सामाजिक संगठनों और नेताओं के विचारों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया.
अठवा, सलबतपुरा, चौक बाजार, महिधरपुरा, सैयदपुरा, लालगेट, लिंबायत और रांदेर थाना क्षेत्र में लागू कानून की अवधि 31 जुलाई को समाप्त होने वाली थी, लेकिन अब इसे पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है. बल के इस्तेमाल से दूसरे की संपत्ति पर कब्जा करने की कोशिश करने वाले असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह अधिनियम अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, खंभात, भरूच, कपडवंज, आणंद और गोधरा के कुछ हिस्सों में लागू है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने सूरत के अठवा, सलबतपुरा, चौक बाजार, महिधरपुरा, सैयदपुरा, लालगेट पुलिस थाना इलाकों में 17 अक्टूबर 2017 से अशांत क्षेत्र अधिनियम लागू किया था. प्रशासन ने 14 मार्च 2020 से इस अधिनियम के तहत रांदेर और लिंबायत इलाकों को भी शामिल किया था.
इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि इन इलाकों में कई असामाजिक तत्वों द्वारा बल या दबाव के जरिये संपत्तियों पर कब्जा करने की घटनाओं को कम करने के लिए यह फैसला किया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)