22 ज़िलों में कोविड-19 के दैनिक मामले बढ़े, कह नहीं सकते कि दूसरी लहर ख़त्म हो गई: सरकार

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश के इन 22 ज़िलों में से सात केरल, दो महाराष्ट्र और बाकी पूर्वोत्तर राज्यों में हैं. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि यह कहना ग़लत होगा कि कोविड-19 वायरस की दूसरी लहर समाप्त हो गई है. हो सकता है कि हम थक गए हो, लेकिन यह वायरस नहीं थका. इस हल्के में नहीं लिया जा सकता.

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(फोटो: रॉयटर्स)

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश के इन 22 ज़िलों में से सात केरल, दो महाराष्ट्र और बाकी पूर्वोत्तर राज्यों में हैं. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि यह कहना ग़लत होगा कि कोविड-19 वायरस की दूसरी लहर समाप्त हो गई है. हो सकता है कि हम थक गए हो, लेकिन यह वायरस नहीं थका. इस हल्के में नहीं लिया जा सकता.

(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि देश के सात राज्यों के 22 जिलों में कोरोना के दैनिक मामलों में वृद्धि हुई है, जो चिंताजनक है. इनमें सात जिले केरल, दो महाराष्ट्र और बाकी पूर्वोत्तर के राज्यों में हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवादादाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘देश में ऐसे 22 जिले हैं, जहां कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. बीते चार हफ्तों में इन जिलों में कोरोना मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. यह वृद्धि चिंताजनक है, जिस पर हम राज्यों के साथ चर्चा करनी जारी रख रहे हैं.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल के अलप्पुझा, कोट्टायम, मलप्पुरम, त्रिशूर, वायनाड, एर्नाकुलम और पथनमथिट्टा जिलों में कोरोना के दैनिक मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है.

वहीं, मणिपुर के चंदेल, चूराचंद्रपुर, इम्फाल पूर्व, नोनी और थोम्बल में भी इसी तरह की बढ़ोतरी देखने को मिली. मेघालय के वेस्ट गारो हिल्स, साउथ-वेस्ट खासी हिल्स और साउथ-वेस्ट गारो हिल्स के साथ अरुणाचल प्रदेश के पापुम परे, लोहित, पश्चिम सियांग, असम के नलबारी और त्रिपुरा के पश्चिम त्रिपुरा में भी इसी तरह कोरोना के दैनिक मामले बढ़ रहे हैं.

वहीं, महाराष्ट्र के सोलापुर और बीड जिलों में भी दैनिक आधार पर कोरोना के मामले बढ़ने से चिंता बढ़ी है.

अग्रवाल ने कहा, ‘केरल के मलप्पुरम में 28 जून से चार जुलाई के दौरान कोरोना के 1,428 मामले दर्ज किए गए, जो बीते हफ्ते लगभग 59 फीसदी बढ़कर 2,270 तक पहुंच गए. ठीक इसी तरह कोट्टायम में कोरोना के साप्ताहिक मामले 63 फीसदी बढ़कर 849 हो गए, जबकि एक महीने पहले साप्ताहिक आंकड़े 519 थे. हम राज्यों के साथ लगातार चर्चा कर रहे हैं कि हम किस तरह इसे डिटेक्ट कर इससे निपटने पर ध्यान केंद्रित करें, ताकि बढ़ रहे मामलों को कम किया जा सके.’

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि हालांकि कोरोना के सक्रिय मामले 37 लाख से कम होकर चार लाख हो गए हैं. इसके रोकथाम के प्रयासों और प्रतिबंधों के साथ कोरोना के मामले कुछ ही क्षेत्रों तक सीमित हैं.

अग्रवाल ने कहा, ‘27 जुलाई को कोरोना के नए मामले 29,689 दर्ज किए गए जबकि सात मई को ये 414,188 थे. 27 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में कोरोना के औसतन दैनिक नए मामलों की संख्या कम होकर 38,090 हो गई, जबकि 11 मई को समाप्त हुए सप्ताह में यह 387,029 थी.’

उन्होंने कहा कि 25 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में ऐसे जिले, जहां कोरोना के 100 से अधिक मामले हैं, उनकी संख्या घटकर 62 रह गई, जबकि 25 मई को समाप्त हुई सप्ताह में यह 379 थी.

अग्रवाल ने कहा कि कोरोना पॉजिटिविटी दर के संदर्भ में 26 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में 54 जिलों में कोरोना की पॉजिटिविटी दर 10 फीसदी से अधिक थी, जबकि 20 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में यह संख्या 46 थी, जिससे पता चलता है कि इन इलाकों में कोरोना अभी भी सक्रिय बना हुआ है.

अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने ऐसे स्थानों जहां पर कोरोना की पॉजिटिविटी दर बढ़ रही है, वहां प्रतिबंधों के निर्देश के साथ स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए थे.

इस संवाददाता सम्मेलन में मौजूद नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा, ‘यह कहना गलत होगा कि कोरोना की दूसरी लहर समाप्त हो गई है. हो सकता है कि हम थक गए हो, लेकिन यह वायरस नहीं थका. चीजों को हल्के में नहीं लिया जा सकता. वायरस को हल्के में नहीं लिया जा सकता.’